पिछली post में हमने आपको बताया था, कि काफ़ी देर से sigham or simba उस terriost का पीछा कर रहें थे, और firing लगातार हो रही थी, जैसे ही firing में एक गोली, Terriost के हाथ पर लगी, sigham ने उसे पकड़ लिया और तुरन्त ही उसे arrest कर लिया गया, इसके बाद वहाँ ambulances बुलाई गई, एक ambulance में Terriost और दूसरी ambulance में बाकी injured लोगों को अस्पताल लेकर जाया जा रहा था.
एक आतंकवादी को गोली लग जाती है, और जिसके लिए उसे hospital ले जाया जाता है क्योंकि उसका ठीक होना पुलिस के लिए बाकी गतिविधियों की जानकारी पाने के लिए काफ़ी जरूरी था. आतंकवादी को कामा अस्पताल ले जाया जाता है, जहां riya sooryavanshi काम करती है, लेकिन वहां के कुछ डॉक्टर आतंकवादी का इलाज करने से मना कर देते हैं, पर riya कहती हैं “मैं एक ज़ख्मी इंसान की जान का इलाज कर रही हूं, मैं नहीं जानती कि यह आतंकवादी है, या हिंदू-मुस्लिम. ” तभी वहाँ मौजूद बाकी डॉक्टर रिया का विरोध करते हैं कि शायद तुम्हारा परिवार अभी तक मुश्किल में नहीं आया है, जब ही इस आतंकवादी का इलाज करके इसकी जान बचाना चाहती हो, ताकि यह सही होकर और जाने ले” . तभी एक patient बोला नहीं, जाहिर है यह और इनका husband तो दोनों ही सुरक्षित है, इन्हें क्या?
तभी आंतकवादी को लेकर पहुचें वीर और simba में से वीर कहता है “सही कहा है किसी ने आधा ज्ञान खतरनाक साबित होता है, जभी तो आप सब य़ह बोल पा रहें हैं. तब simba उन्हें बताता है कि इनका बेटा riyaan Taj hotel में hostage बना हुआ है , इन दोनों को उसके साथ वहां होना चाहिए था लेकिन यह अपना-अपना फर्ज निभा रहे हैं. और इस पर riya और वीर रोने लगते हैं. तभी hospital में मौजूद लोगों में उपस्थित एक stranger मोबाइल फोन से आंतकवादी की वीडियो live कर रहा था. जिससे terriost को पता चल गया कि उनके साथी को कहां ले जाया गया है. जैसे ही वीर को पता लगा कि क्या हो रहा है, उसने तुरन्त वो account deactivate करवाया. और सबको उनके फोन को switched off करने को कहा गया. साथ ही terriost को नीचे basement में शिफ्ट किया गया.
इसके बाद उन terriost का काफिला कामा अस्पताल एक चैरिटेबल अस्पताल में पहुंचा, इसका निर्माण एक अमीर व्यापारी ने 1880 में कराया था. चार हमलावरों ने एक पुलिस वैन को अगवा कर लिया और उसके बाद लगातार गोलियाँ चलाते रहे.
इसी क्रम में वे कामा अस्पताल में भी घुसे. कामा अस्पताल के बाहर ही मुठभेड़ के दौरान आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक कामटे और विजय सालसकर मारे गए. जिसका जिक्र कुछ महीनों पहले आई मुंबई diaries में भी किया गया था.
अस्पताल के अंदर घुसते ही आतंकवादियो ने देखा कि सारी lights off है और सभी गेट्स को बंद करके ताला लगा दिया गया है, लेकिन आंतकवादी गेट के तालों पर गोलियां चलाते हुए दरवाज़ो को तोड़ते हुए अस्पताल के अंदर घुसते जाते हैं, यह उस आंतकवादी को ढूढ़ रहे हैं जो basement में शिफ्ट कर दिया गया है. लेकिन उस बीच आए हर इंसान को इन्होंने मौत के घाट उतार दिया है. Riya उस आतंकवादी का basement में इलाज कर रही होती है, तभी वहाँ पर उसे किसी के आने की आवाज़ सुनाई देती है, तो वो bed के नीचे छूप जाती है. जैसी ही आंतकवादी नीचे basement में आते हैं , वीर और बाकी पुलिस ऑफिसर भी इनके पीछे धीरे-धीरे हैं . आंतकवादी basement में अपने आंतकवादी दोस्त को देख कर खुश हो जाते हैं और उससे पूछते हैं, “ठीक है”? तब bed पर लेटा आंतकवादी सर हिला कर हाँ बोलता है. लेकिन जैसे ही वो उसे वहाँ से ले जाने लगते हैं तो वो उठ नहीं पाता है. तब वो umar abdula को फोन करके उसे उसका हाल बताते हैं और उमर अब्दुल्ला उसे कहता है कि उसे इस हाल में अकेला छोड़ना , खतरे से खाली नहीं है,
तब फोन रखने के बाद आंतकवादी, उस ज़ख्मी आतंकवादी को गोली से उड़ा देते हैं. नीचे बैठी riya सिसकने लगती है . Terriosts पूरे कमरे में छान-बिन करते हैं लेकिन रिया नहिं मिलती,फिर उन्हें उसका dupatta दिख जाता है. जिससे वो रिया को पकड़कर ऊपर ले जाने लगते हैं, जैसे ही वो ऊपर आते हैं और उसे अपने साथ बाहर ले जाने लगते हैं. उसके पीछे पीछे वीर और simba भी जाते हैं. लेकिन क्या आतंकवादी रिया को मार देंगे? या किसी मक़सद के साथ रिया को hospital के बाहर लेकर गया है? आपको क्या लगता है हमें comments में जरूर बताये , हम फिर मिलेंगे एक नई वीडियो के साथ तब तक खुश रहें और safe रहें. Bye
Manisha Jain