Olympic Athletes की मौत का बदला!
Erika Chambers, एक Agent, जिसे Mossad (मोसाद) Agency में “एजेंट पेनेलोप” (Agent Penelope) नाम से जाना जाता है। Erika, Agency में अपनी एक back story के साथ आई कि साउथेम्प्टन (Southampton) university से graduation की है।
UK में रहने वाली, अपने early 30s में, Chambers ने लेबनान (Lebanon) में फिलिस्तीनी (Palestinian) refugees का support करने वाले welfare organisation की एक British- Based Agency को join किया और बाद में chambers बेरूत (Beirut) में invite किया गया।
Erika Chambers को, Ali Hassan Salameh, Black September के leader को मारने के लिए जाना जाता है। Ali Salameh, जो Israel में हुए Munich Massacre का leader था।
Black September Organisation (BSO) एक फ़िलिस्तीनी (Palestinian) Militant Organisation थी, जिसे 1970 में बनाया गया था।
Munich में 1972 के summer Olympics के दौरान, black september के 8 members ने athletes को hostage बना लिया और इजरायली ओलंपिक टीम के 11 athletes की हत्या कर दी थी।
Munich Massacre एक बहुत खौफनाक terrorist attack था।
जिसमें Black september organisation के member Afif ने, लोगो को hostage बनाने के कुछ ही देर बाद, 234 फिलिस्तीनी कैदियों (Palestinian prisoners) को रिहा करने की मांग की, जो इजरायल की जेलों में बंद थे, साथ ही Red Army Faction, एक terrorist organisation के founders, एंड्रियास बादर (Andreas Baadar) और उलरीके मीनहोफ (Ulrike Meinhof) को भी छोडने की demand की।
West German police ने आतंकवादियों पर हमला किया और black september के आठ members में से पांच को मार डाला, लेकिन फिर भी rescue attempt, Failed रहा और सभी hostages मारे गए। गोलीबारी में एक west जर्मन policeman भी मारा गया था, और west जर्मन government को उनके rescue attempt के poor execution और जिस तरह ये उन्होने इस serious incident को handle किया, उसके लिए उन्हे बहुत criticise किया गया। बचे हुए तीन अपराधी अदनान, जमाल, और मोहम्मद थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें अगले महीने लुफ्थांसा (Lufthansa) फ्लाइट 615 के hijack होने के बाद hostage exchange में रिहा करना पडा था।
तब तक, इज़राइली government ने ‘Operation Wrath of God’ Launch कर दिया, जिसके तहत मोसाद intelligence Agency को Munich Massacre में शामिल किसी भी व्यक्ति को ट्रैक करने और मारने के लिए Authorise किया गया।
Mossad, इजरायल की National Intelligence Agency है। ये Agency, अमन एक military intelligence Agency और शिन बेट (Shin Bet) एक internal security agency के साथ-साथ इजरायल इंटेलिजेंस कम्युनिटी की Main entities में से एक है।
और Black september के leader Ali hasan की मौत Operation wrath of God का एक major part था।
अली हसन सालमेह एक फ़िलिस्तीनी उग्रवादी (Palistinain militant) था, जो 1972 के म्यूनिख (Munich) में बेरहमी से athletes के हुए कत्ल और कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार organisation, black september का chief of operations था, जिसका कोड नाम अबू हसन था। इसके साथ साथ Salameh Force 17 के founder भी है।
Ali, जिसे Public में “Red Prince” के रूप में जाना जाता है, वो 1948 में इज़राइल की creation पर हुए War में मारे गए एक top Arab commander का बेटा था। लेबनान की राजधानी Beirut में रहते हुए, Ali hasan, Palestine liberation Organization के head यासर अराफात (Yasser Arafat) के main साथी थे। और Yassar के बाद उनकी जगह लेने वाले लोगो की list में Ali Hasan top पर थे। Ali Hasan को उनकी lavish playboy lifestyle के लिए जाना जाता था। लेकिन Mossad Agency के लिए उसके करीब जाना बहुत मुश्किल था।
और तब होती है, Agent Penelope यानी Erike Chambers की entry!
Mossad ने Erika chambers को Ali Hasan को मारने का mission सौंपा।
चेम्बर्स, जो ब्रिटिश origin से थी, को कुछ साल पहले एजेंसी में शामिल किया गया था। उनका Christian लगने वाला नाम, एक big advantage के रूप में देखा गया था, क्योंकि इससे वो fake identity के बजाय अपने खुद के documents का use करके travel कर सकती थी, और worst case scenario में मदद मांगने के लिए उसे ब्रिटिश embassy में आसानी से जा सकती थी।
लेकिन disadvantage ये थी कि ऑपरेशन के बाद, उसकी असली पहचान Public knowledge बन जाएगी। जिसकी वजह से उसे अपनी identity बदलनी होगी और अपने पुराने जीवन को पीछे छोड़ना होगा।
लेकिन चैंबर्स ने एक Apartment rent पर लिया जहां से, पार्किंग spot पूरी तरह से दिख सकता था। और जनवरी 1979 में ऑपरेशन को green light दे दी गई।
Ali Hasan पर पांच unsuccessful attempt करने के बाद, मोसाद ने माना कि उन्हें एक अलग appraoch की जरूरत है। अक्टूबर 1978 से छह week के time period की observation में, उन्होंने Note किया कि Ali Hasan ने अपनी पत्नी, Former Miss Universe georgina Rizk (जॉर्जीना रिज़क) के साथ West Beirut के स्नूब्रा (Snoubra) में अपने अपार्टमेंट में ज्यादातर वक्त दोपहर में बिताया था, और जब वो रिसी meeting में नहीं होता, तो वो Gym और सॉना (sauna) में समय बिताते थे। Sauna जहां पर Steam bath और body relaxation की facilities होती है। तो Mossad ने Sauna पर bomb attack करने का plan बनाया, लेकिन क्योकी Sauna में और भी civilians हर वक्त मौजूद होते है, तो उन्हे खतरा ना पहुचाने के लिए इस plan को वही रोक दिया गया।
नवंबर 1978 में, Britisg Based एक charity worker, जिसका नाम “Erika Mary Chambers” था, जो 1975 में issued ब्रिटिश पासपोर्ट पर travel करते हुए बेरूत (Beirut) में enter करती है। ये भी माना जाता है कि उस समय कई और मोसाद एजेंटों ने बेरूत में enter किया, जिनमें british और canadian पासपोर्ट के साथ पीटर स्क्रिवर (Peter Scriver) और रोलैंड कोलबर्ग, Fake names का use करने वाले दो लोग शामिल थे।
मोसाद Agents ने नोट किया कि Ali hasan अक्सर अपने अपार्टमेंट के पास, Beka street में जाता रहता था। 10 जनवरी, 1979 को, चेम्बर्स ने अनीस असफ बिल्डिंग की आठवीं मंजिल पर एक अपार्टमेंट किराए पर लेने के लिए £L3,500 का rent दिया।
Chmabers ने अपनी appearance को Bohemian style में change किया और चेम्बर्स को उसके आस पास के Apartments में रहने वाले लोग, एक सनकी औरत के रूप में देखते थे, जो अपना वक्त आवारा बिल्लियों को बचाने और अपने फ्लैट की balcony से road की scenery को paint करने में बिताती थी, और वो scenery Beka street की होती थी।
Chambers ने एक Resident और ‘The House of steadfastness of the children of telsata’ नाम की एक फ़िलिस्तीनी charity के साथ काम करते हुए, उसने। Ali Hasan के साथ एक meeting का plan बनाया। Ali Hasan को Chambers की कई चीज़े ताफी पसंद आई तो, Ali उसे अपने साथ कई functions में लेकर गया। और Ali hasan के करीब होने की वजह से chambers तो उसकी daily routine की details पता चल गई थी।
22 जनवरी, 1979 को Ali Hasan के आगे पिछे दो Chevrolet station wagon गाड़ियां के थी, और वो अपनी wife के फ्लैट से अपनी मां के जन्मदिन की पार्टी के लिए जा रहा था। चेम्बर्स अपनी बालकनी में पेंटिंग कर रही थीं, और उसकी red Volkswagen Car नीचे already पार्क थी। जैसे ही Ali Hasan क 3:35 बजे वोक्सवैगन के आगे से गुजरा और Rue Madame curie की तरफ मुड़ा, तभी कार से जुड़े 100 किलो explosive को दूर से ही blast कर दिया गया था। अब ये या तो चेम्बर्स ने या किसी दुसरे Agent को उसकी वहां से निकलने की information देने पर किसी मोसाद एजेंट ने किया था।
हालाकी bomb blast के बाद Ali hasan जिंदा था, लेकिन बुरी तरह से घायल हो गया था, उसके सिर में एक स्टील metal चली गई थी। उसे American University hospital ले जाया गया, जहां शाम 4:03 बजे ऑपरेटिंग टेबल पर उसकी मृत्यु हो गई। Blast में आठ अौर लोग मारे गए, जिसमें Ali hasan के चार bodyguards और चार bystanders शामिल थे, जिसमें एक west जर्मन Nun और एक ब्रिटिश secretary सुसान वेयरहम ( susam wareham) शामिल थे। इसके अलावा आसपास के 18 अौर लोग भी घायल हुए थे।
विस्फोट ने बेरूत को हिला दिया, जो की मोसाद एजेंट माइक हरारी ने तट पर एक नाव से देखा था। ऑपरेशन के तुरंत बाद तीन मोसाद officers बिना किसी trace के भाग गए, जैसा कि माना जाता है कि 14 और एजेंट ऑपरेशन में शामिल थे।
Ali Hasan Salameh को बेरूत के शहीद कब्रिस्तान में 100,000 शोक मनाने वालों की भीड़ के सामने दफनाया गया था। यासर अराफात, Ali Hasan के cofin को उठाने वालो में से एक था, और उन्होंने comment भी किया “हम फिलिस्तीन के रास्ते पर मार्च करना जारी रखेंगे। Goodbye, My Hero।”
West Germeny की secret service के एक एजेंट के रूप में अपने exposure के बाद, Journalist विल्हेम डाइटल (Wilhelm Dietl) ने अपनी activities का खुलासा करने वाली एक autobiography और series of books लिखी। एक किताब जो एक मोसाद एजेंट के बारे में थी, जिसे उन्होंने “एरिका चेम्बर्स” कहा था। उन्होंने इससे पहले एक और किताब में भी एक chapter Erika chamber को devote किया था।
उन्होने ने लिखा, कि वो Erika chambers के character को बहुत Admire करते थे। Dieltl बेरूत में था और वो PLO (Pelestine Liberal Organisation) के लोगों से मिला, और देखा कि वहां हर कोई Erika chambers के operations की बात करता रहता है।
Erika chambers के Agent होने की journey और Munich massacre से inspire होकर एक कहानी Rambo में देखी जा सकती है।