यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह मरने से नहीं डरता वह या तो झूठ बोल रहा है या फिर वह गोरखा है। यह शब्द पूर्व भारतीय सेना अध्यक्ष sam manekshaw के द्वारा गोरखा regiment के सिपाहियों के लिए कह गए थे ।
गोरखा regiment भारतीय सेना की आन बान और शान माना जाता है और उनकी बहादुरी के किस्से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। तभी तो उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक और सबसे जांबाज सिपाहियों में शुमार किया जाता है । हमारी भारतीय सेना में गोरखा regiment को बलिदान का दूसरा नाम माना जाता है क्योंकि देश पर जब भी कोई बड़ा संकट आता है तो सबसे पहले इसीलिए regiment के सिपाहियों को भी याद किया जाता है । अपनी वीरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गोरखा के निडर सिपाही देश के लिए हर समय अपनी जान के बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व युद्ध के दौरान भी british Army ने इन्हीं गोरखा सिपाहियों के दम पर ही hitler को टक्कर दी थी। और गोरखा सिपाहियों ने world war के दौरान युद्ध में वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया था उसके किससे आज भी पूरी दुनिया में सुनाए जाते हैं । ऐसे ही एक वीर गोरखा थे विष्णु श्रेष्ठ।
श्रेष्ठ का जन्म 1975 बच्चा देवलाली खोला, वार्ड नंबर 9, नेपाल के पश्चिमीबग्गा में जिले में हुआ था। भारतीय गोरखा regiment में भर्ती होने के बाद वह और उनका परिवार गोरखपुर चले गए।
सितंबर 2010 में विशेष रांची से गोरखपुर जा रहे हैं। वह morry express ,जो हटिया से गोरखपुर जाती है उससे यात्रा कर रहें थे। वह अपनी seat पर बैठकर दृश्य का आनंद ले रहे थे जब ट्रेन पश्चिम बंगाल के घने जंगलों में प्रवेश करती हैं। आधी रात के आसपास में train अचानक रुक गई और हथियारबंद criminals हर दिशा से train में चढ़ने लगे और साथ ही यात्रियों को डराना शुरू कर दिया । उन्हें चाकू और तलवार से लूट लिया । उनमें से लगभग 40 आतंक के सौदागरों ने बाकी लोगो के चेहरों पर चाकू लहरा कर उसने गहने, laptop से लेकर घड़ियां चुरा ली। अचानक सोए हुए vishu को पैरों के दौड़ने की आवाज आई। किसी ने उनके बिस्तर के कपड़े खींच लिए। उन्होंने उठकर देखा तो देखा कि बहुत से लोग उनके पैरों के पास खड़े हैं ।
उन्होंने मांग की कि वह अपनी सारी नकदी और कीमती सामान सौंप दे। चारों ओर भ्रम की स्थिति थी। Vishnu ने कड़क आवाज में कहा जम – मै वह भारतीय सेना का जवान हूं अपराधी पीछे हट जाए. । अपराधी पीछे हट गए और अपना ध्यान कहीं और लगाने लगे । उन्होंने यात्रियों से गहने नकदी और अन्य सामान शुरू कर दिया। Vishu ने उन लुटेरा से तब तक कुछ नहीं कहा जब तक लुटेरों ने एक 18 वर्षीय लड़की की ओर ध्यान नहीं दिया और उसके माता-पिता के सामने उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने का प्रयास नहीं किया।
विष्णु और बर्दाश्त नहीं कर सके और एक बहादुर गोरखा सैनिकों की तरह हमला किया । उन्होंने एक लुटेरे को पकड़ा और उसे मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया । इसके बाद उन्होंने तीन लुटेरों को मार डाला और 8 अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस घटना से उनके बाएं हाथ में blade की गंभीर चोट थी । लेकिन इसने उन्हें अपने आसपास के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से नहीं रोका। 20 मिनट में पूरा episode खत्म हो गया । अगले स्टेशन पर पुलिस और emergency मे खड़ी ambulance इंतजार कर रही थी।
विष्णु को तुरंत अस्पताल लेजाया गया। उसे पूरी तरह से ठीक होने में करीब 2 महीने का समय लगा ।bशुक्र है पुलिस ने उन चोरों को भी गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से ₹400000 दो सोने का हार समेत कई और अन्य चीजें मिली।
ऐसे ही एक वीर जवान की कहानी होने वाली है शाहरुख खान स्टारर जवान।
Ab jaate jaate aapko aapki fayda ki baat btaana chahti hu , toh agar aap bhi cinema ki duniya se judna chahte hai aur kaam karna chahte hai toh description box mei diye gye job link par click kare aur iss opportunity ka zarur fayda uthaye.
Apoorva।