28 सितंबर को हमने फिल्म एनिमल का टीजर देखा, और समझ में नहीं आ रहा था कि यह रणबीर कपूर का कौन सा वर्जन है। मतलब यह एक ऐसा कैरेक्टर है, जिसकी केस में सब कुछ एक्सट्रीम है। इस बंदे की डिक्शनरी में simple, mild ऐसे शब्द ही नहीं है।
टीजर में रणबीर का कॉलेज बॉय वाला लुक हमने देखा, जो यंग दिखता है, वह काफी क्यूट था। मतलब उसे देखने के बाद थोड़ी देर के लिए फिल्म जग्गा जासूस की याद आई जो रणबीर की फिल्म है। बस अगर चश्मा लगाते ना, तो हैरी पॉटर की तरह ही दिखते । पर अनिल कपूर उन्हें जब मारते हैं, तब रोने की बजाय, गिल्टी महसूस करने के बजाय बंदा मुस्कुरा रहा होता है। और वह मुस्कुराहट साइको इंसान की तरह लगती है, जिसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता।
पर फिर भी यह अपने पापा को खुश करना चाहता है, उन्हें भगवान मानता है, उनकी पूजा करता है और पता नहीं पापा का ऐसा कौन सा सपना वह पूरा करना चाहता है, जिसके लिए वह कुल्हाड़ी, गन लेकर खून खराबा कर रहा है और जानवर बन चुका है।
वैसे रणबीर का यूं मुस्कुराना, बात-बात पर एक साइको सों की तरह बिहेव करना यह कोई आम बात नहीं है। यह उस कैरेक्टर की साइकोलॉजी दिखाती है।
आपको पता है डैडी इशुज नाम की एक चीज है। अभी उसे पूरी तरह से मेंटल डिसऑर्डर तो नहीं कहा जा सकता, पर यह एक साइकोलॉजी चैलेंज की तरह है। जिसमें पिता के साथ बेटे का रिलेशनशिप अनहेल्दी हो जाता है। उनका कोई क्लोज bond नहीं बन पाता या फिर बचपन से ही प्यार, सपोर्ट ना मिलने की वजह से बच्चा इनसिक्योर हो जाता है, पिता का abusive बिहेवियर ऐसे बच्चों को जिद्दी बनाता है और वह अटैच नहीं हो पाता।
तो यह बातें हैं डैडी इश्यूज से जुडी। अब इसमें शामिल जो भी बातें हैं वह सारी हमें टीजर में दिखाई देती है की, किस तरह से अनिल कपूर और रणबीर कपूर जो पिता बेटे बने हैं, उनका रिलेशनशिप पूरी तरह से complex है।
वैसे टीजर में लास्ट में हमने देखा कि रणबीर जमीन पर लेटे हुए होते हैं, खून से लथपथ हुए और उनके आसपास काफी सारे सिगरेट्स होती है क्योंकि उन्हें यहां पर स्मोकींग एडिक्ट दिखाया गया है, और तब भी वो यही कहते हैं कि पापा मैं आपका सपना पूरा करूंगा। पर यह जो सीन है वह देखने के बाद एक पॉइंट पर ऐसा लगा कि कही उनका कैरेक्टर मर तो नहीं जाएगा? वैसे अगर ऐसा हुआ ना तो फैंस रो रो कर थिएटर्स के बाहर चले जाएंगे या फिर गुस्सा होकर चले जाएंगे।
क्योंकि इस फिल्म में उनका पूरा फोकस सिर्फ रणबीर पर ही होगा और स्टार्ट to end वो बस रणबीर को देखने के लिए भी थियेटर्स में पाव रखेंगे। तो फिर उनके कैरेक्टर का मरना अलाउड ही नहीं है।और चिंता मत करिए, यह डायरेक्टर संदीप रेड्डी वंगा का कैरेक्टर है, वह मरेगा नहीं।