रजनी पंडित का जन्म 1962 में महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले के पालघर में हुआ था।
Rajni एक middle-class family में पली-बढ़ी और उसके दो भाई और एक बहन है। उनके पिता, शांताराम पंडित, Criminal investigation department of local police में sub- inspector के रूप में काम करते थे।
छोटी उम्र से ही रजनी पंडित में curiousity होना, हर छोटी बात की खाल निकालने की आदत थी। जब वह आठ या नौ साल की थी, उसके Apartment block मे एक औरत की मौत हो गई थी तो वो वहां गई ताकी ये जांच कर सके कि क्या वह वास्तव में मर गई थी। और 11 साल की उम्र में उसने एक रिश्तेदार के gift की जांच की और बताया कि वो नकली माल था।
Rajni Pandit एक ऐसी लडकी थी जो उसकी उम्र लडकीयो की तरह बिल्कुल नही सोचती थी। 1983 में दब रजनी उयकी एक classmate की हरकते जैसे शराब पीना, धूम्रपान करना और लड़कों के साथ होटल के कमरे में जाना, से worried होकर, उसने लड़की के माता-पिता को photographic evidence दिए। और तब उन्होने पहली बार रजनी के दिमाग में एक जासूस बनने की बात डाली। हालाकी पंडित के पिता उसके career choice से खुश नही थे, लेकिन उसकी मां ने उसे support किया।
Graduation होने के बाद, पंडित ने पहले एक office clerk के रूप में काम किया, फिर एक colleague की मदद करने के लिए तैयार हो गई, जिसे लग रहा था कि उसकी बहू पैसे चुरा रही है।
रजनी ने patiently उस colleague के परिवार के सभी सदस्यों के daily routine पर नज़र रखी और पता लगाया कि उयका सबसे छोटा बेटा चोर था।
और ये rajni का सबसे पहला paid case था और बाद में, और लोगो especially महिलाओ ने उसके पास help के लिए आना शुरू कर दिया। और Rajni धीरे धीरे अपने काम की वजह से popular होने लगी।
जब एक रिपोर्टर ने पंडित के बारे में एक छोटी सी खबर देखी, तो उसने उसे अपनी बहन के पति की investigation के लिए appoint किया, और पंडित को पता चला कि उसका एक secret दूसरा परिवार था। और reporter मे impress होकर मराठी news paper में उसके साथ एक interview लिखने का offer दिया.
पंडित ने 1986 में Rajni Investigation Bureau खोला। और Rajani Pandit भारत की First Female detective बनी। जिसके कुछ side effects भी देखने को मिले। शुरुआत से ही रजनी को local misogyny का सामना करना पड़ा, एक अखबार ने उसका advertisement को छापने से इंकार कर दिया, क्योंकि उनका मानना था कि एक lady detective नही बन सकती।
इसके बाद उसने माहिम, मुंबई में अपना office set up किया। जैसे-जैसे पंडित ने cases solve किए, उसकी firm में मीडिया की दिलचस्पी धीरे-धीरे बढ़ने लगी। जिससे उसके पास ज्यादा से ज्यादा लोगो ने आना शुरू कर दिया। यहाँ तक की पुलिस ने अब कुछ मामलों की सिफारिश की थी।
रजनी भेस बदलने और surveillance on foot जैसे पुराने जासूसी तरीकों के लगातार use के लिए जानी जाती थीं। एक मामले में, वो Juhu beach पर गई और mentally unstable होने का नाटक किया ताकी बिना किसा शक के दो बडे businessmen के बीच हो रही suspected fraud की बातें सुन सके।
1988 में, पंडित का नाम और जाना माना हुआ, जब एक influential family ने उसे एक murder case सुलझाने में मदद करने के लिए कहा। एक आदमी मारा गया था, और ये doubt था कि उसकी मौत के पीछे एक रिश्तेदार था।
Rajni छह महीने तक उनके घर में नौकर की तरह छिपकर रही। इस बात का सबूत मिलने के बाद कि परिवार के head ने हत्यारे को काम पर रखा था – उसका lover, जो अक्सर घर आता था।
पंडित ने अपने कपड़ों के नीचे एक टेप रिकॉर्डर छिपा दिया और दोनो के बीच की बातचीत रिकॉर्ड की। जब रिकॉर्डर से क्लिक की आवाज आई तो उसने अपने पैर पर रसोई का चाकू गिराकर उन्हे distract कर दिया। और जिसके बाद उसने पुलिस को बुलाया और असली murderers को गिरफ्तार किया। इस case के successfully solve करने के बाद पंडित की professional reputation और मजबूत हो गई थी।
Rajani Pandit ने जिस तरह से इस world में अपनी नाम बनाया है उसी तरह उसके investigation करने के तरिको और character से inspire होकर एक strong character Race 4 के लिए भी बनाया जा सकता है।
एक ऐसी agent या detective जो हर case solve करने, situations में loopholes निकालने और गुत्थी के सुलझाने में माहिर है।
और ऐसा character हमें लगता हर किसी को पसंद आएगा।