क्यों निराश हुए DIG
रोमेश शर्मा का कद कांग्रेस में बढ़ता रहता है और उसे सरकार की तरफ से Y category की सिक्योरिटी भी मिल जाती है।
Ab romesh Sharma अपराध के एक ऐसे घोड़े पर सवार था, जिसे खादी के अत्यंत शक्तिशाली पंख लगे हुए थे, कांग्रेस में आते ही वह सबसे पहले एक नेता के फार्महाउस के ऊपर कब्जा करता है और मजे की बात यह थी की यह नेता असम से कांग्रेस के ही एक MP थे। इस फार्महाउस के बाद रोमेश शर्मा मेफेयर गार्डेंस में फ्लैट को हत्या लेता है, लेकिन यह फ्लैट किसी नेता का नहीं बल्कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर का था और इस फ्लैट को खरीदने में उनके जीवन भर की सारी कमाई, सारी पूंजी लगी हुई थी। अब शर्मा दिल्ली में एक के बाद एक करोड़ की संपत्ति को बिना डकार मारे निगाले जा रहा था और दिल्ली के किसी भी थाने में उसके खिलाफ एक कागज तक मौजूद नहीं था। पुरी दिल्ली में एक भी माई का लाल ऐसा नहीं था जो अपराध के घोड़े पर सवार दानव को रोकने की हिम्मत दिखा सकता हो। रोमेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई उसके ऊपर अलग-अलग धाराओं में कुल 13 केस दर्ज करती है। सीबीआई को इस बात का पूरा पूरा अंदेशा था की रोमेश शर्मा को पहली तारीख में ही बेल मिल सकती है और यदि ऐसा हुआ तो वो बाहर आकर सुरेश राव और दूसरे गवाहों के ऊपर दबाव डाल सकता है, ऐसा होने से रोकने के लिए सीबीआई रोमेश शर्मा के ऊपर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगा देती है, एक ऐसी धारा जिसके तहत अभियुक्त को बेल मिलना लगभग असंभव होता है, कुछ धाराओं में रोमेश शर्मा को 14 साल की सजा सुनाई जाती है, तो कुछ में वह बरी हो जाता है, लेकिन मजे की बात यह है की हत्या हुई वह सारी प्रॉपर्टीज उससे आज तक कोई नहीं छीन पाया है और उनसे आने वाला किराए का सारा पैसा आज भी उसी की जेब में जा रहा है। अपनी इन्वेस्टिगेशन के दौरान, नीरज कुमार को रोमेश शर्मा के एक आसे पहलू के बारे में पता चलता है जो उनके मन को घिन से भर देता है. उन्हें पता चलता है की रोमेश शर्मा को औरतों का उत्पीड़न करने में खास मजा आया करता था और वह अपने साथ काम करने वाली महिलाओं का इस्तेमाल बड़े-बड़े नेताओं को खुश करने के लिए भी किया करता था. नीरज कुमार को एक ऐसी ही महिला के बारे में पता चलता है जो रमेश शर्मा के staff में काम किया करती थी और कई सालों से उसके हाथों लुटती आ रही थी। एक शाम इस महिला की कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी अपनी मां के साथ घर जाने के लिए उसके ऑफिस आती है, इस मासूम सी बच्ची को देख रोमेश के अंदर का राक्षस जाग जाता है और वह किसी काम के बहाने उसकी मां को बाहर भेज देता है। लगभग 15 मिनट बाद जब वह महिला वापस आती है तो देखती है की उसकी बेटी अपने कटे फटे कपड़ों को संभालते हुए बुरी तरह रो रही है और रोमेश शर्मा वहीं सोफे पर बैठा मंद मंद मुस्कुरा रहा है. कई महीनों की मेहनत के बाद नीरज कुमार उस महिला को ट्रेस कर ही लेते हैं और 1 दिन साउथ दिल्ली में स्थित उसके फ्लैट की घंटी बजा देते हैं. मुझे लग रहा था की आप आ सकते हो… नीरज कुमार को अपनी चौखट पर खड़ा देख वो महिला कहती है मैं उस कमीने के केस को अखबारों में पढ़ रही हूं और मुझे पता था की आप मुझे ढूंढ लोगे… अपनी बात खत्म कर यह महिला चाय बनाकर लाती है तो नीरज कुमार उसे कहते हैं, मैं आपको परेशान नहीं बल्कि हाथ जोड़कर आपसे प्रार्थना करने आया हूं, मेरी मदद कीजिए, उस राक्षस के खिलाफ कंप्लेंट लिखवाईये, मैं आपको वचन देता हूं की मैं उसे सजा दिलवाकर ही छोडूंगा… इससे पहले के नीरज कुमार की बात खत्म हो पाती, एक बार फिर फ्लैट की घंटी बजती है, यह महिला दरवाजा खोलती है, तो उसकी बेटी घर के अंदर प्रवेश करती है और नीरज कुमार को नमस्ते करने के बाद चुपचाप अपने कमरे में चली जाती है अभी भी आप चाहते हैं की मैं complaint लिकाहू? इसका रिश्ता पक्का हो चुका है और कुछ महीने बाद शादी होने वाली है, सहाब मैं अपनी बेटी की जिंदगी खराब नहीं कर सकती…मैं आपके सामने हाथ जोड़ रही हूं…प्लीज आप यहां से चले जाइए… अपना सर झुकाए नीरज कुमार किसी तरह अपनी चाय खत्म करते हैं और उतरे हुए चेहरे से इस महिला को नमस्ते करने के बाद चुपचाप वहां से चले जाते हैं।
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Divanshu