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Kuch kuch hota hai…
राज और परी की मुलाकात कहानी शुरू होती थी, 2012 में
up के एक शहर से। एक ऑफिस मेंं 4 कलिग्स रहते थे।
राज, परी, रवि और मोनिका।
चारो में एक अनोखा ही दोस्ती थी,or वह लोग एक दूसरे की हेल्प करते। बुरे time में साथ रहते,good time को celebrate करते थे।
यह चारों एक ही ऑफिस मेंं काम करते थे। फिर वहाँ पर join करता है कंपनी का मैनेजर HR. जिसका नया दिन था। यह HR वही था जो इन दोनों लड़कियों के साथ कॉलेज में भी पढ़ता था। HR collage टाइम से इंटेलिजेंट था।
मोनिका और परी हम उम्र की दोस्त थी। दोनों खुले विचारों वाली। समझदार थी।
राज और रवि तो कॉलेज time से अच्छे दोस्त थे। वह आपस में हंसी मज़ाक करते थे। but इस कंपनी में मोनिका और परी से मुलाकात होने के बाद इनकी आपस में दोस्ती हुई थी।
चारों खुश थे।
राज,परी को बहुत पसंद करता था। लेकिन उसने यह बात परी को कभी नहीं बताई. हालांकि रवि जानता थी राज की खामोशी के बारे में।
परी को तो बिल्कुल भी नहीं पता था कि राज उसे पसंद करता है। वह राज को सिर्फ़ अपना दोस्त मानती थी। उसके ख़ुद के सपने थे। वह बस उन में खोयी रहती थी।
मोनिका सबकी फ़िक्र और ख़बर रखती थी। वह कभी-कभी राज को पढ़ लेती थी। लेकिन वह sure नहीं थी। राज loves परी।
और परी से pucchti भी है। लेकिन परी हँस कर टाल देती। वह किसी से भी प्यार नहीं करती।
राज थोड़ा serious और शर्मिला भी था। हर time उसे मज़ाक pasnd नहीं था। इसलिए वह ज़्यादा परी और मोनिका के close नहीं था। राज के स्वभाव का एकदम उल्टा रवि था।
HR काफ़ी स्मार्ट। well educated होता है और उसके attitude से परी collage के दिनों से ही उससे impressed थी।
परी उसे मन ही मन उसे पसंद करती थी और HR भी उसे चाहने लगा। वे अब ऑफिस में भी अक्सर बातें करते रहते थे।
यह देखकर राज को समझ आ जाता थी। अब उसका कोई chance नही। वह अपना टूटा दिल लेकर अपने दोस्त रवि के पास जाता है।
और उसे जाकर सब बोलता है। जब यह बात मोनिका को पता लगती है। तब वह राज को समझाती है।
She does not love you. ऐसा सुनकर राज गुस्से मेंं चला जाता है।
रवि राज को समझाता है और कुछ दिन अपने साथ आने को कहता है। लेकिन राज काम का हवाला देकर मना करता है। रवि कुछ दिनों के लिए छुटी पर होता है।
अब राज ने परी से बात करना बन्द कर दिया था।
और परी को भी समझ नहीं आता की वह ऐसा क्यों कर रहा थी।
मोनिका परी को समझाती थी। राज के बारे मेंं। लेकिन
परी अपने और HR के Date के बारे में बताती है। तब मोनिका उससे नाराज हो जाती है और कहती है तुम ने पहले क्यों बताया नही। मुझसे कैसे यह सब बात छिपा सकती हो? और नाराज हो जाती है। परी समझाती है उसे ख़ुद नहीं पता चला,बस हो गया।
हालाँकि मोनिका HR को collage time से जानती थी। लेकिन उसका स्वभाव तो परी के स्वभाव का उल्टा था, भला दोनों खुश कैसे रहेंगे? इस बात की मोनिका को चिंता थी।
अब मोनिका HR से मिलने जाती है और उसको समझाती है। परी तुमसे एक दम अलग है,
अगर यह attraction है तो अलग बात है। अगर शादी के बारे में सोच रहे हो तो तुम्हे उसके साथ समय बिताना होगा। एक दुसरे को समझना होगा।
मोनिका सोचती है ,की राज एक दम लायक थी परी के, HR नही।
परी और मोनिका में एक दूसरे को लेकर मतभेद हो जाता है
परी ख़ुद को भूल रही थी। वह ऐसा थोड़े time तक कर सकती थी last में उसे पछताना ही पड़ेगा और दोनों में लड़ाई हो जाती है।
दिन बीतते जाते है।
परी और HR की शादी हो जाती है लेकिन कोई उसकी शादी में नहीं जाता।
लेकिन मोनिका के मुताबिक HR की अलग personality के कारण दोनों खुश नहीं थे। बिल्कुल भी नही। अब खुले विचारो वाली परी अपने सपनों को दबाकर नहीं बैठ सकती थी। उसे अब लगने लगा की दोनों ने जल्दबाज़ी में शादी कर ली है।
अब कहीं जाकर मोनिका की बात परी के दिमाग़ में घुसती है। लेकिन जब तक काफ़ी देर हो चुकी थी।
इसी बीच राज और मोनिका भी मूव ओन करते है
दोनो एक दूसरे को समझते है। उनके घरवाले भी बोलते है शादी के लिए.
फिर दोनों के घरवाले आपस मेंं बात करते है। मोनिका से भी बात करते है और दोनों अपने घरवालो की ख़ुशी के लिए मान जाते है।
जैसे तैसे करके वह लोग शादी के लिए एक साथ आने का फ़ैसला करते है।
इसी बीच रवि भी वापस लौटकर आता है। उसे पता चलता है की इतना मामला बिगड़ गया तो उसे बहुत guilty feel होता है। की वह तो घूम रहा था,मजे मेंं और उसके friends इतनी दिक्कत में थे।
वह जब राज से मिलता है तो पता चलता है,मोनिका से वह केवल शादी अपने घरवालों की ख़ुशी से कर रहा थी। वह अभी भी परी से प्यार करता है।
और वह रवि से कहता है कि वह परी से मिले और उसका हाल चाल पूछकर बताये।
वह परी से मिलने जाता है। परी उसको सब सच सच बताती है। वह कहती थी HR उसके लिए perfact नहीं था। हम दोनों की दुनिया एक दम अलग थी।
रवि कहता है राज अगर तुम्हारी ज़िन्दगी मेंं हो तो। तुम खुश रहोगी। ?
तुम्हे पता है? “वह अभी भी तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है” उसने ही तो यहाँ मुझे भेजा है।
जब से तुम ऑफिस में काम कर रही हो तब से तुमको पसंद करता है
लेकिन तुमने एक बार भी उस पर ध्यान ही नहीं दिया।
अब परी बीच में आकर मोनिका के साथ ऐसा नहीं कर सकती। मोनिका राज को सम्भाल लेगी। राज भी बहुत प्यारा है। वह अपनी दोस्ती निभाना चाहती थी और रवि को मना कर देती है।
लेकिन मोनिका राज को अच्छी तरह से जानती थी। वह परी के बिना कभी खुश नहीं रहेगा और अंत में ख़ुद पीछे हटकर। परी को राजी कर लेती है और राज की शादी, परी से करवा देती है। वह अपने दोस्तों को हमेशा खुश देखना चाहती है।
इस तरह कहानी की happy ending होती है।
आशा करते है कहानी आपको अच्छी लगी।
और comment करके बताइये की कहानी में और भी क्या पॉइंट्स आ सकते है।
तब तक आप हंसते रहिये और मजे में रहिये।