चंबल के डाकू में King of डकैत स्काई जाने वाला डाकू Malkhan singh चंबल का सबसे रईस डाकू था। चंबल के डाकू के पास सबसे ज्यादा sophisticated हथियार थे। इसके सारे हथियार विदेशों से imported हुआ करते थे और हाथ में हमेशा Italian दूरबीन लेकर चलता था। चंबल के ठाकुर अपने इंसाफ के लिए भी बहुत मशहूर था अगर इसे भनक भी लग जाती थी कि किसी महिला के साथ किसी भी तरह का शोषण हुआ है तो criminal को चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दिया करता था। इसकी दहशत ली वजह से rapes की वारदाते बंद हो गई थी।
मध्य प्रदेश के भिंड इलाके के बिलाऊ गांव 1967 के समय एक पुरोहित परिवार दबदबा हुआ करता था गांव की सड़क पर जमीन और पावर उनके हाथ में थी। इसी पुरोहित परिवार के torture से काफी लोग परेशान थे। उन्ही मे एक 16 साल का लड़का था । यह 16 साल का लड़का यह मानता था कि गांव का एक लड़का बड़ा मंदिर किसी भी एक परिवार तक सीमित नहीं रहना चाहिए क्योंकि भगवान तो हर किसी का है यहीं से मलखान के बगावती तेवर शुरू होने लगे। उसने गांव वालों को जागरुक करना शुरू कर दिया। चलिए बात पुरोहित परिवार के मुखिया कैलाश पंडित को पता चली तो उन्होंने पुलिस की मदद से मलखान को पकड़वा दिया और झूठे इल्जाम में फंसा दिया। पुलिस ने उसे मारपीट में के बाद छोड़ दिया जेल से वापस आने के बाद और खान को भी समझ आया कि उसे पावर हासिल करने के लिए पंचायत के चुनाव जीतने होंगे इसीलिए उसने कैलाश पंडित के खिलाफ पंचायत के चुनाव का पर्चा भर दिया।
जब ये बात कैलाश पंडित को पता चली तो उन्होंने फिर पुलिस के साथ मिलकर मलखान को इस बार अपने ही रिश्तेदार के झूठे कत्ल के केस में फंसा दिया। इसी बीच मलखान के एक मित्र का कत्ल भी हो गया था। इस बार जब मलखान जेल से निकला तो उसमें बदला लेने की आग पढ़ चुकी थी और समझ आ गया था कि सीधे रास्ते से वह यह नहीं कर पाएगा। इसके बाद वह चंबल गया जो उसने अपने कुछ दोस्तों रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक gang बनाया जो केवल कैलाश पुरोहित से बदला लेने के लिए बनाई गई थी। पर बदला लेने के लिए इन्हें हथियार चाहिए थे और उसके लिए पैसे कमाने थे इसलिए उन्होंने kidnapping और वसूली का काम शुरू किया। जब मलखान के पास हथियार आ जाते हैं तो वह गांव जाकर कैलाश पंडित पर हमला करता है। छह गोली लगने के बावजूद कैलाश पंडित बचाता है लेकिन एक दूसरा व्यक्ति मारा जाता है । इसके बाद पुलिस हाथ धोकर मलखान के पीछे पड़ गई ना चाहते हुए भी उसे चंबल को ही अपना permanent address पर आना पड़ा। इसके बाद उसने आनन-फानन में एक साथ कई kidnapping कर लिया और उससे लाखों रुपए कमाए उसने अपना gang भी बहुत बड़ा लिया।
इन लाखों रुपए उसे उसने अपने और अपने gang की सुरक्षा के लिए बेहतर से बेहतर हथियार मंगाए । जब भी पुलिस वाले इनको पकड़ने आते तो पुलिस के पास बाबा आदम के जमाने की पुस्तकें होती और इनके पास अमरीकी rifles । चंबल की दूसरी gangs के आपसी मुठभेड़ में भी मलखान ने नए rules निकाले। उसने अपने gang को सख्त निर्देश दिए कि gangs की आपसी मुठभेड़ में किसी भी बागी को केवल हाथ या पैर पर ही गोली मारी जाए। ऐसे में मलखान के लिए चंबल के बागियों की इज्जत बढने लगी। इसके बाद ही इसके डाकुओं का राजा कहलाया गया।
मलखान के ऊपर 89 से ज्यादा cases दर्ज हो चुके थे। पुलिस पर बहुत pressure आ रहा था। एक रोज मलखान को खबर मिली कि कैलाश पंडित गांव में शादी में आया हुआ है मलखान ने भी जाएंगे साथ गांव में धावा बोल दिया और आखिरकार कैलाश पुरोहित की जान ले ली इसके बाद उसका केवल एक मकसद रह गया था गांव का मंदिर उसने दान कर दिया कि अगर यह मंदिर का मसला हल हो जाता है तो वह खुद सरेंडर करने का बात CM तक पहुंचाई गई और उन्होंने गांव की जमीन गांव वालों को वापस करें उसके पास मलखान और उसकी gang ने surrender कर दिया।
ऐसे ही criminal की कहनी होने वाली है Don 3
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Apoorva