बिना गलती के 23 साल तक जेल में सजा काट चुके Kashmir के Ali Bhatt, एक carpet weaver थे, जिन्हें आतंकवाद के झूठे केस में फंसा कर उनसे उनकी ज़िन्दगी छीन ली गयी थी.
Ali Mohammad Bhat अपनी कहानी सुनाते हुए कहते है, की “मेरा जन्म 1971 में Kashmir के Hasan Abad में हुआ था. जब से मेरा जन्म हुआ तब से पूरे Hasan Abad में मेरी सिर्फ एक ही ख़ास जगह थी, और वह थी मेरी माँ की गोद(lap). वहां पे मैं सबसे ज्यादा safe feel करता था. 25 साल बाद, जब मैं Tihar Jail की ठंडी और सख्त ज़मीन पे सो रहा था, तब मुझे अपनी माँ को गले लगा कर, उनके हाथों को अपने चारों ओर feel करने के अलावा और कुछ नहीं चाहिए था. मेरी सबसे अच्छी यादें मेरे बचपन की है. हम लोग एक छोटे से मकान में बड़े हुए थे. मेरे चार भाई और चार बहन है, जिसमें मैं तीसरा सबसे बड़ा, पर सबका पसंदीदा था. मेरे सामने अम्मी अपनी सारी दुनिया भूल जाती थी. जब भी मैं अपने school में अच्छे marks लाता था, तब मेरी अम्मी मेरी favorite पनीर की सब्ज़ी बनाती थी. अबू मेरे idol थे. वह government job करते थे, जिसके लिए वह दिन भर मेहनत करते थे. वही शाम को वह हमारे carpet की दुकान में बैठते थे. वह हर रोज़ मेहनत करते थे, ताकि हम सब अच्छे से रह सके. उन्हें रोज़ाना बिना थके काम करते देख, मैं काफी inspired होता था. मैं भी चाहता था की मैं खुद से एक carpet बनाऊँ. मैं school से लौट कर, हर रोज़ दौड़ कर अपनी दुकान पे जाकर carpet बनाना सीखता था. मुझे आज भी अपने पहले sell का thrill याद है. उस दिन मैंने 48 रुपए में carpet sell की थी. जब मैं बड़ा हुआ, तब मैं रोज़ाना सुबह 6 बजे उठकर, market में carpets बेचता था. 16 साल की उम्र में ही मैं independent बन चूका था और मुझे किसी से अपना daily खर्चा मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी. अबू काफी proud feel कर रहे थे. उन्होंने मुझे अपनी कुछ savings दी, ताकि मैं खुद की एक दुकान खोल सकूँ.
मैं एक लड़की को पसंद भी करने लगा था, जिससे मैं बड़े होकर शादी करना चाहता था. लेकिन जैसे ही मैं 18 का हुआ Kashmir वह जन्नत रहा ही नहीं, जिसे मैं जानता था, वह युद्ध का मैदान बन चूका था. सड़क पे हर वक्त military vans को चलते हुए देख हमारे मन में खौफ बन गया था. हमें अब रोज़ाना किसी भी वक्त गोलियों की चलने की आवाज़ें सुनाई देने लगी थी, जिसके अगले दिन खबर आती थी की 10 से 15 कश्मीरी मारे गए. हम अब अपने घर से बाहर जाने से भी डरने लगे थे. पड़ोसी कहते थे की अगर तुम सुबह के वक्त निकल रहे हो, तो कोई भरोसा नहीं की तुम वापस ज़िंदा आओगे भी या नहीं. 100 से ज्यादा लोगों को घेर लिया जाता था और उन्हें torture कर उनसे चंदा वसूला जाता था. इस हालत में भी काम कर अपना गुज़ारा करने के अलावा, हमारे पास दूसरा कोई और option नहीं था. लेकिन एक दिन जब मैं और अबू अपनी दूकान की ओर जा रहे थे, तब हमें एक बड़ी सी military van ने रोक लिया. हम काफी डर गए थे, क्यूँकि 6 लोग, जिनके हाथों में guns थी, उन्होंने हमारी bodies search की और हमसे कुछ सवाल भी किया, जिसके बाद उन्होंने हमें अपने घर पे ही रहने की warning दी. Violence बढ़ता गया, जिसके चलते curfew लग गया. हम सभी काफी डरे थे, की कही हमें उठा न लिया जाए. मेरे school के 48 classmates में से 30 मारे जा चुके थे. कुछ homeless लोगों ने भी अपने हाथों में guns उठा लिया था और लोगों को मारने की धमकी देने लगे थे. बिना किसी savings और ना के बराबर income के साथ, अबू ने मुझे और मेरे भाइयों से कहा की ‘अगर तुम ज़िंदा रहना चाहते हो तो Kashmir छोड़ दो.’ रात में ही मैं और मेरे भाइयों ने हमारे एक लौते घर को अलविदा कहा और निकल पड़े. अब हमारे परिवार के लिए कमाना, हमारी ज़िम्मेदारी बन चुकी थी. मेरी अम्मी की आँखों से आँसू बहने लगे. वह मेरे हाथों को जाने नहीं देना चाहती थी, लेकिन मैंने उनसे वादा किया की मैं जल्द ही उनके पास दोबारा लौट आऊँगा. हमने सुबह की पहली bus पकड़ी और Delhi तक ज़िंदा पहुँचने की कामना की.”
आगे हम जानेंगे की आखिर Ali Bhat के साथ ऐसा क्या हुआ की जिससे वह जेल पहुंच गए, और उनके परिवार का क्या हुआ था? क्या वह सुरक्षित है या नहीं? जानने के लिए देखते रहिए हमारा यह channel जिसका नाम है Bollygrad studioz.
Tridev-2 में इस बार कहानी किसी officer की नहीं बल्कि एक ऐसे ही किसी आम लड़के की हो सकती है, जिसे जान बुझ कर एक झूठे case में फंसा दिया जाता है और उसकी ज़िन्दगी ख़राब कर दी जाती है. असल में main किरदार से किसी की दुश्मनी होगी, जिसके चलते निर्दोष होते हुए भी उसे अपनी ज़िन्दगी के कुछ साल जेल में बिताने पड़ते है, पर जल्द ही उसकी मदद के लिए एक officer आ जाता है, जो की main किरदार का दोस्त होता है.
The End
Animal
फिल्म एनिमल के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि, वो audience को अब बताएंगे कि असली violence का मतलब आखिरकार