बागी की इस सीरीज में भी सिया(श्रद्धा कपूर) तड़का लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। अब देखिए ना, वो Switzerland में तो रह रही है पर अपने पापा राणा (मुकेश रिशी) के लाख कहने पर जन्मदिन मनाने के लिए इंडिया नहीं गई। क्योंकि Switzerland में वह बॉडीगार्ड और security के साथ तो रही रही थी, ऊपर से इंडिया जाकर उसे और भी ज्यादा security के साथ रहना पड़ेगा, जो उसे बिल्कुल पसंद नहीं है। पर यह सब कितनी देर तक चलेगा? कभी तो घर जाना पड़ेगा। और इसीलिए सिया राणा को बिना बताए इंडिया जाने का फैसला करती है।
राणा कंपनी में कुछ clients के साथ meeting में busy होता है और तभी वहां पर दरवाजा खोलकर आती है सिया। Clients के सामने हडबडाते हुए आना और meeting को disturb करना राणा को बिल्कुल पसंद नहीं आता और वह नजरों से ही सिया को बाहर जाने के लिए कहता है। सिया बाहर जाती है। बाहर बैठे हुए ऑफिस को अच्छे से देखती है। वहा के employees को देखकर यही सोचती है कि, यह लोग इतनी देर तक काम कैसे कर सकते हैं? क्या इन्हें ऑफिस किसी कैद की तरह नहीं लगता? दरसल वो पहली बार office आई थी, इसलिए उसके लिए यह सब नया था।
खैर, राणा सिया से मिलता है और बहुत खुश होता है और उसी दिन वह सिया की आने की खुशी में और उसका जन्मदिन जो वह मना नहीं पाया, उसकी खुशी में एक छोटी सी पार्टी रखता है।
रात को फार्म हाउस पर एक छोटी सी पार्टी रखी जाती है। सब लोग वहां मौजूद होते हैं। राणा के clients आते हैं और इसी बीच अपनी मां को याद करने वाली सिया एक शख्स से टकराती है। जिसके बाद वह irritate तो होती है, पर तभी वह उस perfume की खुशबू को पहचानती है क्योंकि जब Ronnie(टाइगर श्रॉफ) उससे टकराया था, तब भी उसे ऐसी ही खुशबू आई थी। इसका मतलब Ronnie यही कही था। वह बहुत ढूंढती है, पर उसे वहा वो नजर नहीं आता। अब बदला लेने के लिए ही सही, पर Ronnie को सिया के सामने तो आना चाहिए ना, तभी तो चॉकलेट बॉक्स का बदला पूरा होगा।
फिर पार्टी के बीच में ही केक कटिंग के बाद राणा एक अनाउंसमेंट करता है,” सब लोग गौर से सुनिए, यह मेरी प्रिंसेस है सिया और अब से यही सारा कारोबार संभालेगी, मतलब अपने पापा का हाथ बटाएगी और कंपनी को अलग मुकाम पर पहुंचाएगी”। यह सुनते ही सिया बिना सोचे करती है,” नहीं नहीं… ladies and gentlemen, पापा बहुत खुश है इसलिए यह सब कह रहे हैं, पर मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। अभी तो मेरे खेलने कूदने के दिन है, मैं इतना बड़ा कारोबार कैसे संभाल सकती हूं? नहीं पापा, यह business आपको ही मुबारक हो”। सिया के ऐसे कहने पर राणा embarrass होता है और किसी तरह situation को handle करता है।
फिर अगले दिन राणा और सिया ऑफिस जाते है। ऑफिस में कुछ इंटरव्यूज रखे होते हैं। राणा सिया से कहता है,” सिया देखो तुम पढ़ी लिखी हो, तो इस इंटरव्यूज में तुम भी कुछ अपना मशवरा दे सकती हो। तुम यहां पर आने वाले हर एक शख्स को observe करो”। पर सिया को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं होती, वह सिर्फ बैठी रहती है।
फिर आता है एक शख़्स, एक ऐसी personality जिसे देखकर लड़कियां दीवानी तो जरूर हो सकती है, जिसका नाम था शांतनु रॉय ( ताहिर राज भसीन)। शांतनु का इंटरव्यू लिया जाता है और उसे सिलेक्ट भी किया जाता है। वैसे उसे company की काफी जानकारी होती है, जो शायद ही कोई बता पाए।
शांतनु सिया से handshake करता है, smile देता है और सिया भी उसे congratulate करती है।
शांतनु के चले जाने के बाद सिया राणा से कहती है,” काफी respect करता है आपकी। अगर मैं काम ना करूं तो, आप इसे ही अपने कारोबार के लिए चुन लिजिए” और वो चली जाती है।
पर उस के बाद राणा खुद से ही कहता है,”मेरा इरादा तो वही है बेटा, तुम नहीं समझोगी”।
तो क्या सिया का यह फैसला उसे ही भारी पड़ेगा? क्या शांतनु कहानी में अलग मोड लाएगा? जानेंगे अगली post में।