Munna Bhai Series

हम सब जानते हैं कि किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री की जिंदगी आसान नहीं होती है यहां तक ​​की जब बॉलीवुड में आपको अपनी पहचान भी बनानी मुश्किल हो जाती है। संजय दत्त वो नाम है जिसने अपने हर अंदाज से लोगो का दिल जीता है फिर चाहे वो सुनील दत्त – नरगिस जी के नाम से जाने गए या अपनी फिल्मों में किए गए काम से। हर अभिनेता और अभिनेत्री की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते ही हैं लेकिन जो अभिनेता या अभिनेत्री उस मुश्किल घड़ी को पार कर लेता है मानो वो सब कुछ हासिल कर लेता है। संजय दत्त के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था लेकिन उनके उतार-चढ़ाव में जिनहोने सबसे ज्यादा उनका साथ दिया था वो कोई और नहीं उनके माता पिता ही थे और अगर आज ये दोनों अपने बेटे संजय दत्त के साथ नहीं खड़े होते तो शायद आज कोई संजय दत्त को पहचान पाता या उन्हें याद रखता । जब संजय दत्त बॉलीवुड की दुनिया में आए थे तो उनको सिर्फ यही लगता था कि ये फिल्मो की दुनिया है और यह सिर्फ और सिर्फ एक्टिंग ही होता है और कुछ भी नहीं, लेकिन इस फिल्मी दुनिया की सच्चाई उन्हें कहा पता थी कि यहां एक्टिंग के साथ साथ और भी बहुत कुछ होता है। जब संजय दत्त का नाम ऊंचाईयों पर था तब मानो किसी की नजर लग गई हो और वो किसी वजह से जेल भेज दिए गए थे। उनके ऊपर ड्रग्स स्मगलिंग और मर्डर करने का चार्ज लगा था लेकिन सुनील दत्त को अपने बेटे संजय पर पूरा विश्वास था कि संजय कभी ऐसा नहीं कर सकते और इसी विश्वास ने ही संजय दत्त की बहुत मदद की थी। जब ये खबर मीडिया में आई कि संजय दत्त एक अपराधी है तो बॉलीवुड वालों ने संजय दत्त और उनके परिवार वालों को ऐसा ट्रीट करने लगे कि मानो सारी गलती उन्हीं की है और उन पर लगी सारी जुर्म सही है। अब जब संजय दत्त गिरफ्तार हो चुके थे तो उस वक्त उन्होंने जितने भी फिल्म साइन किए थे उन सब फिल्मों से उन्हें निकल दिया गया था, जिसके वजह से संजय दत्त डिप्रेशन में चले गए थे। उनको कुछ वक्त तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था तब उनके पिता जी सुनील दत्त ने उन्हें बहुत समझाया और उन्हें उस डिप्रेशन से बहार निकला। एक दिन संजय दत्त कहीं बाहर घूमने जा रहे थे, उन्होंने जैसे ही अपनी कार का गेट खोला तो उनको वहा सीट पर कई सारी फिल्मों की स्क्रिप्ट मिली और उसी स्क्रिप्ट के बीच थी मुन्ना भाई एमबीबीएस की स्क्रिप्ट , जो संजय दत्त की पूरी जिंदगी को बदलने वाली थी।संजय दत्त ने बिना पढ़े उस स्क्रिप्ट को फाइनल कर दिया था, लेकिन ऐसा नहीं था कि वो स्क्रिप्ट संजय का इंतजार कर रही थी क्योंकि वो स्क्रिप्ट लास्ट में संजय दत्त को मिली थी क्योंकि उससे पहले उस स्क्रिप्ट को शाहरुख खान और आमिर खान को भी ऑफर किया गया था लेकिन शाहरुख खान देवदास की शूटिंग के वक्त लगी छोट के वजह से उन्होंने मना कर दिया था उधर आमिर खान ने डेट्स नहीं होने के कारण मना कर दिया था, तब जाकर मेकर्स ने ये मूवी संजय दत्त को दी। इस मूवी के डायरेक्टर राजकुमार हिरानी भी बहुत कन्फ्यूजन में थे क्योंकि ये उनकी पहेली फिल्म थी और संजय दत्त पर पहले से ही इतने सारे केस चल रही थी फिर भी राजकुमार हिरानी ने डर के साथ इस फिल्म के लिए संजय दत्त को अप्रोच किया था। राजकुमार हिरानी अपनी फिल्म में सारा काम खुद ही करते हैं जैसे कि मुन्ना भाई एमबीबीएस की स्क्रिप्ट भी उन्होंने ही बनाई थी और कहानी को लिखने का काम भी करने वाले भी यही थे । अगर इनकी इस फिल्म की बात कि जाए तो क्रिटिक्स की तरफ से भी काफी अच्छे रिव्यू मिले थे, और यहां तक ​​की इसे एक पॉपुलर वेबसाइट IMBD ने भी इस फिल्म को 8.1/10 की जबरदस्त रेटिंग दी थी लेकिन ऐसा नहीं था कि ये फिल्म सिर्फ क्रिटिक्स को पसंद आई थी, ऑडियंस पर तो मानो मुन्ना भाई और सर्किट का भूत सवार हो गया था, जिसे देखो उसके मुह पर मुन्ना भाई और सर्किट के डायलॉग्स रहते हैं और इस रिएक्शन को देख कर मेकर्स ने मुन्ना भाई एमबीबीएस की सीक्वल भी निकाली थी लगे रहो मुन्ना भाई जो वो भी बिलकुल हिट सबित हुई और साथ ही साथ उस साल इस फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते थे, टोटल 54 नॉमिनेशन मिली थी जिसमें 25 अवॉर्ड अपने नाम किया था इस मूवी ने.

मेकर्स ने इतनी अच्छी प्रतिक्रिया देखते हुए सोचा कि क्यों ना मुन्ना भाई 3 यानी मुन्ना भाई चले अमेरिका रिलीज की जाए जिसके लिए साल 2007 में इसकी पार्ट 3 को लेकर मेकर्स ने संजय दत्त और अरशद वारसी को लेकर एक शॉर्ट फिल्म रिलीज की थी जिसमें ये दिखाया गया था कि मुन्ना भाई और सर्किट इंग्लिश सिखते हुए नजर आए लेकिन कुछ कारण के वजह से ये प्लान आगे नहीं बढ़ी पाई, लेकिन अगर ये शॉर्ट मूवी को बतौर मूवी बनाकर रिलीज किया जाता तो ये भी काफी दिलचस्प होती है। जब बात कास्टिंग की थी तो वहां भी राजकुमार हिरानी को बहुत दिक्कतें आ रही थी और ये अक्सर दिखाया गया है कि कास्टिंग में हमेशा डायरेक्टर्स को इश्यू होती ही है, पहले तो मुन्ना भाई के लीड एक्टर और एक्ट्रेस को लेकर हुई थी उसके बाद मेकर्स को समझ नहीं आ रहा था कि सर्किट के लिए किस्से फाइनल किया जाए। पहले तो मेकर्स ने सोचा था कि मकरंद देशपांडे को कास्ट करेंगे लेकिन तारीख नहीं होने के कारण उन्होंने भी सर्किट का रोल करने से मना कर दिया था, जिसके बाद ये रोल अरशद वारसी को दे दिया गया था। अब इस फिल्म ने सभी को वो सम्मान और नाम दिया जो मुन्ना भाई फिल्म से अपना शुरुआत कर रहे थे, बाद में उन सबके लिए इस फिल्म ने बॉलीवुड के रास्ते हमेशा के लिए खोल दिए खास कर ये फिल्म का टर्निंग प्वाइंट बना था अरशद वारसी के लिए क्योंकि वो उस वक्त संघर्ष कर रहे थे और इस फिल्म की सफलता ने उन्हें वो मंजिल दिया जिसका सपना अरशद वारसी ने देखा था। अब अगर दर्शकों को इंतजार है तो वो है उस अनाउंसमेंट कि जिस्मे राजकुमार हिरानी ये बोलेंगे की मुन्ना भाई की सीरीज 3 आ रही है और उन्होंने नए मुन्ना भाई और सर्किट को कास्ट भी कर लिया है। यहां तक ​​की मुन्ना भाई एमबीबीएस में सिर्फ संजय दत्त या अरशद वारसी ही नहीं उनके साथ उस फिल्म में सुनील दत्त भी दी जिन्होने अपनी एक्टिंग से फिल्म में चार चांद लगा दिया थे। मेकर्स अगर इस से मिलता जुलता कुछ आने वाली मूवी में फिर से इस सीन को दिखातै है तो ये लोगो को और भी ज्यादा अच्छी लगेगी और पसंद आएगी।

मुन्ना भाई मूवी उस वक्त टॉप 10 के लिस्ट में जरूर आई थी लेकिन वो ब्लॉकबस्टर नहीं हो पाई थी लेकिन इसे कल्ट फिल्मो में जगह जरूर मिली थी क्योंकि इस्स फिल्म में 25 हफ्ते से भी ज्यादा चली थी और अगर आज इसका सीरीज 3 रिलीज होता है तो वो भी वही दिलचस्प कहानी के साथ तो इस बार इस मूवी को कोई भी ब्लॉकबस्टर होने से नहीं रोक पाएगा। एक सीन ऐसा आया था जब मानो पूरी की पूरी जान इस सीन में लगा दी गई हो और मेकर्स को भी कहीं ना नहीं इस सीन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, आखिरी में जब संजय दत्त की सचाई सुनील दत्त के सामने आ जाती है और जब वो उन्हें माफ कर देते हैं तब संजय दत्त अपने पिता सुनील दत्त को जादू की झप्पी देते हैं जो मानो ऐसा लगता है कि उस सीन को उन दोनों ने अपने दिल से किया था जिसके बाद वो भावनात्मक हो गए और सच में वो दोनो एक दूसरे को पकड़ कर रोने लगे थे। वो दोनों सीन में इतना डूब गए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि राजकुमार हिरानी ने कब कट बोल दिया था और ये फिल्म सुनील दत्त की आखिरी फिल्म थी। शूटिंग भी करना कोई आसान काम नहीं था क्योंकि राजकुमार हिरानी चाहते थे कि हर चीज रियल हो और रियल दिखाने के लिए उन्होंने कॉलेज भी रेंट पर ली थी वो भी समर वेकेशन के वक्त तकी स्टूडेंट्स की ज्यादा चहल पहल ना हो और वो अच्छे से शूटिंग कर सके। अब समझ आ रही है कि क्यों अभी तक मुन्ना भाई की तीसरी सीरीज नहीं आई है, फिल्म बोल देने से नहीं बन जाती है उसके पीछे बहुत मेहनत होती है और साथ ही साथ समर्पण भी, और अगर निर्माताओं को वही प्यार और भरोसा चाहिए दर्शकों से तो आने वाली कहानी काफी स्ट्रॉन्ग और अच्छे से रिलेट करने वाली होनी चाहिए ताकी ऑडियंस उस मूवी से अच्छे से कनेक्ट कर सकें। तो ऐसी थी मुन्ना भाई की दोनो पार्ट की कहानी और इसी से मिलती जुलती कहानी हो सकती है आने वाली मूवी मुन्ना भाई सीरीज 3 की कहानी, आपको ये कहानी कैसी लगी कमेंट करके बताइएगा और तब तक आप अपना ध्यान रखिए और हमेशा मुस्कुराते रहिए।

 

 

 

 

Chandan Pandit

 

Comment Your Thoughts.....

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Related Post

Gadar 2

India aur pakistan mein aksar war hote hi rehte hai phir wo chahe batwaare ko lekar ho, kisi dharohar ko lekar ho ya border par

Read More »

Karan Arjun 2

Zindagi aur maut ki sachai ke bich kuch ghatnaaye aisi bhi hoti hai jo kisi bhi sachai se pare hoti hai, jinke aage saare tark

Read More »
Balwaan 2

Balwaan 2

बलवान फिल्म की शूटिंग के दौरान मेकर्स कुछ खास या नया नहीं करना चाहते थे , वो बस कोशिश कर रहे थे कि फिल्म की

Read More »

Bollygrad Studioz

Get the best streaming experience

Contact Us

41-A, Fourth Floor,

Kalu Sarai, Hauz Khas,

New Delhi-16

 

011 4140 7008
bollygard.fti@gmail.com

Monday-Saturday: 10:00-18:00​