पिछली वीडियो में हमने बात की कि Raju खेत से जल्दी जाता है ताकि वह खेल और रोमांच के लिए समय निकाल पायें । अब उसे अपने दोस्तों के साथ पास के बड़े मैदान जो क्रिकेट मैदान से जाना जाता हैं, में अक्सर जाया करता हैं . क्रिकेट मैदान हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ हैं उन पेड़ो पर सुंदर, खिले हुए फूल लगे हुए हैं . यह गाँव वालों के लिए आराम करने और क्रिकेट के खेल का आनंद लेने के लिए बनाया गया हैं । वहाँ फसल काट कर थक हार महिलाए सुसताने आई हुई हैं , साथ ही कई छोटे बच्चे और कुछ बड़े लोग भी वहाँ इधर से उधर चलते हुए बातें कर रहें हैं, मैदान के एक तरफ़ एक भुट्टे वाला खड़ा हैं, जिसकी उम्र 65 साल की हैं , सफ़ेद कुरता पायजामा पहने , गले में गुलाबी गमछा डाले , हलकी मुस्कान लिए तेज़ आवाज़ में भुट्टा ले लो, भुट्टा ले लो, गर्म गर्म भुट्टा ले लो, 2 रुपये का भुट्टा ले लो , चिल्ल्ला रहा हैं , यह कोयले की आंच पर भुट्टे सेक रहा हैं.
हालाँकि, क्रिकेट मैदान भयानक स्थिति में हैं । पिच खुरदरी हैं और मैदान ऊबड़-खाबड़ हैं । गाँव वालें सालों से इसका उपयोग खलने बैठे , सुस्ताने के लिए कर रहे हैं , लेकिन उन्होंने कभी इसके रखरखाव के बारे में नहीं सोचा था। वे इसके बारे में सोचने के लिए अपने दैनिक जीवन में बहुत व्यस्त हैं । एक दिन राजू खेत से अपने दोस्तों के साथ वहाँ पर क्रिकेट खेलने आया . राजु के एक दोस्त शामू 19 साल , रंग सावला , बाल भूरे जिसने काले कलर की निक्कर लाल कमीज़ पहनी है , के हाथ में कपडे धोने की थपकी है साथ ही दुसरे दोस्त मदन 18 साल का हैं , जिसने पीला कुरता , सफ़ेद पायजामा पहना हैं, रंग गोरा , बाल काले हैं के हाथ में प्लास्टिक की 5 -6 गेंद हैं . सब कूदते – फादते, हँसते मुस्कारते क्रिकेट मैदान की पिच तरफ़ जा रहें है . इतने में उन्होंने भुट्टे वाली की आवाज़ सुनी , तीनों दोस्त भुट्टे वाले के पास गए और बोले “3 भुट्टे बाबा “ इतने में भुट्टे वाला उनकी तरफ़ हैरानी से देखते हुए बोला , पैसे है ? 2 रुपये का एक भुट्टा है , तब राजू बोला ,” क्या बाबा इतना महंगा भुट्टा कौन बेचता हैं , इसलिए तो तुम्हारी कमाई नहीं होती . इतना कहकर तीनों वहाँ से चले जाते हैं , और क्रिकेट खेलने लगते हैं , तभी मैदान में एक आदमी 34 साल का , नीली और सफ़ेद धारियों वाली लूगी और ऊपर सफ़ेद बनियान डाले , रंग धुप से झुझला हुआ भूरा एक रेहड़ी पर लाउड स्पीकर लगाये उसमें बोलता हुआ आ रहा हैं , “कुश्ती.. कुश्ती..कुश्ती… कल मेले में कुश्ती का आयोजन हुआ हैं , आइये… आइये.. आइये.. और अपने ख़ास उम्मीदवार को जिताइए” इन सब बातों को बार -बार वो दोहरा रहा हैं.
जिसे 10 साल , गेहुँआ रंग और चंचल मुस्कान वाला राजू बड़े ध्यान से सुन रहा हैं . राजू अपनी शरारती प्रवृत्ति के लिए पुरे गाँव में जाना जाता हैं, यह राजू एक जिज्ञासु बच्चा हैं , हमेशा नई चीजें सीखने और तलाशने के लिए उत्सुक रहता हैं । राजू ने कुश्ती करते हुए आज तक किसी को नहीं देखा हैं , इसलिए उसने अपने दोस्तों से पूछा , यह मेला कहाँ लगेगा ? उसके दोस्त शामू ने कहा कि, वो गाँव की नदी नहीं हैं , उसी के किनारे यह मेला लगता हैं , अब राजू बोला यह तो बहुत दूर हैं, बहुत पैसे लगेगे इसमें ? तो उसका दोस्त मदन बोला “ तो क्या हुआ हम पैदल चलेंगे , सुबह 6 बजे निकलेंगे , दिन में 1 बजे तक पहुच जायेंगे फिर कुश्ती का खेल देख कर 8 बजे तक घर आ जायेंगे . तब राजू बोला और क्या -क्या होता है मेले में , खाने की चीज़े भी होती होगी . टैब शामू बोला होती तो सब हैं , पर वो सब हमारे लिए नहीं होती हैं . इनके लिए नहिं तो किसके लिए? आपको क्या लगता है क्या राजू मेले में जायेगा? हमें comments में Jarur बताये. हम फिर मिलेंगे एक नई वीडियो के साथ, तब तक खुश रहें,.सेफ रहें. Bye
Manisha Jain