Thumbnail:- ramesh kalia कौन है?
Balwaan2
By vareena Tandaniya
दोस्तों जैसे कि आपने ही पिछली कहानी में देखा किस तरह से navniet मेहनत करके आईपीएस ऑफिसर बनता है। अब अगला दृश्य दिखाया जाता है। सन 2000 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की सुबह का दृश्य दिखाया जाता है। जहां पर एक सुनार की दुकान पर सुबह-सुबह पुलिस तहकीकात कर रही है सोनार जिसका नाम पन्नालाल जौहरी है, वह नीचे बैठा रो रहा है और रोते-रोते कहता है। अरे लूट गया रे, मैं तो बर्बाद हो गया…. मेरी तो जीवन की जमा पूंजी सब चली गई। एक इस्पेक्टर पन्नालाल जौहरी के पास आता है और पन्नालाल जौहरी को कहता है। देखिए आप परेशान ना हो। हम चोर को जल्द से जल्द पकड़ लेंगे। पन्नालाल जौहरी कहता है कब ढूंढोगे आप उस चोर को हवलदार कहते हैं। घबराइए नहीं, चोर जल्द ही मिल जाएगा।
दूसरी और दिखाया जाता है। एक कमरे में 2 आदमी खड़े हैं। उनमें से एक आदमी ने एक काला स्कूल बैग अपनी पीठ पर लगा रखा है। वह उस काले बैक को उतार कर एक मेज पर रखता है और जब उस beg को उल्टा करके खाली करता है तो उस बैग में ढेर सारा सोना निकलता है। ye सोना वही सोना था जो पन्नालाल जौहरी की दुकान से चोरी हो चुका था। जिस आदमी की पीठ पर बैग लगा हुआ था, उस आदमी का नाम सुधीर था और साथ में खड़ा उसका साथी जिसका नाम ramesh यादव उर्फ ramesh कालिया था। रमेश kalia बहुत खतरनाक अपराधी था, जैसी ही सुधीर बैग अपनी पीठ से उतारता है और मेज पर खाली करता है तो इतने सारे सोने को देखकर सुधीर कहता है। अरे बॉस! आज तो हमारी लॉटरी लग गई। Ramesh कहता है की लॉटरी लगी नहीं है, अभी लगेगी सुधीर कहता है मैं कुछ समझा नहीं तभी रामेश अपनी जेब से चाकू निकालता है और सुधीर के पेट में चाकू मार देता है। सुधीर के पेट में चाकू मारने से जैसे ही खून निकलता है, रमेश कहता हैं अब लगी ना लॉटरी कुछ दिनों बाद का दृश्य दिखाया जाता है। रमेश पन्नालाल जौहरी की दुकान पर जाता है और पन्नालाल जौहरी को वही जेवरात दिखाता है जो उसकी दुकान से उसने चोरी किए थे। पन्नालाल उन जेवरातो को पहचान लेता है
रमेश यादव उनके इरादों को बेचने के लिए पन्नालाल जौहरी की दुकान पर आता है। पन्नालाल जौहरी कहता है, यह तो मेरी ही दुकान की जेवरात है। रमेश यादव कहता है पन्नालाल जौहरी मैंने तुमसे यह नहीं पूछा कि यह जेवरात तुम्हारी दुकान की है या किसी और की दुकान की है। मुझे इन जेवरातो के बदले ₹500000 चाहिए। पन्नालाल रामेश्वर यादव को पैसे देने से मना कर देता है। रमेश यादव उन जेवरातो को अपने साथ वापस ले जाने लगता है। पन्नालाल जौहरी रमेश यादव को कहता है। मैं तुम्हें अपने यह जेवरात वापस ले जाने नहीं दूंगा। रमेश यादव पन्नालाल जौहरी को बंदूक दिखाकर दुकान से बाहर जाने लगता है। तभी पन्नालाल जौहरी कहता है। दुकान से बाहर जाकर तो देखो मैं अभी पुलिस को फोन मिला लूंगा। जैसे ही रमेश यादव पुलिस का नाम सुनता है वह पन्नालाल जौहरी को कहता है ramesh yadav Police se nhi drta or fir ramesh सरेआम सबके सामने पन्ना लिल जौहरी को गोली मार देता है और वहां आसपास खड़े लोग को ramesh कहता है। अगर किसी ने रमेश कालिया के खिलाफ पुलिस को कुछ भी बताया तो उसका भी यही हाल होगा। तभी भीड में से एक आदमी सामने आकर कहता है। तुम्हें क्या लगता है। हम तुम्हारी इस दोगली धमकियों से डर जाएंगे। मैं तुम्हारे जैसे पीदियो से नहीं डरता। ramesh यादव कहता है। क्या तुझे मैं पिद्दी लगता हूं। ramesh कालिया kehta hai kya tu mujhse नहीं डरता तो भीड़ से आगे खड़ा। आदमी कहता है नहीं डरता मैं….. ramesh यादव गोली चलाता है और उस आदमी को मार देता है। or आसपास खड़े लोग डर जाते हैं राजेश उन सभी को कहता है ab bhi hai koi जो लखनऊ के बड़े डॉन ramesh kalia से नहीं डरता कोई कुछ भी नहीं कहता थोड़ी देर बाद ramesh यादव वहां से चला जाता है। kuch देर बाद वहां पर पुलिस आती है और जनता से पूछती है कि यहां पर क्या हुआ था। क्या आप में से कोई गवाही देना चाहेगा। वहां पर बहुत सारे लोग खड़े होते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी आगे आकर गवाही देने को तैयार नहीं होता। सब चुपचाप खड़े रहते हैं।
दोस्तों कुछ ऐसी हो सकती है। बलवान टू की कहानी क्या लगता है आपको क्या होगा। आगे की कहानी में जानने के लिए बने रहे। हमारे साथ और हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा। कैसी लगी आपको हमारी यह कहानी।
Sultan 2
पढ़ाई के साथ-साथ पहलवानी के गुर सीखे और नाम कमाया। किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है इस लेडी पहलवान के संघर्ष की स्टोरी। भारतीय