झारखंड का सबसे खूंखार gangster, अखिलेश सिंह, जिसके नाम का आज भी दबदबा है और steel city यानि कि जमशेदपुर में लोग आज भी अखिलेश सिंह के नाम से डर जाते हैं। इसके नाम से पूरा state हिल जाता है और जमशेदपुर का हर businessman इस नाम से खौफ खाता है।
अखिलेश सिंह जमशेदपुर के सिदगोड़ा में रहता है फिलहाल दुमका जेल में बंद है। वह बिहार के बक्सर का मूल निवासी है। फरारी के दिनों में वह बिहार में ही छुपा करता था।
एक समय था जब पूरा झारखंड अखिलेश सिंह से परेशान था। पूरा jharkhand और देश की पुलिस इसे पकड़ने के लिए दिन रात एक कर रही थी । इस gangster के खिलाफ 56 से भी ज्यादा criminal cases दर्ज है। पहला है एक jailer का murder, जो जमशेदपुर के main market area साकची का jailer था और साथ ही साथ एक नेता का murder, जिसका नाम है उपेंद्र सिंह। अखिलेश सिंह की दुश्मनी हमेशा politics में रहने की वजह से नेताओं से बनी रहती है, इसलिए उसने उपेंद्र सिंह का murder करवाया।
जमशेदपुर के बागबेड़ा colony में रहने वाले transporter और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता उपेंद्र सिंह के murder के मामले में court में सुनवाई हुई , जेल भी भेजा गया लेकिन अखिलेश सिंह के जमानत के application पर high court के judge ने जमानत देने से मना कर दिया। इसके बाद उसके advocate ने application वापस ले लिया और सजा मिलने के बाद अखिलेश सिंह को दुमका ( jharkhand की एक जगह) जेल में बंद किया गया।
हम अक्सर सुनते हैं कि police गुंडे का encounter करती हैं, पर यहां एक गुंडे ने जेलर का murder करवाया था । जी हां दोस्तों , अखिलेश सिंह और उसके दोस्त संजय पाठक ने जमशेदपुर के साकची जेल के jailer उमाशंकर पांडे का 12 मार्च 2002 को police quarter area में घुसकर murder किया। फिर आगे क्या हुआ इसे जानकर आप और हैरान रह जाएंगे। वहां जमी भीड़ ने हिम्मत दिखाई और वही एक murderer को पकड़ लिया । जी हां, भीड़ ने संतोष पाठक को पीट-पीटकर मार डाला, जब कि अखिलेश सिंह मौका मिलते ही वहां से भाग गया । इस murder case में उसे जेल में रहने की सज़ा तीन जनवरी 2006 को जमशेदपुर कोर्ट ने सुनाई थी। फिर 2007 में मां के इलाज के लिए उसे court ने पेरोल दिया था और तबसे वह जेल में आता-जाता रहा।
दिक्कत तब हुई जब पेरोल खत्म होने पर भी वह जेल नहीं आया और ना ही कोर्ट के बुलाने पर वहां गया। पुलिस उसे हर तरफ ढूंढने लगी। सिर्फ यह दो मामले नहीं, बहुत सारे मामले उसके खिलाफ दर्ज हुए थे, जिसमें से एक बहुत बड़ा kidnapping case भी है।
असल में, jamshedpur के ही ओम प्रकाश काबरा को 28 जुलाई 2001 में अखिलेश सिंह ने ही kidnap किया था । काफी pressure के बाद बक्सर ( बिहार का एक district) से काबरा को छोड़ दिया गया था ।10 अगस्त 2001 को काबरा के kidnapping मामले में court में surrender करने के बाद 18 जनवरी 2002 को वह court आने वाले रास्ते से ही चकमा देकर भाग गया। अखिलेश सिंह के भागने के बाद ही काबरा का murder नवंबर 2002 में साकची में कर दिया गया था। पहली बार पुलिस ने अखिलेश को बिहार के बक्सर के नगवा के घर से 2004 को arrest किया गया था। उसके बाद वह court में आता जाता रहा ,उसे bail भी मिल गई । उसने कभी court की बात नहीं मानी और time पर नहीं आता था। उसका जेल में आना जाना लगा रहता था। फिर एक बहुत बड़ा murder case उसके खिलाफ दर्ज हुआ और ये case था एक नेता के murder का। उसे सरकार छोड़ देती पर उसने फिर एक नेता का murder कर दिया और पहले से ही उसके खिलाफ बहुत सारे case दर्ज थे, इसलिए फिर से उसे पुलिस खोजने में लग गई। उसे ढूंढने में जमशेदपुर, झारखंड, बिहार और gurgaon पुलिस भी जुट गई।
अखिलेश सिंह पर जमशेदपुर court के bar association भवन में 30 नवंबर 2016 को उपेंद्र सिंह का murder कराने का आरोप है। यह बात तो सबको पता है कि उपेंद्र सिंह का murder अखिलेश सिंह के गुंडे विनोद सिंह और सोनू सिंह ने ही किया है । उन्होंने भरी भीड़ में उसे गोली मारकर उसकी जान ले ली। लेकिन भीड़ ने दोनों shooters को घेरकर पकड़ लिया था। कुछ देर बाद ही तुरंत पुलिस वहां पर पहुंच गई और दोनों को पकड़ लिया। उन दोनों के पास से pistols मिले, जिससे police को gangs के बारे में काफी जानकारियां भी मिली और दोनों को तुरंत जमशेदपुर के एक छोटे से area “सीतारामडेरा” थाना की पुलिस arrest कर थाने ले गई । जब गुंडे पकड़े गए तो उसके भी होश उड़ गए, वह इधर उधर भागने लगा । वह हमेशा भागने के लिए अपने बिहार के घर चल जाता था, पर इस बार उसे पकड़ना इतना आसान नहीं था।
जब case शुरू हुआ तो इन दोनों shooters को arms act के मामले में तीन साल की सजा जमशेदपुर court ने सुनाई थी। जब court में सुनवाई हुई और case आगे बढ़ा तो पता चला कि, इस murder में सिर्फ अखिलेश सिंह ही नहीं और भी कई लोग शामिल हैं। उपेंद्र सिंह के murder case में अखिलेश सिंह, हरीश सिंह, जसवीर सिंह, संजय जोजो, विनोद सिंह, सोनू सिंह के साथ — साथ और 10 लोगों के खिलाफ case दर्ज हुआ था। ये सारे गुंडे अखिलेश सिंह के under ही काम करते थे या शहर के छोटे-मोटे gangster थे । हालांकि , उसके बहुत सारे गुंडों को जेल ने जमानत दे दी । Murder के मामले में अखिलेश सिंह के गुंडे हरीश सिंह को jharkhand high court से जमानत मिली । इतने सारे murder cases के बाद अखिलेश सिंह को जमानत मिलना तो बहुत मुश्किल था, फिर भी वह लगातार high court में जमानत के लिए कोशिश करता रहा ।
उसे ढूंढते रहते पुलिस को और भी बहुत कुछ पता चला और उन्होंने investigation start किया, तो धीरे-धीरे सारे राज़ सामने आ गए। पुलिस ने मामले में secret तरीके से investigation किया, तब पता चला कि ये gangster सुशांत लोक के flat 520 B में छिपा हुआ है। इसके बाद दोनों states की पुलिस team ने इस flat को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस को देखते ही अखिलेश सिंह ने उन पर गोली चला दी। पहले से ही तैयार इस super team ने तुरंत firing की और अखिलेश सिंह को करारा जवाब दिया।
पुलिस की firing में अखिलेश घायल हो गया। बाद में उसे gurgaon मे civil hospital में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। एक वक्त ऐसा था जब अखिलेश का order मानने से मना करने वालों का खेल वह चुटकियों में खत्म कर देता था। एक criminal विक्रम शर्मा के under में crime सीखनेवाला अखिलेश सिंह एक बार जब crime की दुनिया में कूदास तो फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक crime को अंजाम देकर उसने न केवल पुलिस की नींद उड़ा दी बल्कि करोड़ों की property भी रातों रात खड़ी कर ली थी। उसे पकड़ना पुलिस के लिए बहुत जरूरी हो गया था, वरना शहर में क्राइम बढ़ता जाता और ऐसे ही murders होते रहते ।
अखिलेश सिंह के खिलाफ 56 से भी ज़्यादा criminal cases दर्ज है। इनमें उपेंद्र सिंह मर्डर, arms act, धोखाधड़ी, official या legal papers की हेराफेरी, जयराम सिंह, आशीष डे, परमजीत सिंह और कई murder cases के मामले है। साकची जेल के जेलर उमाशंकर पांडेय के murder के मामले में उसे life imprisonment यानि आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। ये जेल का सिलसिला काफी लंबा है। फिर दोबारा दिल्ली के noida से उसे 2011 में पकड़ा गया था। 2015 में उसे कुछ शर्तों के साथ झारखंड high court से जमानत मिली थी। इसी बीच सोनारी ( जमशेदपुर का एक छोटा area ) के अमित सिंह और उपेंद्र सिंह के murder का case दर्ज हुआ। जमशेदपुर की पुलिस ने उसे gurgaon से अक्टूबर 2017 को उसकी पत्नी के साथ arrest किया था। पुलिस की बहुत मेहनत के बाद आखिरकार वह पकड़ा गया और सारी मेहनत successful हुई। आज अखिलेश सिंह दुमका जेल में बंद है और अभी तक तो वह भागने में successful नहीं हो पाया है और उम्मीद है आगे भी ना हो ।
दोस्तों यह तो थी झारखंड के सबसे wanted don अखिलेश सिंह की कहानी , जिसके खिलाफ ना जाने कितने murder और kidnapping cases दर्ज है और वह आज भी उसकी सजा काट रहा है । sholay 2 में भी शायद ऐसी कहानी देखने को मिल सकती है । sholay 2 में कुछ ऐसे ही बहुत बड़े gangster की कहानी देखना काफी interesting होगा कि वह कैसे gangster बनता है और पुलिस उसे कैसे chase करती है।
Bye
Kshamashree dubey