हमारे चुलबुल पांडे कितने चुलबुले हैं और वह अपने चुलबुले अंदाज में किस तरह दुश्मनों की पिटाई करते हैं, धुलाई करते हैं यह हम जानते हैं। इसलिए तो शहर के DCP उसके ऊपर प्रेशर बढ़ाते है, जिसकी वजह से चुलबुल का एक गांव में ट्रांसफर करते हैं ताकि वह किसी के मामले में टांग ना अडाए। क्योंकि वह किसी पॉलीटिशियन के, अपने सीनियर के मामले में टांग अडाकर, उनके खिलाफ जाकर उनकी परेशानी का कारण बनता है। इसलिए अब उसका ट्रांसफर कर दिया गया है।
फिर चुलबुल उसकी बीवी Rajjo और उसका बेटा एक गांव में पहुंचते हैं। चुलबुल गांव में कदम रखते ही देखता है कि, गांव के हालात कुछ ठीक नहीं है। ना गांव में कोई पढ़ रहा है, ना कोई ढंग से काम कर रहा है और इस गांव का मुखिया कन्हैयालाल भी गांव के हालात सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रहा।
एक दिन गांव के मोहन और राधा के घर में झगड़े होते हैं। झगड़ा इस कदर बढ़ता है कि मोहन राधा पर हाथ उठाता है, उसे घर से बाहर निकालता है। राधा Police station जाने के लिए निकलती है, पर कन्हैयालाल उसे वहां पर रोकता है। वह उसे कहता है कि,’ घर लौट जा, Police station जाने की जरूरत नहीं है। हम गांव के मुखिया हैं और हम तय करेंगे। जाओ अपने पति के साथ रहो”।
यह बात पहुंचती है चुलबुल पांडे तक। फिर वह आकर कन्हैया लाल की धुलाई करता है और राधा की complaint दर्ज करता है। फिर मोहन वहां पर आता है और उसकी भी अच्छी खासी धुलाई होती है और चुलबुल उसे चेतावनी देता है कि, इसके आगे ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए।
फिर चुलबुल गांव की सैर करता है और गांव का स्कूल खुलवाने के लिए कहता है। वह बच्चों को कहता है कि,” तुम लोग हर रोज यहा सीखने आओगे”। कन्हैयालाल को पता चलने के बाद वह गांव के बच्चों को और उनके घरवालों को धमकाता है कि,” गांव में रहना है तो घर में बैठे रहो”।
दूसरे दिन कोई स्कूल में नहीं आता और चुलबुल यह देखकर हैरान होता है। फिर वह एकघर में जाकर बच्चे से पूछता है कि,” क्या हुआ?” फिर एक बच्चा कहता है कि,” मुखिया ने हमें घर में बैठने के लिए कहा है “।
चुलबुल जाकर कन्हैयालाल को कहता है कि, “बच्चों को डराने की जरूरत नहीं है। स्कूल खुलेगा और बच्चे भी जाएंगे”। जब चुलबुल गांव के स्कूल में जाता है, तो देखता है कि, आसपास शराब की बोतल, कांच के टुकड़े और कुछ खाने की चीजें भी फैली हुई है। फिर वह कन्हैयालाल को पूछता है कि,” यह सब क्या है?” वह कहता है,”किसी ने सेलिब्रेशन किया होगा”। चुलबुल को गुस्सा आता है कि,” स्कूल में यह सब करते हो। तुम लोगों को शर्म नहीं आती?”। वह गांव का चप्पा चप्पा छान मारता है, तब उसे पता चलता है कि कन्हैयालाल ने एक बार भी शुरू किया है और वहां पर कई सारी लड़कियां नाच गाना भी करतीहै, जिसकी वजह से ही गांव का माहौल खराब हो रहा है। फिर चुलबुल बार में जाता हैं नाच गाना करता हैं और सबको arrest करवाता हैं।
फिर कन्हैयालाल चुप नहीं बैठता। वह गांव में एक कार्यक्रम आयोजित करता है और उसके लिए मिनिस्टर को बुलाता है। अब यह कन्हैयालाल इस मिनिस्टर का ही सेवक है। मिनिस्टर पैसे देता है और कन्हैयालाल गांव की परेशानी बढ़ाने का, सबको अनपढ़ रखने का और पैसे खाने का काम करता है। जब मिनिस्टर कार्यक्रम के लिए आता है तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करता है, चुलबुल का की तारीफ करता है। तभी चुलबुल का कॉन्स्टेबल कहता है कि,” सर यह तो मिलीभगत है। मिनिस्टर ही यह बार चलाने के लिए कन्हैयालाल को पैसे देता है ताकि इनका शराब का धंधा बढ़ जाए”।
फिर चुलबुल जाकर माइक पर मिनिस्टर को यहां आने के लिए धन्यवाद देकर कहता है कि,” हमारे मिनिस्टर साहब बहुत अच्छे हैं। वह हमारे गांव का स्कूल देख चुके हैं, वह बच्चों के लिए सारा इंतजाम करेंगे, उन्हें किताबें उपलब्ध करवाएंगे, एक अच्छा प्ले ग्राउंड बनवाएंगे। गांव के बार को बंद करवाएंगे”। अब वहा मीडिया भी है, तो मिनिस्टर भला क्या कर सकता है। मिनिस्टर कहता है कि,” ठीक है जैसा आप चाहोगे” और कन्हैया की तरफ देखकर गुस्सा होता है। चुलबुल कहता है,”साहब और कन्हैयालाल सबके सामने वादा कर रहे हैं”। फिर क्या मिनिस्टर और कन्हैयालाल को सबके सामने वादा करना पड़ता है।
मिनिस्टर को गुस्सा आता है और वह जाते-जाते चुलबुल से हाथ मिलाकर कहता है,” इसीलिए तेरी ट्रांसफर होती है। पर फिकर मत कर तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता”। फिर चुलबुल हंसकर कहता है, sir अब आपको फिक्र करनी होगी”।