दुनिया की सबसे बड़ी bank robbery iraq की capital baghdad में अंजाम दी गई थी। बात 200३ की है। सद्दाम हुसैन के under iraq की सरकार चल रही थी और साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर iraq और america में रस्साकशी चल रही थी ।
सद्दाम हुसैन को यह अंदाजा था कि अमेरिका आज नहीं तो कल उन पर attack जरूर करेगा। उसका बेटा , usain saddam hussein जो iraq की defence military का head था ,18 मार्च 2003 की सुबह सद्दाम हुसैन के personal secretary के साथ अपने घर से निकलता है central bank of Iraq जाने के लिए।
इराक के central bank की खासियत यह थी कि पूरी building cube की तरह बनी हुई थी और पूरी building में कोई भी खिड़की दरवाजा नहीं था। Bank में जाने और निकलने का केवल एक ही रास्ता था। 18 मार्च के दिन बैंक में केवल 3 लोग और थे जो थे इराक के finance minister, Central Bank के director और इराकी खजाने के director।
तो बैंक में केवल 5 लोग ही मौजूद थे। इसके बाद सद्दाम हुसैन के PA Central Bank के director को एक पर्ची देतहै जिसमें केवल 2 lines लिखी थी। उसमें लिखा था कि bank में जितना भी पैसा है और सोना है उसे एक safe जगह लेकर जाना है। इसीलिए यह सारा पैसा बाहर खड़े trucks में भर दिया जाए । कागज पर सद्दाम हुसैन के नाम की मुहर भी लगी हुई थी इसीलिए हुकुम की तामील हुई।
रकम इतनी ज्यादा थी कि बैंक से पैसे निकाल कर ट्रकों में भरने के लिए ही केवल 5 घंटे लगे। इनमें 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर थे, 100 मिलियन के अलग-अलग currency के नोट और 100 मिलीयन euros। इस पूरे कार्य के बाद सद्दाम हुसैन और उनका pa वहां से निकल जाते हैं और चंद घंटों में ही अमेरिका बगदाद पर मिसाइल गिराना शुरू कर देता है और जंग शुरू हो जाती है।
सद्दाम हुसैन के बेटों ने ही अपने ही देश की आवाम के पैसे लूट लिए। अमेरिका के soldiers ने जब ट्रकों को लेकर तफ्तीश शुरू की तब उन्हे पता चला कि यह ट्रक्स syria की तरफ गए हैं और शायद वहां से अलग-अलग जगह छुपा दिए गए हैं।
ऐसे ही चोरों की कहनी होने वाली है bade miyan chote miyan 2
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Apoorva