Senior Officer IPS Officer Sanjukta Parashar की गिनती उन बहादुर IPS Officers में होती है, जिनसे terrorists भी कांपते हैं। Parashar को पुलिस training में excellence performance के लिए home minister अमित शाह द्वारा Union Home Minister’s Medal से सम्मानित किया गया है।
असम में पैदा होने वाली एक लडकी जिसने अपनी स्कूल education असम में पूरी करी।
उसके बाद में उसने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से political science में graduation किया और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू University से International Relations में post graduation पूरी की। Post Graduation के बाद उन्होंने US Foreign Policy में MPhil और PhD की।
Sanjukta Parashar को बचपन से ही खेलों में गहरी दिलचस्पी थी। School में Sports day और Sports period Sanjukta का favourite होता था। और एक Athlete lover होने के बावजूद वो academics में भी अच्छी थी।
और Sports में तो उन्होंने कई awards जीते थे।
Sports और Academics के साथ, जो चीज Sanjukta parashar को normal teenager से अलग करती थी वो ये थी, कि जब वो स्कूल में ही उन्हे असम में बढ़ते भ्रष्टाचार और आतंक को लेकर चिंता होने लगी थी। रोज news channels और news papers पर कोई नई आतंक की खबर सुनने को मिल जाती थी। और Sanjukta को समझ नही आता था कि ऐसा क्यो होता था और कैसे इसे रोका जा सकता था। इसलिए, उसने कही बाहर नौकरी करने की बजाय अपने ही state में रहकर काम करने का फैसला लिया।
संजुक्ता पाराशर ने All India Civil Service Examination में 85वीं रैंक हासिल की थी और वो 2006 batch की IPS Officer बन गई। इसके बाद जैसे उन्होने पहले सो ही सोचा हुआ था, ठीक वैसे ही उन्होंने Meghalaya- Assam Cadre को चुना।
Sanjuka अच्छी रैंक से exam pass करने के बावजूद भी Assam के terror और corruption जैसे मुद्दों पर काम करने का फैसला किया। उन्हें पहली बार 2008 में Assistant Commandant के रूप में माकुम (Makum), असम भेजा गया था।
इसके बाद उन्हें उदलगिरी में बोडो (Bodos) और बांग्लादेशियों के बीच बढते violence को control करने के लिए भेजा गया था।
National Democratic Front Of Bodoland (NDFB) एक Armed protest Outfit था, जिसने Bodos के लिए एक अलग Bodoland separate करने की मांग की थी। इस outfit को भारत सरकार ने एक terrorist organisation declare किया है।
इस organisation ने Non-bodo civilians के साथ-साथ security forces को निशाना बनाते हुए असम में कई हमले किए हैं।
2000 के बाद से, इस terrorist organisation ने Bodo territory का होने का दावा करने वाले बांग्लादेशी migrants को अपनी target बनाया है।
असम के सोनितपुर जिले में SP रहते हुए संजुक्ता पाराशर ने CRPF जवानों की टीम को lead किया था। एके-47 लेकर वो खुद Bido militants ता सामना करने गईं। इस ऑपरेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं, जिसमें Sanjukta अपनी पूरी टीम के साथ एके-47 राइफल के साथ नजर आ रही थीं।
संजुक्ता पराशर को कई बार इस Terrorist organisation की तरफ से जान से मारने की धमकीयाँ मिली है, लेकिन Sanjukta जिसे Iron Lady के नाम से नवाजा गया है, उसने कभी उन धमकियों की परवाह नहीं की। उल्टा Terrorists के खिलाफ उसकी performance की वजह से वो terrorist के लिए nightmare बन गई थी।
2015 में संजुक्ता पाराशर ने Anti Bido Terrorist operation को lead किया था। और उसने केवल 15 महीनों में 16 आतंकवादियों को मार गिराया था। इसके अलावा उन्होंने 64 बोडो militants को भी जेल पहुँचाया था। इसके साथ साथ संजुक्ता की टीम ने बहुत सारे हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए थे। Sanjukta और उनकी टीम ने 2014 में 175 आतंकवादी और 2013 में 172 आतंकियों को जेल में पहुंचाया था।
सुबह के 3.30 बजे थे और असम के सोनितपुर जिले में superintendent of police संजुक्ता पाराशर अपने जवानों को घने जंगलों के अंदर नजर रखने के लिए तैयार करती हैं। और हर बार की तरह एके-47 राइफल के साथ Sanjukta एक leader की तरह जंगल में जाने को लिए lead करती हैं।
Real action location सोनितपुर के district headquarter तेजपुर से 80 किमी north में मालदांग area है। असम पुलिस के commando और central reserve police force (CRPF) की कोबरा बटालियन के members उसके साथ जंगल में जाते हैं।
मणिपुर में Army के एक group पर हमले के दो दिन बाद पुलिस पार्टी वहाँ जा रही है, जिसमें 18 लोग मारे गए थे। पराशर और उनकी टीम ने पिछले महीने ही मालदांग में NDFB-S Organisation के चार militants को गिरफ्तार किया था।
उस Area के घने जंगल अपने आप में ही खतरनाक हैं। ये पुलिस के लिए ना केवल बोडो terrorists के खिलाफ काम कर रहा है, बल्कि जंगली जानवरों के खिलाफ भी काम कर रहा है। क्योकी ऐसे मौके भी आए हैं जब team का सामना हाथियों से हुआ था। और उनके पास पीछे हटने या आगे बढ़ने से पहले घंटों इंतजार करने के अलावा कोई option नहीं बचता था।
घनी धुप team की सारी energy को बहा देती है तो, भारी बारिश यहां operation को एक challenge बना देती है।
जैसे ही team नदी पार कर रही है, पराशर अपने हाथ से इशारा करती है और “छोटे कदम, छोटे कदम” चिल्लाकर team को छोटे कदम उठाने के लिए कहती है जिससे पानी में चलना आसान हो जाएगा।
पिछले कुछ महीनों में 16 terrorist के Encounter और 64 की गिरफ्तारी के बाद, हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी के अलावा, उन्होंने Terrorists के अंदर अपना डर पैदा कर दिया था।
इस incident के बाद, terrorists ने वापस हमला किया, जब उन्होंने सोनितपुर और कोकराझार (Kokrajhar) के Citizens को निशाना बनाया और 62 लोगों को मार डाला। जिसको बारे में Sanjukta का कहना है कि ये NDFB के protest से affected सभी districts में कार्रवाई के बाद NDFB organisation का एक Desperate move था।
और बात सिर्फ सोनितपुर की नहीं है। राज्य के उन सभी Areas में जहां NDFB organisation active था, पिछले कुछ महीनों में सब जगहो पर बड़ी कार्रवाई की गई है। जबकि पिछले पांच महीनों में 11 एनडीएफबी आतंकवादी मारे गए हैं, 348 Militants और लिंकमैन गिरफ्तार किए गए हैं।
कोकराझार, उदलगिरी, बक्सा और चिरांग की Forces ने मिलकर एक coordinated तरीके से हमला किया है। Reserve forest Area बोडो terrorists के लिए एक उपजाऊ जमीन है, जबकि Forces के लिए unfriendly area में operation चलाना एक tough task है।
हालाकी state जंगलों के अंदर कोई infrastructure setup नहीं कर सकता है, क्योंकि ये एक reserved Area है, जहाँ local लोगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया और यहां अपना घर बना लिया है। Terrorists इन गाँव वालो का शोषण करते हैं, जो उनके डर ये उनके लिए काम करते हैं।
भारी बारिश में चलते हुए, पुलिस Party NDFB के एक Terrorist के बारे में पूछताछ करने के लिए एक घर में रुकती है, जिसे कुछ समय पहले ही गिरफ्तार किया गया था। लेकिन बाद में पता चला कि उसे जमानत मिल गई है, तो SP ने उसे बाहर निकालने के लिए अपने soldiers को इशारा किया। पर परिवार के सदस्यों से पूछताछ के बाद पता चला कि वो घर पर ही नहीं है।
हालांकि recent strict कार्रवाई ने Terrorists को पीछे धकेल दिया है, लेकिन police forces को पता है कि Terrorist पास में ही हैं और किसी भी वक्त हमला कर सकते हैं।
एक पुलिसकर्मी, जो पिछले आठ वर्षों से Anti- NDFB operations में Sanjukta ती team में काम कर है, उसता कहना है कि वो सब Terrorists यही पर हैं। इसलिए पुलिस अपनी सतर्कता को कम नहीं होने दे सकते। पुलिस के लिए उनसे आगे रहना मुश्किल है। उन्हें हमेशा Local population कि मदद से terrorists पुलिस की movements के बारे में पहले ही जान लेते है। और Locals से तो information निकलवाने के लिए तो बस उनकी एक धमकी की जरूरत होती है।
संजुक्ता पाराशर ने बताया कि 23 साल की उम्र में उनके दिमाग में UPSCकी परीक्षा देने का विचार आया। साल 2006 में संजुक्ता ने कड़ी मेहनत से अपने सपने को साकार किया।
एक बच्चे की माँ संजुक्ता ने हाल ही में एक ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें वह खुद एके 47 राइफल लेकर लडाई के मैदान में उतरना शुरू किया। पिछले कुछ सालो में, उन्होंने खुद को पूरी तरह से Anti-Bodo terrorist operations के लिए dedicate कर दिया है।
कई बार, संजुक्ता उन victims के साथ रहने के लिए relief camps में जाती हैं, जिन्होंने आतंकवादी हमलों में अपना परिवार या घर खो दिया है। वो दो महीने में सिर्फ एक बार ही अपने पति और परिवार के साथ समय बिता पाती हैं। संजुक्ता ने आतंकवाद और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जिस dedication और bravery को दिखाया है, वो सम्माननीय है।
और सोचिए कि अगर Baaghi film में हमें female lead का character, IPS officer Sanjukta Parashar, जो Ak 47 के साथ mission पर जाती है, इनसे inspired हो तो फिर तो मज़ा ही आ जाएगा।
अब Male lead तो हम सबतो पता है, Tiger shroff है जो कि action और Stunts के king already है, तो हो सकता है इस बार उनके साथ में उनकी Queen Ak-47 rifle वाली officer देखने को मिल जाए।
जो अपने king के साथ मिलकर दुश्मनो का खात्मा करेगी।