Yagyanika, एक लडकी जिसने खुद एक डरावनी और भयानक feeling experience की। Yagnika जब 10th standard में थी, उस वक्त वो एक hostel में रहती थी। उनके हॉस्टल में चार मंजिलें थीं और वहाँ वो केवल 25 से 27 लड़कियां रहती थीं। तीन मंजिलो पर तो लडकियाँ रहती थी, लेकिन चौथी मंजिल ज्यादातर खाली रहती थी। केवल महिने में एक बार, काम वाली आती और वहाँ की सफाई करके चली जाती थीं। Yagnika और उसकी roommate Riya अपने school से hostel और hostel से school वाली simple जिंदगी जी रही थी।
लेकिन hostle की daily की शांत जिंदगी में खलल पडी, जब Hostle की उसी चौथी मंजिल से एक लडकी ने कूद कर अपनी जान दे दी।
और ये कोई कोई पहली बार नही था कि जब किसी बहुत ही शांत और सीधी-सादी लड़की ने चौथी मंजिल से आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
और School Authorities ने इसे बच्चो के study stress और Adulthood बताकर इस बात को टाल दिया। और बच्चो ने भी इसे युहीं समझकर वापस अपनी जिंदगी के normal track पर आ जाते थे।
Yagyanika को उस वक्त सुबह लगभग 3 या 4 बजे उठने और नाश्ते के वक्त तक पढ़ाई करने की आदत थी। दूसरी ओर, उसकी रूममेट, Riya 2 या 3 बजे तक जगकर पढती रहती थी और सोने से पहले Yagyanika को जगा देती थी।
लेकिन उस रात जब Riya ने उसे सुबह उठाया तो उसकी चेहरा बिल्कुल सफेद, आंखे लाल और उसका पूरा शरीर कांप रहा था। जैसे अभी अभी उसने कोई भूत देख लिया हो।
उसकी ऐसी हालत देखकर yagyanika ने पुछा कि क्या हुआ? किसी ने कुछ कहा है? और वो क्यो इतनी डरी हुई है? लेकिन उसने कोई जवाब नही दिया, बस बडी बडी डर से भरी आंखो से उसे देखती रही। Yagyanika के लिए अब ये थोडा creepy होता जा रहा था। पर जब वो उसके किसी सवाल का जवाह नही देती और चुपचाप जाकर सो जाती है, तो yagyanika भी उसे बताने के लिए push नही करती है।
Yagyanika को लगा कि उसका अपने बॉयफ्रेंड से झगड़ा हुआ होगा, इसलिए इतनी disturbed है और ये सोचकर वो पढ़ने लगी। पर उस रात कुछ अजीब सी feelings, yagyanika को आ रही थी। पूरे वक्त जब वो पढ़ रही थी, उसे लग रहा था, कि कोई उसे देख रहा है।
और तब Yagyanika को उसकी roomate का डरा हुआ चेहरा याद आया। जिससे वो भी डर गई ऐर जल्दी से अपनी कुताबे बंद करके वो वापस से सो गई। अगली सुबह, Yagyanika ने riya से पुछा कि उसे क्या हुआ?
लेकिन Riya उसे रूखेपन से कहती है, “कुछ भी नहीं, मुझे जाना है।” और तब से, Riya Yagyanika को ignore करने लगी।
लेकिन Yagyanika ने इस बार हार नही मानी और और Riya से थोडी बहस करने के बाद roya का मुंह आखिरकार खुलवा ही दिया।
लेकिन जो riya ने बताया, ये Yagyanika बिल्कुल भी expect नही कर रही थी।
Riya ने उसे बताया कि वो हमेशा की तरह लगभग 12–12:30 पर पढ़ रही थी। इत्तफाक से ये exact वही वक्त था, जब पिछली आत्महत्याएँ हुई थी।
Riya ने अपने लिए कॉफी बनाने का फैसला किया और जब वो coffee लेकर वापस कमरे में जाने लगी तो उसे ऐसे लगा जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है। Riya ने मुड़कर देखा, तो Yagyanika उसको सामने खडी थी।
लेकिन उस riya को अपने सामने खडी Yagyanika कुछ अलग लगी, क्योकी उसने अपना चश्मा नहीं पहन रखा था। और उसके फ्लिप फ्लॉप भी पैरो में नही थे यहा तक की छोटा काला धागा जो yagyanika की माँ ने उसके हाथ में बाँधा था, वो भी नही था।
लेकिन Riya ने इन सब के बारे मेम ज्यादा ना सोचकर yagyanika से पूछा,” आज मेरे जगाने से पहले ही उठ गई”
तो Yagyanika ने जवाब में सिर्फ एक बात कही,”चलो चौथी मंजिल की balcony में चलते हैं।” ये सुनकर रिया ने पुछा की चौथी मंजिल पर क्या करने जाना है, वो भी इस वक्त?”
तो Yagyanika ने कहा कि,” बस यूही मजे करने के लिए”। और वो रिया हाथ पकड़कर उसे ऊपर ले गई।
एक बार जब वो दोनो उपर पहुँच गए, तो Yagynika ने सिर्फ एक शब्द कहा, “कूदो।”
रिया को विश्वास नही हो रहा था कि वो कोई बुरा सपना देख रही है या उसकी दोस्त सच में पागल हो गई है।
और जब रिया उसे कोई जवाब नही देती तो उसके सामने खडी Yagyanika जिद्द करते हुए कहती है,” कूदो, कूदो, कूदो !!!
और धीरे धीरे वो बहुत ज्यादा Aggressive हो गई, तो कुसी तरह रिया वहां से भागकर वापस नीचे आ गई, लेकिन नीचे कमरे में जब उसने Yagyanika को आराम से सोते हुए पाया, तो उसके पैरो तले की जमीन ही खिसक गई।
रिया से पुरी कहानी सुनकर yagyanika को समझ आया कि क्यो सुबह riya इतनी डरी हुई थी। और क्यो hostel में इतनी suicides हो रही थी।