Brahmastra 2

Bhramastra

 

ब्रह्मास्त्र पार्ट 2 में देव, जल देव, वायु देव, अग्नि देव – यह देव कौन हैं जिन्होंने आखिर में ब्रह्मास्त्र को हासिल करके ब्रह्मा देव बनने की कोशिश की? अरे, ब्रह्मास्त्र पार्ट 2 में उनका नाम क्यों जोड़ा गया? यदि आपने ब्रह्मास्त्र मूवी देख ली है, तो यह सवाल आपके मन में आया होगा। एक बार अगर आपने ब्रह्मास्त्र देख लिया है तो आप लोगों को पता होगा कि शिव देव का ही बेटा है और देव कई शास्त्रों के साथ-साथ अग्नियास्त्र का भी उस्ताद था। तो उसके बेटे के अंदर तो यह सारी शक्तियां आनी ही थीं। लेकिन अब सवाल आता है, कि देव अच्छा था या बुरा? अगर अभी देखा जाए तो देव अभी बुरा है, लेकिन वह हमेशा से बुरा नहीं था। वह पहले अच्छा था, जब वह भ्रमण के साथ ब्रह्मास्त्र की रक्षा करता था। गुरुजी बोलते हैं ना, “30 साल पहले जब मैं ब्रह्मास्त्र का शिष्य हुआ करता था, तब वह वहां था, यानि देव था, जो एक के बाद एक अस्त्र का मास्टर बनते जा रहा था। और सब लोग उसकी काबिलियत देखकर हैरान थे। तब तो अच्छा था। और फिर अमृता के प्यार में पिघल कर ब्रह्मास्त्र की रक्षा कर रहा था। लेकिन क्या करें, वह बोलते हैं ना, “कोई भी चीज़ आती अच्छा नहीं है”। वही बात देव पर apply होती है। देव बहुत से अस्त्रों पर काबू पा चुका था और वह बहुत शक्तिशाली बन गया था। तो वह सोचने लगा कि वह ब्रह्मास्त्र को भी नियंत्रण कर सकता है, जिसके बारे में वह शायद जानता भी था। ब्रह्मास्त्र शांत रहा तो दुनिया का निर्माण भी कर सकता है और जब जाग जाए तो दुनिया को नष्ट कर सकता है। लेकिन देव को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसे तो सिर्फ ब्रह्मास्त्र ही चाहिए था। चाहे फिर उसके लिए पूरी दुनिया की बलि क्यों न देनी पड़े, तो यही सोच रखकर, जब से देव ब्रह्मांड का नियम तोड़कर ब्रह्मास्त्र के खिलाफ जाने लगा, तभी से देव बुरा बनने की लिस्ट में आ गया। लेकिन उससे पहले वह एकदम बढ़िया था। तो यह है देव की कहानी।

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ब्रह्मास्त्र मूवी में शिवा के नाम के आगे या पीछे कोई नाम क्यों नहीं है? शिवा के पापा उसे बचपन से छोड़ गए, इसलिए अब स्टोरी के हिसाब से यह हो भी सकता है। और डायरेक्टर ने एक वीडियो में साफ-साफ बोला है कि यह नाम उन्होंने शिवजी से इंस्पायर्ड होकर रखा है। मतलब, यह शिवजी का रेफरेंस था। उनके नाम के आगे-पीछे कोई टाइटल लगाएंगे तो अच्छा लगेगा क्या? इसीलिए इसमें हीरो का नाम सिर्फ शिवा ही है। फिर अनीश जुनून को रोकने वाला टाइम पर एक सीन आता है, जहां शिवा अनीश को हिम्मत देता है कि उठो और लड़ो। जिसके बाद अनीश उठता है और जुनून के ट्रक को उठाकर खाई में फेंक देता है। यह सीन देखकर ऐसा लग रहा था कि यहां शिवा नहीं, स्वयं शिव जी अपने वाहन नंदी को आदेश दे रहे थे। मतलब आप समझ सकते हो कि यह भी शिव जी का एक रिफरेंस ही था। बाकी शिवा के हाथ में त्रिशूल और देव के हाथ में त्रिशूल के बारे में तो आप जानते ही होंगे, फिर भी नहीं जानते होंगे तो शिवा के बारे में तो हम बता चुके हैं। लेकिन देव के हाथ में त्रिशूल इसीलिए दिख रहा था क्योंकि उसके नाम में भी देव आता है। मतलब, देव से जल देव, अग्नि देव, वायु देव, ब्रह्मा देव में ही यूज़ नहीं होता। यह शब्द तो भगवान शिव जी के एक और नाम में यूज होता है। जानते हैं ना, महादेव। अब जैसा कि अनीश मुश्किल में होते हैं, टाइम पर शिवा अनीश की मदद करता है। वैसे ही, जब मोहन मुश्किल में होता है और वैष्णो मुकुट की वजह से ब्राह्मण का सारा राज बता रहा होता है, तब शिवा एक बार मोहन की मदद करता है। “बस करो” बोलकर। यहां पर, अगर शिवा मोहन का लाइव टेलीकास्ट नहीं देख रहा होता और “बस करो” बोलकर मोहन को रोकता नहीं, तो शायद पहले से ही जुनून को शिवा के आश्रम के बारे में पता चल जाता। खैर, यह reference जैसा नहीं लगता होगा, भी तो मुझे अंदाजा नहीं। आपको पता हो तो कमेंट करके बता देना। बस, मुझे यह थोड़ा सा नोटिस करने लायक लगा, इसलिए बता दिया।

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Divanshu

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