Japan एक ऐसा देश बताया जाता है जो murder के 97% cases solve कर देता है। Japan पुलिस बहुत ही तेज तरार मानी जाती है । लेकिन case number 114 आज भी जापान पुलिस के की छवि पर एक बहुत बड़ा काला धब्बा माना जाता है क्योंकि यह case पर आज भी नहीं सुलझा पाए।
इस case को वैसे तो कई नाम मिले पर सबसे सटीक नाम था The Monster with 21 faces ।
18 मार्च 1984 , Glyco company जोकी candy बनाती थी, के मालिक izaki के घर में दो नकाबपोश दाखिल होते हैं एक ही हाथ में pistol और एक के हाथ में rifle होती है। दोनों घर में घुसते हैं और Izaki की मां और पत्नी को telephone line के तार से बांध देते हैं। वे दोनों उनसे कहती हैं कि जितने पैसे चाहिए ले लो पर वह कहते हैं कि हम पैसों की जरूरत नहीं । इसके बाद वह izaki के पास जाते हैं । IIzaki bathtub में अपने बच्चों को नहला रहे होते हैं । वह izaki को उसी हालत में वहां से उठाकर car की backseat में बैठा कर फरार हो जाते हैं। इसके बाद वे उसे osaka के एक सुनसान घर में ले जाकर बंद कर देते हैं।
अगले दिन फिरौती का call company के number पे आता है। उन्हें एक बिलियन yen और 100 किलो सोना, दो दिन के अंदर चाइए थे। ना मिलने पर izaki की जान जाने की बात कही।
Japan police ने हर जगह नाकाबंदी कर दी। गाड़ियों की तलाशी की osaka में छापे भी मारे। पर जिस दिन फिरौती देनी थी उस से एक रात पहले ही Izaki कि किसी तरह अपने आप को खोल कर वहां से भाग जाते हैं। बिना फिरौती दिए izaki बच गए। पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी पर। अगले दिन इस izaki की factory के सामने खड़ी हुई 6 गाड़ियों में अचानक एक साथ आग लग गई।
कुछ दिन बाद उनकी factory में कई container उसके बीच एक ऐसा container आया जिसमें acid भरा हुआ था पर यहां भी एक बड़ा हादसा होने से बच गया।
इस पूरी प्रक्रिया को कम से कम 15 दिन बीत चुके थे इसके बाद जापान पुलिस को एक letter आया। Letter की शुरुआत ही कुछ इस तरह से थी “जापान के बेवकूफ पुलिसवालों ” letter का सार यह था की kidnapper ना तो izaki का कोई employe था, ना ही उसके खेतों में काम करने वाला कोई आदमी। Letter में आ गई यह भी बताया गया था कि kidnapper grey car से आया था और उसने izaki के घर के पास के ही एक store से खाना भी खरीदा था। अंत में letter में पुलिस को खुली चुनौती दी गई थी कि अगर वह उसे ढूंढ सकती है तो ढूंढ ले।
Letter के नीचे कोई नाम नहीं था लेकिन लिखा था from the monster with 21 faces ।
Police ने investigation शुरू की पर कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस फिर भी लगी रही।
ठीक है एक महीना बीत चुका था इस बार पुलिस के साथ-साथ Morinaga company को भी एक letter आया। स्टेटस में लिखा था किस कंपनी के product में potassium cyanide मिलाकर अलग-अलग stores में रखवा दिया गया है । जो भी इन्हें खाएगा उसकी मौत जरूर होगी और उनका जिम्मेदार company होगा। इसके बाद कुछ और companies को ऐसे letter आए जिनके कारण कंपनी इसको अपने सारे products वापस मंगाने पढ़े और उनका business ठप हो गया।
Police की जग हसाई लगी और pressure भी बढ़ता जा रहा था। इस केस के head shoji yamamoto करीबन सवा लाख लोगों से पूछताछ कर चुके थे पर उन्हें एक सुराग तक नहीं मिला था। अगस्त 1985 में Shoji ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। उनकी मौत हो गई।
इसके बाद फिर एक letter आया जिसमें Shoji के परिवार को संवेदना दी गई थी और लिखा गया था कि आपसे वह food products बनाने वाली companies को परेशान नहीं करेंगे। इसके बाद वाकई कभी भी दोबारा कोई letter नहीं आया और ना ही किसी को परेशान किया। पर जापान पुलिस आज तक यह नहीं समझ पाई कि यह सब किया क्यों जा रहा था । कई बार kidnappers को पैसे देने की बात की गई पर kidnapper ने पैसे लेने से मना कर दिया। तो वह यह सब कर क्यों रहे थे और यह case आज भी unsolved है।
ऐसे ही चालक criminal की कहनी होने वाले है Don 3
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