फिल्म बनाना कोई आसान काम नहीं होता है, जब मेकर्स फिल्म बना रहे होते हैं तो उन्हें उन हर चीज़ों का ध्यान रखना पड़ता है जिससे उनके फिल्म को बनाने में कोई दिक्कत ना हो। Director राजकुमार हिरानी ने अपनी पहेली फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस से लोगो के दिलों में अपनी एक जगह बनाई थी और वो बिल्कुल नहीं चाहते थे कि किसी भी गलती से उनकी वो image डाउन हो। इसलिए उन्होंने बहुत सोच समझ कर “लगे रहो मुन्ना भाई” को लाने में दो साल लगा दिए थे, लेकिन इस फिल्म पर कई दिक्कतें मंडरा रही थी फिर वो चाहे कहानी को लेकर हो या उसमें कास्ट को कास्टिंग को लेकर। लेकिन जब फिल्म अच्छे से बन गई और release हुई तब सारी चीजें अच्छे से जा रही थी , लेकिन एक दिन अचानक जब director राजकुमार हिरानी और producer विधु विनोद चोपड़ा सुबह की अखबार देखते हैं, तो वो अखबार कि headlines देख कर चौक जाते है। पेपर में, लगे रहो मुन्ना भाई के खिलाफ छपी थी जिसमें लोग ये दावा कर रहे थे कि ” कैसे संजय दत्त और अरशद वारसी, इंडिया के फादर ऑफ द नेशन, महात्मा गांधी के सामने शराब पी सकते हैं” ? और मेकर्स इसे फिल्म के through कैसे दिखा सकते हैं ? जिसके लिए कई सारे लोगो ने रैली निकाली थी और उनके खिलाफ विरोध भी किया गया था, लेकिन जब मेकर्स अपने रूप में आए तो उन्होंने सबसे पहले गांधी जी के परिवार से संपर्क किया और उनके प्वाइंट ऑफ व्यू जानना चाहा, जिसपर महात्मा गांधी के great grandson ने कहा कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं है इस सिन से क्योंकि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं दिखाया गया था और उल्टा उन्होंने गांधी जी के किरदार को बेहतर तरीके से दिखाया गया था जिसमें वो किसी के शिक्षक नहीं बल्कि दोस्त बने थे। इसके बाद किया था यह खबर सुनते ही लोग शांत हो गए और उन्होंने अपने रैली को रोक दिया था, जिसके वजह से लगे रहो मुन्ना भाई बैन होते होते बच गई थी। लगे रहो मुन्ना भाई के मेकर्स ही ये अच्छे से जानते थे कि उन्हें कितनी मेहनत करनी पड़ी थी उस फिल्म को सफल बनाने के लिए। जिस तरह मेकर्स ने हर situations को बहुत आराम से संभाला था ठीक उसी तरह आने वाले मुन्ना भाई के थर्ड पार्ट को भी संभालना होगा तब जाकार वो लोगो तक अच्छे से अपनी पहचान बना पाएगी।
लगे रहो मुन्ना भाई जितने tragedy से गुज़रा था शायद ही ऐसी कोई और फिल्म होगी जो इतने tragedy को पार करके आगे बढ़ी होगी क्योंकि एक बार तो दिलीप प्रभावलकर, जिंहोने फिल्म में महात्मा गांधी की भूमिका निभायी थी, उस दिलीप जी ने फिल्म के दौरान कुछ ऐसा किया था कि फिल्म फिर से चर्चा का विषय बन गया था, “एक बार दिलीप जी एक tourist बस में पुणे जा रहे थे तो उन्होंने उस बस में, लगे रहो मुन्ना भाई की pirated वर्जन देखी, जिसे देख कर उन्हें गुसा आया और उन्होंने फौरन उस स्क्रीनिंग को बन्द करवा दिया था, जिसके बाद उन्होंने वही बस को रोकवादी थी और फौरान उस चीज के बारे में पुलिस को बता दिया था ताकि आगे से कभी कोई ऐसा न कर सके। इन सब के बाद एक और ऐसी फैक्ट है जो दिलीप जी से जुडी थी लेकिन इस फैक्ट ने लोगो को सिर्फ हंसाया ही था, “हुआ ये था कि फिल्म के दौरान सभी कोई दिलीप जी को अक्सर गांधी जी वाले लुक में देखते थे, तो फिल्म रिलीज हो जाने के बाद जब सारे कास्ट को एक पार्टी में invite किया गया था तो संजय दत्त , दिलीप जी को नहीं पहचान पाए थे और उनसे जाकर पुछ बैठे थे कि उन्होंने फिल्म में क्या रोल निभाया था जिसे सुन कर दिलीप जी के साथ सभी लोग हंसने लगे थे”। राजकुमार हिरानी ने फिल्म में हमेशा चिजों को रियल रखने की कोशिश की थी, फिर वो चाहे गांधीगिरी हो या वो सीन जिसमें सर्किट, मुन्ना भाई को सुझाव देता है कि उसे आरजे अनुपमा चोपड़ा से बात करनी चाहिए, जिसके बाद उन दोनों ने काफी देर तक बात की और अनुपमा चोपड़ा कोई और नहीं इस फिल्म के producer विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी है और इन्होने बॉलीवुड के बादशाह यानी शाहरुख खान और भारतीय सिनेमा की seductive world पर किताबें लिखी हैं, इन्हीं सब के वजह से ही राजकुमार हिरानी की फिल्म ब्लॉकबस्टर बनती है। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं लगे रहो मुन्ना भाई मूवी से रिलेटेड, आपको ये फैक्ट्स जान कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं और तब तक आप अपना ध्यान रखें और हमेशा मुस्कुराते रहें।
Chandan Pandit