Thumbnail title- कैसे बना किसान का बेटा IPS?
Singham3 by Rashika
आज से ठीक 12 साल पहले दिल्ली की सुबह काफी सर्द थी। दिन उगने के साथ ही चटक धूप खिल आई थी। तब दर्जनों परिवारों की उम्मीदों को पंख लगे थे। इनके बेटे दिल्ली पुलिस में थानेदार बने और उनके कंधों पर सितारे और माथे पर अशोक स्तम्भ सजा थे। बेटे को अफसर बनता देखने वालों में राजस्थान के किसान लक्ष्मण सिंह गुर्जर भी शामि ल थे।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले पर स्थित गांव देवीपुरा के अपने खेत में खेती-बाड़ी करके बेटे विजय सिंह गुर्जर को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाने वाले लक्ष्मण सिंह के लिए तो बेटे का दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनना कोई वर्षों पुराना ख्वाब पूरा होने के जैसा था, मगर बेटे विजय ने इससे भी बड़ा ख्वाब देख रखा था और उसे पूरा भी कर दिखाया।
विजय कुमार गुर्जर वो शख्स हैं, जिन्होंने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और फिर सेंट्रल एक्साइज केरल व आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर बनने के बाद भी आईपीएस अधिकारी बनने के लिए मेहनत करना नहीं छोड़ी और यूपीएससी की तैयारी जारी रखी थी लगातार प्रयास करके गुजरात कैडर में साल 2018 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए। presently , कमांडेंट एसआरपी ग्रुप-14, वलसाड के पद पर service दे रहे हैं।
आईपीएस विजय सिंह औसत विद्यार्थी रहे, मगर सही समय और सही रणनीति से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करके आईपीएस बन पाए हैं। अपने गांव देवीपुरा बणी के एक निजी स्कूल से साल 2002 में 54.5 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं पास करने वाले विजय सिंह ने साल 2004 में 12वीं में 67.23 प्रतिशत अंक पाए। राजकीय संस्कृत आचार्य कॉलेज चिराना से साल 2009 में संस्कृत संकाय में 54.5 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन की।
देश की बागडोर असल मायने में अफसरों के हाथ में होती है. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाकचौबंद रहती है. जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उससे विश्वास उठता जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी IAS और IPS अफसर हैं, जो अपनी साख बचाए हुए हैं. उनके कारनामे आज मिशाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं.
दिल्ली पुलिस में DCP विजय सिंह अपने जोश और जज्बे की वजह से रियल सिंघम के नाम से जाने जाते हैं. अपराधी उनके नाम से खौफ खाते हैं.
5 सितंबर 2016 को DCP विजय सिंह अपनी टीम के साथ दिल्ली के स्वरुप नगर इलाके से गुजर रहे थे. तभी इन्होंने देखा की कुछ मनचले छेड़खानी कर रहे हैं.
वे लड़के एक स्कूटी सवार लड़की को बहुत देर से परेशान कर रहे थे. उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी बदमाशों के पीछे लगा दी. एक किमी पीछा करके उन्हें धर दबोचा.
विजय सिंह की इस बहादुरी से ना सिर्फ दिल्ली पुलिस में आत्मविश्वास बढ़ा, बल्कि लोगों के बीच पुलिस की छवि भी सुधरी है.
दिल्ली के एक मध्यवर्गीय परिवार में पले-बढ़े विजय सिंह ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है. उनके पिता सरकारी नौकरी में थे, तो मां गृहिणी थीं.
दिल्ली विश्वविद्यालस से कॉमर्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने गोवा से LLB की पढ़ाई की है.
साल 2005 में UPSC की परीक्षा पास करके विजय सिंह IPS अफसर बने. दिल्ली पुलिस के अलावा गोवा पुलिस में भी तैनात रहे हैं.
खुद को फिट रखने के लिए विजय सिंह रोज 5 किमी दौड़ने के साथ ही एक घंटे जिम में गुजारते हैं. क्रिकेट खेलना इनका शौक है
तो ये कहानी पुष्प बाली की. ऐसे ही पुलिस वाले की बहादुरी की कहानी आपको देखने को मिल सकती है Singham 3 में.
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Brief;
Singham is a 2011 Indian Hindi-language action film directed by Rohit Shetty and produced by Reliance Entertainment, based on a script by writers Yunus Sajawal and Farhad-Sajid. It serves as first installment of Shetty’s Cop Universe. A remake of the 2010 Tamil film of the same title by Hari, the film stars Ajay Devgn in the lead role as a police officer named Bajirao Singham alongside Kajal Aggarwal and Prakash Raj who reprises his role as in original.
Rashika Patel