सभी को पता है कि लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म एक ऐसी फिल्म थी जिस्मे मेकर्स ने कोशिश की थी लोगो तक एक ऐसा मैसेज पहचानने की जिस्मे इंडिया में हो रहे भ्रष्टाचार से लेकर वो हर गलत काम रुक जाए जिसके वजह से इंसान का इंसान पर से भरोसा उत्तर जाता है। लेकिन लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म ने सबको प्रोत्साहित किया गांधीगिरी से और फिल्म के बाद तो मानो जैसे लोगो ने थान लिया हो कि अब वो गांधीगिरी को कोई छोटी मोती चिज नहीं रहने देंगे इसे शुरू किया गांधीगिरी ब्रांड जिस्मे लोग कोशिश करते गांधी जी के दिखाये रास्ते पर चलने की और उनके हर बात को फॉलो करने की। आशीष नंदी ने अपने एक किताब में गांधीगिरी के बारे में लिखा था जिस्मे आशीष जी ने ये क्लियर किया था कि लोगो को बदलने के लिए लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म ने बहुत मेहनत की थी।
***************************************************
हाल ही में हुई एक interview में दिया मिर्जा ने “लगे रहो मुन्ना भाई” को लेकर अपनी feelings बताई थी। लगे रहो मुन्ना भाई फिल्म में अभिषेक बच्चन ने दीया मिर्जा के पति की भूमिका निभाई थी । अपने सुनहरे लम्हों को याद करते हुए दिया ने बताया था कि कैसे राजकुमार हिरानी ने दीया को एक मांगलिक रूप में दिखाया था ताकि हिरानी लोगों का अंधविश्वास दूर कर सके। दीया ने बताया था कि हिरानी उस सीन को इसलिए करना चाहते थे ताकि लोगो को सचाई पता चल सके और मूवी से audience कुछ सिख सके। दिया ने ये भी बोला था कि हिरानी की इस स्टाइल को वो बहुत पसंद करती है,जिस तरह हिरानी फिल्में बनाती हैं। उन्होंने बाद दिया मे ये भी बताया था कि उनका लगे रहो मुन्ना भाई में काम करना एक अच्छा और याद गार लम्हा था जिसे वो कभी नहीं भूल सकती है।
***************************************************
जैसे ही फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई रिलीज हुई थिएटर की हालत खराब हो गई थी क्योंकि आए दिन वहा लोगो को भीड़ होती थी, लेकिन एक दिन ऐसा कुछ हुआ जिसने हिरानी की नींद उड़ा थी। हुआ ये था कि फिल्म तो अच्छी खासी चल रही थी लेकिन Indian politicians को ये बात रास नहीं आई कि कैसे हिरानी सिर्फ और सिर्फ गांधीगिरी के बारे में बात करके बाक़ी Indian politicians पर करप्ट होने का दावा कर रहे थे। जिसे देख Indian politicians ने हिरानी से बात करके फिल्म को बंद करने के लिए कहा था, लेकिन हिरानी भी बहुत चालाक और तेज किसम के डायरेक्टर है उन्होंने भी जवाब देते हुए कहा कि मूवी में किसी भी particular politicians के बारे में नहीं कहा गया था। मूवी में दिखाया गया था कि कैसे कुछ करप्ट politicians चन्द पैसों के लिए भारत के फ्यूचर के साथ खेलते हैं।
***************************************************
बात मुन्ना भाई एमबीबीएस कि हो या लगे रहो मुन्ना भाई की, इन दोनो फिल्म ने नए cast को वो सीढ़ी दी थी जिसपर चढ़ कर उन एक्टर या एक्ट्रेस ने सक्सेस पाया था। उसी एक्टर में एक एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी थे, उस वक्त कोई नहीं जानता था कि एक छोटे से चोर का रोल निभाने वाला आज इतना बड़ा और नामी एक्टर बन जाएगा। नवाजुद्दीन अपने सफल होने का जमींदार मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म को बताते हैं और अक्सर कहते हैं अगर मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म में उन्होंने खून नहीं बहाए होते तो आज वो इतने बड़े और नामी अभिनेता नहीं बन पाते। हलकी नवाजुद्दीन ने ये भी बताया था कि खून कोई असली के नहीं बहे थे लेकिन फिर वो अपने उस सीन को अपनी जिंदगी का बेस्ट सीन मानते हैं क्योंकि उस सीन में नवाजुद्दीन को सुनील दत्त के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिला था।
***************************************************
बात तबकी है जब लगे रहो मुन्ना भाई की कास्टिंग चल रही थी और इस बार हिरानी ने फीमेल लीड रोल के लिए ग्रेसी सिंह की जगह विद्या बालन को कास्ट किया था और उन्हीं के साथ फिल्म भी complete कि थी। मूवी बन कर रिलीज हुई उसके बाद ग्रेसी सिंह का एक इंटरव्यू सामने आया था जिसमें ग्रेसी ने विद्या बालन की बहुत तारीफ कि थीं, लेकिन जब उनसे, उनको कास्ट नहीं करने के बारे में पूछा गया था तो ग्रेसी सिंह ने ये कहा था कि वो मूवी में मेहनत करना जानती है ना की फिल्म में काम करने के लिए किसी की चापलूसी करना, और ये बात शायद ग्रेसी indirectly हिरानी को कह रही थी। तो ये कुछ फैक्ट्स हैं मुन्ना भाई सीरीज से related, आपको ये फैक्ट्स जान कर कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं और तब तक आप अपना ध्यान रखें और हमेशा हंसते रहें।
Chandan Pandit