आज एसएस राजामौली का नाम उन डायरेक्टर्स में लिया जाता है जो सक्सेस की सीढ़ीयां चढ़ते ही जा रहे हैं जो साल में एक ही फिल्म देते हैं लेकिन वो फिल्म ऐसी होती है लोगो के दिल-ओ-दिमाग पर एक अलग ही छाप छोड जाती है और उनमें से एक है आरआरआर और जब से लोगो ने इस्स मूवी को देखा है सबके मन में एक उम्मीद सी जाग गई है कि एसएस राजामोली आरआरआर मूवी की सीक्वल भी जल्दी लाए क्योंकि इस मूवी की सिर्फ कहानी ही नहीं हर चीज अच्छी रही फिर वो चाहे हो, कास्टिंग हो या इसके गाने हो। एस एस राजामौली की बहुप्रतीक्षित फिल्म आरआरआर ने 25 मार्च को सिनेमा घरों में दस्तक दी थी, फिल्म के मोशन पोस्टर्स और ट्रेलर देखकर पहले से ही इस फिल्म को बेसब्री से इंतजार कर रहे दर्शकों को यह फिल्म खूब पसंद आई हैं. फिल्म क्रिटिक्स को भी फिल्म पसंद आई हैं, और अच्छे रिव्यु भी दिए हैं. ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली के बाद निर्देशक एस एस राजामौली की यह अगला प्रोजेक्ट थी जिसपर इनको और भी जायदा प्यार और नाम मिली। लेकिन हमने फिल्म से संबंधित हर चीज की तारीफ कर दी थी लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि फिल्म बनाने के वक्त अकेले एसएस राजामौली को किया किया मुश्किलों का सामना करना पड़ा था ताकि उनका ये फिल्म दर्शकों को नाराज ना करे। एसएस राजामोली से पूछा गया था कि वो फिल्म बनते वक्त किया नोटिस करते हैं और किया सोचते हैं किसी भी फिल्म को डायरेक्ट करने वक्त , एसएस राजामोली ने बताया कि उनका एक ही मकसद होता है फिल्म बनाने का और वो है कि लोग हमारी संस्कृति को ना भूले और जितना हो सके वो फिल्म को लोगो से कनेक्ट कर सके ताकि वो जब भी सिनेमा हॉल जाए तो उन्हें कहानी हमेशा अलग और नई मीले।
जब एसएस राजामोली आरआरआर की शूटिंग कर रहे तो पहले उन्हें ये समझ नहीं आया था कि किसे कास्ट करें लेकिन कास्टिंग पूरी हो जाने के बाद उनके मन में जिस तरह की सेट की तस्वीर बनी थी उसे असली में बदले में एसएस राजामौली की हालत खराब हो गई थी लेकिन उन्हें खुद पर पूरा विश्वास था कि वो सारे चिंजो को ठीक से कर लेंगे और दर्शकों को खुद की बनाई एक मास्टर पीस देंगे, और ऐसा ही हुआ था एसएस राजामोली की मेहनत रंग लायी थी। फिल्म बहुत पहले ही वास्तविकता हो जाती है लेकिन जिस तरह कोविड ने लोगो को परेशान किया था ठीक उसी तरह उसने काई फिल्म के तारीख को आगे बढ़वा दिया था। अब ऐसा नहीं था कि एसएस राजामोली ने सिर्फ बोला और फिल्म बनने के लिए तैयार हो गई, 4 साल लग गई अपनी कल्पनाओं को पूरा करने में। एसएस राजामोली चाहते थे कि हर चीज उनकी कल्पना से पूरी मैच करे तभी जा कर वो रियल लगेगी और दर्शकों को अचंभित करेगी कि ऐसी भी कोई फिल्म हो सकती है। अब एसएस राजामौली को समझ नहीं आ रहा था कि वो इतना बड़ा सेट कहा से लाये तो उन्हें बहुत दिमाग लगाने के बाद फाइनल किया कि वो 100 एकड़ ज़मीन उधर पर लेंगे और कुछ शूटिंग उन्होंने एल्युमीनियम की फैक्ट्री में की थी ताकी सारी शूटिंग उनके बजट के अंदर हो जाए और बाकी टाइम वो फिल्म के प्रमोशन में लग जाए। जब लोगो को पता चला की सिर्फ एक फिल्म के लिए उनके लिए 100 एकड़ ज़मीन को उधर पर लिया था तो लोगो ने कहा कि ऐसा सिर्फ एसएस राजामोली ही करने की हिम्मत कर सकते हैं।
अभी फिल्हाल एक इंटरव्यू में एसएस राजामोली से पूछा गया था कि क्या हमें आरआरआर का सीक्वल देखने मिलेगा तो उन्हें मुस्कुराते हुए कहां कि अगर दर्शक चाहेंगे तो जरूर आएगा क्योंकि वो फिल्में उन्हीं के लिए तो बनाते है और यहां तक की उन्होंने स्क्रिप्ट पर काम भी करना शुरू कर दिया है और इस बार भी वो ऐसे दो क्रान्तिकारी के बारे में अपने मूवी में दिखाएंगे जिनका नाम इतिहास के पन्नो पर भी नहीं है। काई लोगो ने एसएस राजामौली से शिकायत भी की थी कि अजय देवगन और आलिया भट्ट का सीन बहुत कम था फिल्म में, तो किया वो इस बार फिर से दोनों को कास्ट करेंगे या नहीं जिसपर एसएस राजामोली ने कहा कि वो बाद की बात है लेकिन अगर वो कास्ट करते हैं तो इस बार हर कास्ट को एक स्ट्रॉन्ग सीन के साथ प्रेजेंट करेंगे ताकि सबकी अहमियत दर्शकों को देखने मिले। तो ऐसी कहानी हो सकती है आने वाली फिल्म आरआरआरआर की, आपको ये कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहिए।
Chandan Pandit