Soldier 2

भारत कभी अपने पहले सैनिक की कहानी नहीं भूल सकता है कि कैसे उन्होंने अपने देश अपने हक के लिए लड़ा था। जब जब बात इंडियन आर्मी को लीड करने की आती है तब तब के.एम. करियप्पा का नाम सबसे पहले लिया जाता है क्योंकि ये ऐसे सैनिक में से थे जिन्होनें ऐसी मुसिबतें झेली थी जो शायद किसी और सैनिक ने अभी तक झेली हो, के.एम. करियप्पा को इंडिया का पहला कमांडर इन चीफ बनाया गया था और इनको किपर के नाम से भी जाना जाता था और इनका ये नाम रखने के पिछे एक बहुत अच्छी और मजेदार कहानी थी, बात है तब की जब करियप्पा फतेहगढ़ में तनात थे तब एक ब्रिटिश ऑफिसर की पत्नी को उनका नाम लेने में बहुत दिक्कत आती थी तो वो करियप्पा को किपर नाम से बुलाने लगी थी। के.एम. करियप्पा का जन्म 28 जनवरी साल 1899 को कर्नाटक में हुआ था। इनके पिता मडप्पा एक राजस्व विभाग में काम करते थे, अपने 4 भाई और 2 बहनों में करियप्पा 2 नंबर पर आते थे, उनका बचपन से ही एक सैनिक बनने का सपना था क्योंकि वो अपने देश की सेवा करना चाहते थे। करिअप्पा ने अपनी शुरूआती पढ़ाई वही से कि थी जाहां उनका जन्म हुआ था और वो पढाई में बहुत अच्छे भी थे ख़ासकर मैथ्स और ड्रॉइंग में। करियप्पा को हमेशा से था कि उनको एक मौका मिले और वो आर्मी में शामिल हो सके, ये भी परफेक्ट स्टोरी लाइन हो शक्ति है सैनिक 2 फिल्म के लिए जिसके लिए मेकर्स एक ऐसा सीन क्रिएट कर सकते हैं कि कितने मेहनत और मुश्किलों के बाद भी करियप्पा एक सैनिक बने और मरते दम तक अपने देश की सेवा की। करियप्पा ने 1 दिसंबर साल 1919 को अपनी ग्रेजुएशन कि पढ़ाई पूरी की और उसके बाद उनको एक कमिशन की पोस्ट दी गई थी जिसके बाद उन्हें अपने करियर के बारे में सोचा कि क्यों ना एक बार आर्मी के लिए ट्राई किया जाए जिसके लिए वो बॉम्बे भी गए थे जहां उनकी सेलेक्शन भी हो गई थी और उनको 88वीं कर्नाटक इन्फैंट्री की दूसरी बटालियन में रखा गया था और अब उनकी असली कहानी शुरू हो गई थी.

अब करियप्पा ने सोचा था कि जितना हो सके वो सिर्फ और सिर्फ अपने लोगो की मदद करेंगे वो भी ब्रिटिश के नाक के निचे से। साल 1947, नवंबर में करियप्पा को सेना की पूर्वी कमान का नेता बना कर रांची में तनत किया गया था लेकिन फिर उन्हें 2 महीनों के अंदर ही वहां से सीधा कश्मीर भेजा गया था क्योंकि देश के आजाद होते कि वहा पाकिस्तान का खतरा ज्यादा था लेकिन एक बहादुर और हिम्मत वाला सिपाही होते हुए उन्होंने वहा का मोर्चा खुद समभाला और ये पाकिस्तान को दिखा दिया कि उनके होते हुए वो तो क्या या कोई और भी कश्मीर कि तरफ आने की हिम्मत नहीं कर सकता है, यहां तक ​​की अगर करियप्पा को लद्दाख नहीं भेजा गया होता तो आज लद्दाख इंडिया का हिस्सा नहीं होता। कमांडर की पोस्ट संभालते हुए करियप्पा ने नौसेरा का दौरा किया जहां यूएस वक्त 50 पैरासूट ब्रिगेड का नियंत्रण था. उन्‍होंने ब्रिगेड के कमांडर उस्‍मान से कहा कि वो उनसे एक तौफा चाहते है तो उस्‍मान ने पूछे कि आप तौफे में क्‍या लेना चाहेंगे तो करियप्‍पा ने जवाब में कहा था कि वो चाहते हैं कि वो कोट पर कब्‍जा करे. उस्मान ने इस काम को सफलतापुर्वक अंजाम दे दिया था जिसके बाद अब कबालिइयों ने नौसेरा पर हमला किया तो उसी रक्षा में कोट पर इंडियन फोर्सेस के नियंत्रण ने बहुत बड़ी भूमिका निभायी, और उसी दौरन जब करियप्पा जीप से श्रीनगर जा रहे तो पाकिस्तान ने उनपर स्नाइपर से हमला कर दिया था जिसे वो बार बार बचे थे, बाद में करियप्पा ने इसका मुंह तोड़ जवाब भी दिया था। अपनी 98 साल की उम्र तक उन्होंने देश की सेवा की और अगर इस फिल्म के आखिरी समय तक का सीन अगर दिखाया जाए तो वो लोगो से आचे से कनेक्ट कर पाएंगे जिस तरह लोग सोल्जर के पार्ट वन में कर पाए थे। शाहिद होने से पहले भी उन्होंने हमेशा हर युद्ध से संबंधित अपने जूनियर से बात करते थे और जितना हो सके वो उन्हें आपनी एक्सपर्ट आइडिया देते थे ताकि इंडिया कभी भी किसी से भी पीछे ना रहे खास पाकिस्तान से जिनके रग में रग में बैमानी भरा है। ये कहानी हो सकती है आने वाली फिल्म सोल्जर 2 की, आपको ये कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहें।

 

 

 

Chandan Pandit

 

 

Comment Your Thoughts.....

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Related Post

BETA 2

Beta 2

Kabhi kabhi kuch kahaniyan yunhin padhne ko mil jaati hain. Aur yeh kahani hai Kashish ki. Pata nahi Kashish ka asli naam Kashish hai bhi

Read More »

Gadar 2

Saal 1965 ke India- Pakistan yudh ko Bhartiya itihas mein sirf margins ki hi jagah milti hai, logo ki yaadon mein bhi iss yudh ki

Read More »

Beta 2

Swati Garg Gurgaon ki rehne wali ek mahila thi. Swati apne parivaar ke saath Gurgaon mein hi flat mein rehti thi, aur woh apne ache

Read More »

Bollygrad Studioz

Get the best streaming experience

Contact Us

41-A, Fourth Floor,

Kalu Sarai, Hauz Khas,

New Delhi-16

 

011 4140 7008
bollygard.fti@gmail.com

Monday-Saturday: 10:00-18:00​

Get Connected