फिल्म आदिपुरुष को अब चारों तरफ से घेर लिया गया है ऐसा ही लग रहा है। दरअसल
अभी हिंदू महाकाव्य रामायण पर based फिल्म ‘आदिपुरुष’ के public exhibition यानी सार्वजनिक प्रदर्शन के certificate को खारिज करने के लिए सीबीएफसी को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है।
वकील ममता रानी ने director ओम राउत की ‘आदिपुरुष’ को ban करने की demand की है क्योंकि यह फिल्म हिंदू सेंटीमेंट्स को हर्ट कर रही है।
उन्होंने यह इल्जाम लगाया है कि वाल्मीकि रामायण का आदि पुरुष के मेकर्स ने पूरा नक्शा ही बदल दिया है।
इस फिल्म को हटाया जाने के लिए सब लोग कोर्ट का सहारा ले रहे हैं। पता नहीं अब कौन सा महासंग्राम होने वाला है और किस तरह आदी पुरुष के मेकर्स को भी कोर्ट तक पहुंचना पड़ने वाला है।
अलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदि पुरुष के मेकर्स को खरी-खोटी सुनाई हैऔर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने फिल्म को परमिशन कैसे दी यह सवाल खड़ा किया है।
उनका कहना है कि ऐसी फिल्में हिंदूओं के पेशेंस का टेस्ट ले रही है।
फिल्म का डिस्क्लेमर भी ऑडियंस को convince कैसे करेगा जबकि यह फिल्म असल रामायण को दिखा ही नहीं रही है।
अगर डायलॉग कॉन्ट्रोवर्सी की बात करें तो अलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन को पूछा है कि, क्या ऐसे डायलॉग्स को परमिशन देना सही था?
इसका मतलब अब सब लोग फिल्म को बैन करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
पता नहीं अब फिल्म के मेकर्स इस पर क्या एक्शन लेते हैं।