Thumbnail:- dev raj कौन है?
दोस्तों जैसे कि अपनी पिछली कहानी में देखा जा रमेश यादव जोकि गैंगस्टर है। वह लखनऊ का बहुत बड़ा गुंडा है। वह सरेआम पन्नालाल जौहरी को गोली मार देता है और भीड़ में खड़े आदमी को भी गोली मार देता है जिसे पुलिस भी वहां आती है और लोगों से पूछती है लेकिन कोई भी रमेश यादव के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं होता।
Aagla दृश्य दिखाया जाता है बाराबंकी के एक जाने-माने नेतादेवराज अपनी कुर्सी पर बैठा है और अपने दो साथी राम और श्याम को कहता है कि हमें जल्द से जल्द लखनऊ जाना होगा। (राम और श्याम देवराज के दाएं और बाएं हाथ की तरह ही उसके साथ हरदम रहा करते हैं और उसका सारा काम भी किया करते हैं।) राम और श्याम कहते हैं। ठीक हैनेता जी और फिर राम और श्याम ड्राइवर रामू को बोलते हैं कि ड्राइवर गाड़ी निकालो हमें नेताजी के साथ लखनऊ जाना है।
दूसरी और दृश्य दिखाया जाता है। रमेश के पास एक आदमी बैठा हुआ है और रमेश को कह रहा है कि मेरे पास देने के लिए इतने पैसे नहीं है। कृपया आप मेरी जान बख्श दे रमेश कहता है कि रमेश कालिया की जुबान से जो एक बार निकल गया, वह समझो पत्थर की लकीर पांच पेटी बोला तो मतलब 5 पेटी तू लाकर देगा। अब खुद को बेच चाहे जैसे मर्जी मुझे 5 पेटी (5 लाख) चाहिए। वह आदमी कहता है मैं कोशिश करता हूं। आप मुझे थोड़ी और मोहलत दीजिए। ramesh us aadmi से कहता है कि जा तुझे मैंने 12 घंटे की मोहलत दी है। वह आदमी कहते हैं। सिर्फ 12 घंटे 12 घंटे में कहां से पांच पेटी लेकर आऊंगा तब रमेश कहता है, वह मैं नहीं जानता। wo tu jane जहां मर्जी से लेकर आ fir wo आदमी चला जाता है। रमेश के पास एक लड़का छत्री आता है और वह रमेश को बताता है कि आज बाराबंकी के नेता लखनऊ आने वाले हैं। रमेश सोचता है कि यही मौका है लखनऊ की जनता पर अपना और दबदबा कायम करने का यदि वह रास्ते में ही नेता को मार देगा तो इससे लखनऊ की जनता में उसका और खौफ बनेगा। दरअसल रमेश एक बहुत बड़ा गुंडा बनना चाहता है। इसलिए वह चाहता है कि लखनऊ की सारी जनता उस से डरे और आसपास के इलाके के सभी लोग भी उसकी सारी बातें माने।
अगला दृश्य दिखाया जाता है। देवराज राम श्याम और एक ड्राइवर रामू गाड़ी में बैठे हुए रास्ते पर जा रहे होते हैं। जैसे ही देवराज की कार लखनऊ के अंदर एंट्री करने लगती है, उसी समय रामेश कालिया उस गाड़ी का पीछा करता है। ड्राइवर रामू नेता देवराज को कहता है नेते जी लगता है कोई हमारी गाड़ी का पीछा कर रहा है। देवराज कहता है किस में इतनी हिम्मत है जो हमारी गाड़ी का पीछा कर सके। तुम गाड़ी चलाओ डरने की कोई बात नहीं है। राम और श्याम कहते हैं। नेताजी क्यों ना एक बार रुक कर देख ले कौन है? तब नेता जी कहते हैं अरे हम कह रहे हैं ना रुकने की कोई जरूरत नहीं है। किसी में इतनी हिम्मत नहीं जो देवराज पर हमला कर सके। इतने में कार थोड़ी आगे चलती है। तभी पीछे से रमेश की कार नेता जी की कार को ओवरटेक करते हुए उनके सामने आकर खड़ी होती है।
ड्राइवर रामू काल को रोकता है तो नेताजी पूछते हैं कि रामू कार क्यों रोकी? देवराज नेता रामू को कहता है कि नेता जी सामने किसी ने कार रोकी है। जैसे ही नेता बाहर निकलकर देखने लगता है। इतनी में रमेश अपनी जेब से बंदूक निकालता है और गोलियां चलानी शुरु कर देता है ।
रामू ड्राइवर तो किसी तरह बचकर भाग जाता है लेकिन राम श्याम और नेताजी की वहीं पर मौत हो जाती है। रामू भागता भागता पुलिस के पास जाता है और पुलिस वालों को कहता है कि सर सर सर एक हवलदार कहता है। क्या हुआ आप इतना क्यों हाफ ( सांसे फुलना) रहे हैं तब रामू कहता है कि मैं नेता देवराज जी का ड्राइवर हूं। हवलदार कहता है आप नेता देवराज जी के ड्राइवर है, लेकिन आप इतना घबराइए हुए क्यों है। तब रामू कहता है कि नेता देवराज जी को किसी गुंडे ने मार दिया है। तब हवलदार कहता है। चलिए हम आपके साथ चलते हैं। हवलदार इंस्पेक्टर को भी फोन कर देता है। इंस्पेक्टर हवलदार और रामू सारे के सारे वारदात वाली जगह पर पहुंचते हैं तो वहां पर जाकर पता चलता है कि वह देवराज की मौत हो चुकी है।
दोस्तों कुछ ऐसी हो सकती है बलवान 2 की कहानी क्या लगता हैं आपको क्या होगा आगे की कहानी में जानने के लिए बने रहे हमारे साथ।
Vareena Tandaniya