Ali Bhat और उनके भाई, सुबह की पहली bus पकड़ कर Delhi के लिए निकल गए, उन्हें इस बीच मारे या पकड़े जाने का भी डर था. Ali Bhat अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहते है की “हम सुरक्षित Delhi पहुँच गए, लेकिन वहाँ रहने के लिए हमारे पास काफी कम budget था, इसीलिए हम एक छोटा सा कमरा ही afford कर पाएं, जिसमे हम चारों के साँस लेने की भी जगह नहीं थी. हम जबतक की खुद को settle कर पाते, उससे पहले ही police हमारे दरवाज़े पे पूछताछ के लिए हाज़िर थी. उनके पास हमारे खिलाफ कोई warrant नहीं था, पर क्यूंकि हम कश्मीरी थे, इसीलिए हम पे शक करना police के लिए आसान था. हम मज़बूर भरी नज़रों से उन्हें देख रहे थे, तबतक वो हमारे beds और बाकी सारे सामानो को उलट कर पूरे कमरे की ऐसे तलाशी ले रहे थे, जैसे की वह किसी खतरनाक चीज़ की तलाश में हो. उन्होंने हमसे सवाल किया ‘तुम सब क्यों यहाँ क्यों आएं हो?’, ‘तुम्हारा क्या connection है?’ हमारे पास इसका सिर्फ एक ही जवाब था, की हम आम आदमी है जो अपना गुज़ारा करने के लिए यहाँ आएं है. जब police को हमारे घर से कुछ नहीं मिला तो वो चले गए लेकिन तब भी हम उनके रडार पे थे. यहाँ से अगले 1.5 साल तक हम पे नज़र रखा गया. वो हमारी हर चाल पे अपनी नज़र बनाये हुए थे.”
Film Tridev-2 में भी Ali Bhat की ही तरह main किरदार को भी किसी बड़े politician के इशारे पे जान बुझ कर ऐसे ही परेशान किया जा सकता है.
Ali Bhat अपनी कहानी को जारी रखते हुए बताते है की “police हमारे घर पे किसी भी वक्त आ जाती थी. अगर हम किसी दिन घर आने में थोड़ा देर कर देते थे, तो वो तुरंत हमारे घर पहुंच कर सवाल करने लगते थे की हमे आने में इतनी देर क्यों हुई, हम दिन भर कहाँ थे और दिन भर में हम किस्से मिले. अगर हमारे घर पे कोई guest आ जाता था, तो police फिर हमारे घर पहुँच, हमसे और घर पे आये हुए guest से पूछताछ करने लगती थी. यहाँ तक की हमारे सारे मकान मालिक भी इन बातों से इतने परेशान हो जाते थे की वो हमे घर से निकलने को कह देते थे, कभी-कभी तो हमे आधी रात में ही घर खाली करना पड़ जाता था. हमे काफी बार घर से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. कितनी बार तो हमे घर ही नहीं मिलती थी, क्यूँकि जहां भी हम जाते थे, police हमारे पीछे चली आती थी. मामला और बिगड़ता गया. एक रात जब मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था, तब police ने अचानक दोस्त के घर आकर raid डाल दिया. वो हमे घसीटते हुये police station ले गए. उनके मुताबिक़ हम किसी लूट का हिस्सा थे. उन्होंने हमे दो दिनों तक हिरासत में रखा और काफी aggressive तरीके से पूछताछ की, जिसके बाद हमें जाने दिया.” Tridev में भी main किरदार को कुछ इसी तरह से police द्वारा torture करवाया जा सकता है, जिससे उसकी mental health पे काफी बुरा असर पड़ेगा और वह थोड़ा पागल हो जाएगा, जिसका फायदा main किरदार का दुश्मन उठाएगा और उसके खिलाफ और झूठे सबूत collect कर उसे फँसा देगा.
Ali Bhat के साथ भी यह सब इसीलिए हो रहा था, क्यूंकि वो कश्मीरी मुस्लिम थे. Ali Bhat आगे बताते है की “उनके रहते हमारा काम करना काफी मुश्किल हो गया था. वह हमारे सर पे इतने सवार थे, की मैं बाहर का रास्ता ढूंढने लगा था. इसीलिए जब मुझे Nepal में बढ़ते carpet business की खबर मिली तो मेरे कान खड़े हो गए. मैंने अच्छे-खासे पैसे जमा कर लिए थे, जिसके बाद मैं अपने एक भाई के साथ Nepal जाने की तैयारी करने लगा. रास्ते में हम अपने परिवार से मिलने Kashmir में रुके और एक बार फिर मैंने अपनी अम्मी से वादा किया की मैं जल्द ही उनसे मिलने आऊंगा. Kathmandu में हमे Muslim या Kashmiri के तौर पे नहीं देखा जाता था बल्कि एक आम इंसान के जैसा treat किया जाता था. हमारा business रफ़्तार पकड़ चूका था और अब हमें ऐसा लगा की हमारे सबसे बुरे दिन हमसे काफी पीछे है. पर एक दिन जब हम, मेरी शादी को लेकर ऐसे ही बातें कर रहे थे, तब हमने दरवाज़े पे एक knock सुनी.”
आगे हम जानेंग की आखिर Ali Bhat के घर उस दिन कौन आया था और आखिर उनके साथ आगे हुआ क्या? तो बने रहिये हमारे साथ इस channel पे जिसका नाम है Bollygrad studioz
To be continued… part-2