जवान फ़िल्म में बाप, बेटे की स्टोरी होती है,जिसमे शाहरुख़ (अर्जुन)डबल रोल में एक्शन करते दिखते है ,फ़िल्म में शाहरुख रॉ एजेंट का किरदार निभाते नज़र आते है,
बाप (Arjun) शाहरुख खान रॉ का बहादुर एजेंट होता है, जो अपने देश से दूर एक दूसरे देश सीरिया में अपना नया मिशन कर रहा होता है, दुश्मनो के छक्के छुड़ा रहा होता हैं। एक जबर्दस्त एक्शन सिन चलता है जो की एक स्कूल मे है वहा कुछ आंतकवादी ने बच्चों को निशाना बनाया है, अर्जुन वहाँ किसी मिसन को अंजाम दे रहे थे, तभी चीख पुकार सुनकर वहाँ आ जाते है, यही से उनकी धमाकेदार entry होती है।
और वो चुपके से स्कूल की क्लास में चले जाते है
जहां आंतकवादी ने बच्चो को किडनैप कर रखा है, वेसे तो स्कूल में वहा की लोकल पुलिस से नाकाबंदी होती है, मगर हमारी सेना के जाबंज सिपाही तमाशा देखने वालों जैसे थोड़ी न है, वो तो सीधा एक्शन करने वालो मे से है। अब तो आपको पता ही है क्या होने वाला है, सिनेमा तो आपने भी बहुत देखा है।
एक्सन शुरू, लगता है सभी मार खाने ही आये है अर्जुन से
दुश्मन ख़ुद को हारता देख, सहम जाते है और भागाने का तो मौका मिलता ही नही है,कुछ धरे जाते है, तो कुछ का एंकाउंटर हो जाता है।
चारो तरफ अर्जुन, सीरिया मे अर्जुन ने अपने नाम का डंका बजा ही आया।
आंतकवादी का सरदार (yasheer malik) और कोई नहीं विजय सेतुपति होता है, जिसके ईशारो पर यह सब कुछ हो रहा होता है, वह बस आंतक फैलाना चाह ता है, वहाँ की सरकार भी उससे डरती है लेकिन इस बार उसे कोई अपनी टक्कर का मिला है
सबसे बुरा दिन तो आज आंतकवादियो का है ।
तकलीफ तो इस बात की है की स्कूल मे खुँखार याशीर् मालिक का बेटा नवाब लीड कर रहा था,लेकिन वोतो अर्जुन की गोली से बेमोत मर गया,
अब विलेन गुस्से से लाल है, और उसे पता चलता है किसी एजेंट अर्जुन ने उसके बेटे को मारा है,
मतलब विलेन का किरदार बहुत शानदार रहेगा और मज़ा भी ज़्यादा आने वाला है।
हम जानते हैं कि अर्जुन एक रा एजेंट है, वह कुछ अंतकवादियों की पूछताछ करने और उनके ठिकाने लगाने आया था जो भारत में रहकर एक sleepers cells चलाते है और यहाँ वहाँ आंतक फैलाते है, वह भोले भाले बच्चों को मोहरा बनाकर, उनका brainwash करते है।
इंडिया में बढ़ते crime को देखकर रॉ कमांडर (मुकेश खन्ना) ने अर्जुन को यह ज़िम्मेदारी दी है, की वह सलीपर्स सेल्स को जड़ से ख़त्म करें
अर्जुन को इनके बारे में पता भी नहीं था, जिस आंतकवादियों को स्कूल में उडाया, ना ही वह नवाब को जानता था लेकिन याशीर मालिक ने अपने बेटे के कातिल अर्जुन का सारा पता लगा लिया, जबकि अर्जुन, yashir और नवाब से अभी भी अंजान है। अर्जुन ek बुरा दिन समझकर भूल जाता है, अर्जुन के लिए वह कोई मामूली आंतकवादी है, लेकिन उसे नहीं पता उसने सांप के बिल में हाथ डाला है,
फिर वह सब कुछ भूलकर अपने मिशन के बारे में सोचता है,
और उसको पूरा करने का प्लान बनाता है, वह वहा के पुलिस वालो को साथ लेकर अंजाम देता है। एक्सन सिन के साथ गोलियाँ चलती है, चारों तरफ़ और पापियो का नाश हो जाता है।
वही दूसरी और यशिर मालिक अपने बेटे के मरने का मातम बना रहा है, वह ख़ुद को लाचार समझ रहा है, अपने बेटे को विदाई तक नहीं दे सका, uska मुँह तक नहीं दे सका।
और क़सम खाता है कि वह अर्जुन को बर्बाद कर देगा, जैसे उसने अपने को खोया है, जैसे भी अर्जुन को भी खाना पड़ेगा !
अफसोस की बात तो यह की अर्जुन को पता ही नहीं यासिर मालिक कौन है, कहाँ का है, कहाँ रहता है, नवाब कौन है। ? लेकिन याशीर अर्जुन के बारे में अब सब जान गया है,
याशीर चाहे तो एक second में अर्जुन को barbad कर सकता है,
उसने अर्जुन के लिए कुछ और सोच रखा है और वह क्या है यह?
लेकिन याशीर अपने बेटे के साथ सिरिया में क्या कर रहा था, क्या यही उसका घर है या वह भी कोई मिसन के लिए आया था।
याशीर मालिक commnader बशीर का बेटा था जो की afganistan मे रहते थे,यशीर लडाकू को training देने सीरिया आया था, उसका बाप बशीर का काम लडाकू को training देता था जो दूसरे mulk मे जाकर बेगुनाहो की जान लेते, यही सब मे याशीर भी पला बढ़ा था, और इसी बीच एक एंकाउंटर मे पिता बशीर मारा गया, वैसे तो याशीर पढ़ाई लिखाई मे आगे था, वह आंतकवादी तो कभी भी नही बनना चाहता था, वो पढ़ लिख कर एक बड़ा आदमी बनना चाहता था, वह अपने पिता से बहुत ही प्यार करता था, लेकिन पिता के मरने के बाद वह वहाँ के लोगों के बहकावे में आकर, अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए खुँखार बन जाता हैं।
इसके विपरीत अर्जुन में देशप्रेम की भावना के खातिर वह एक रॉ मे officr बनता है, वह अपने बचपन से ही, ही देश का जवान बनना चाहता था, और उसके पिता भी एक जवान थे। यही एक वजह है कि वह भी एक जवान बनकर अपने पिता और देश का नाम रोशन करें।
यासिर भी अर्जुन से बदला लेना चाहता है अब वह इंडिया जाता है और वहाँ अपने लोगो से मिलता है,और बड़ा हमले का प्लान बनाता है,वैसे भी किसी ने भी याशीर को नही देखा ,ना ही किसी के पास उसकी फोटो है, यह यशीर के लिए आसान हो जाता है कही भी घूमना, वह इंडिया आता है, और अर्जुन के घर के पास एक घर किराये पर लेता है, और अर्जुन और अर्जुन के घरवालो पर पूरी तरह नज़र रखता है, ऐसा कह सकते है की उसने अर्जुन की जिंदगी मे दस्तक दे दी है , बशीर एक हिंदू होने का दिखावा करता है,वह धीरे धीरे परिवार से नजदीकियां बढाता है ,और घुल मिल जाता है , मगर वह अपने घर किसी को invite नही करता, बहाना बना देता है जब भी कोई आने को कहता है । ऐसे में एक बार अर्जुन की माताजी उसके घर बिना बताएं चली जाती है, अचानक उनको देख याशीर् चौंक जाता है, लेकिन उसने कुछ दिन पहले ही घर साफ किया था, और सारे सबूत दूसरी जगह ठिकाने लगा दिये । उसे पता था कोई तो आयेगा ।
ऐसे मे कई दिन बीत जाते है, और वह फैमिली को मारने का प्लेन बनाता है और कुछ जगह धमाके करके आराम से निकल जाए,ताकि वह भी अर्जुन की आँखों मे दुःख देख सके और महसुस कर सके, जो उसे अपने बेटे की मौत को देख कर महसूस हुआ था।
वैसे वह इंडिया मे आशांति भी फैलाना चाहता था, ताकि पुलिस, जनता का ध्यान देश की तरफ हो ना की अर्जुन के परिवार की तरफ, जिससे वह भी आराम से निकल जायेगा।
लेकिन तभी उसे पता लगता है की अर्जुन का बेटा यश हॉस्टल से वापस आया है, तो उसकी birthday party रखी जाती है, जहाँ याशीर् भी invited है, family ,अपने पड़ोसी yashir को अर्जुन सें मिलाती है, बेटा यश भी उससे मिलता है, अर्जुन के साथ,उसके साथी, नयनतारा, सुनील ग्रोवर, sanya मल्होत्रा और मुकेश खन्ना भी invited है, मुकेश खन्ना, याशीर् के पिता बशीर के encounter wali टीम मे शामिल था, जब बशीर को देखता है, तब उस वह सदिग्ध लगता है, उसे लगता है की उसने बशीर को पहले भी कहीं देखा है, लेकिन एक बार मुकेश खन्ना इस बात को कीनारे करता है, और अर्जुन को कहता है, की यह आदमी कोन है, अर्जुन भी उनको आपस में मिलाता है।
अर्जुन अपने बेटे से बहुत प्यार करता है और यह पहली बार था की अर्जुन, बशीर से मिल रहा है ।
बशीर को अर्जुन की दुखती रग मिल गयी उसका बेटा यश , वह अब पूरे परिवार को ही मौत के घाट उतारना चाहता था, उसे उनकी खुशी देखी नही गयी, लेकिन थोड़ा समय और लेना चाहता है, अर्जुन और यश से अच्छी तरह मिलना चाहता है, ताकि उनको थोड़ा विश्वास नजर आये।
रॉ कमांडर मुकेश खन्ना अपने सौर्स से (याशीर अर्जुन का पड़ोसी बनकर रह रहा था) उसका पता लगाता है, अपने पुराने मिशन देखता है ,और साथ मे अर्जुन के साथी भी होते है , उसे थोड़ा शक तो हो जाता है याशीर् पर
But यह बात अर्जुन को नही बताते है।
इसी बीच yashir ke बच पन की फोटो अपने पिता के साथ कमांडर को मिलती है, और secret एजेंसी इंडिया मे हमले होने के बारे मे aware करती है , अब अर्जुन को भी पता चल जाता है की कुछ बुरा होने वाला है
और अपने परिवार को सैफ रहने के लिए कहता है ,
Raw कमांडर याशीर् की फोटो पब्लिक कर देते है, और पुलिस उसे पूरा तरह से track करने लगती है ,
तभी अर्जुन को पता चलता है यश, अपनी दादी ,याशीर के साथ एक mall मे घूमने गए है, और पुलिस ढूँढने लगती है
अब याशीर को पता चल जाता है की उसका प्लेन फैल होने वाला है,उसके बारे मे सबको पता लग गया, अब अपना असली रूप दिखाता है, वह अपने साथियों को sucide bomb बना कर अलग अलग जगह भेज देता है, और mall मे यश और दादी को भी suicide bomb बना देता है , और खुद देश छोड़ कर भागने लगता है, इसी बीच NIA के commando याशीर् का इंकॉउंटर कर देते है, और सुसाइड बॉंबर् को deactivate कर देते है,
इसी बीच अर्जुन mall मे जाकर अपनी दादी और बेटे को तो बचा लेता है, लेकिन खुद शहीद हो जाता है, उसे यह नही पता था की वह खुद एक time bomb है, yashir ने उसके वॉच मे फिट की एक स्मॉल divice जो , याशीर् की वॉच से connected थी, अगर याशीर मरेगा तो अर्जुन को भी मरना पड़ेगा
तो ऐसे अर्जुन jabanz सिपाही बनकर अपने देश और अपने परिवार को बचाया।
देश के जवान को हम सलाम करते है।