एक दिन शहर के एक हॉस्पिटल में 17-18 साल का माइकल और उसका पड़ोसी थॉमस, माइकल की मां को हॉस्पिटल ले जाते हैं। उसकी मां का accident हुआ था और काफी खून बह रहा था। अगर वक्त पर उसका इलाज नहीं हुआ, तो वह मर भी सकती थी। माइकल और थॉमस की रिक्वेस्ट करने के बाद भी डॉक्टर सिन्हा, माइकल की मां को admit नहीं करते। वह कहते हैं कि,”आप पहले पुलिस को बुलवाइए, कंप्लेंट दर्ज कीजिए। और वह किसी की बात सुने बिना ही अंदर बैठे हुए अपने हॉस्पिटल के ट्रस्टी से बातें करने जाते हैं। वहा संदीप नाम का एक डॉक्टर भी मौजूद होता है, जो काफी humble होता है। वह पूरी कोशिश करता है situation को handle करने की, पर कुछ हासिल नहीं होता। फिर थॉमस पुलिस के पास जाता है। इधर माइकल का रो रो कर बुरा हाल होता है। डॉक्टर सिन्हा अंदर हंस हंस कर बाते कर रहे होते है। इसी चक्कर में माइकल की मां की मौत होती है। डॉक्टर सिन्हा dead body देखते हैं, तो माइकल वहां पर बैठा होता है और वह अपनी मां को देखकर गाने लगता है,” Twinkle, twinkle little star, how I wonder what you are…” और उसे काफी गहरा सदमा पहुंचता है। संदीप उसे बड़े भाई की तरह समझाता है और कहता है कि,” आगे चलकर तुम्हें कोई भी मदद चाहिए तो बता देना”। फिर थॉमस माइकल को लेकर चला जाता है।
थॉमस माइकल को उसके रिलेटिव के यहां लेकर जाता है। पर कुछ दिनों बाद उसके रिलेटिव भी irritate होकर पीठ पीछे यही बातें करते हैं,” इस की मां नहीं है, तो क्या यह हमेशा यही रहेगा?”। यह सुनकर माइकल सिर्फ रोता रहता है।
फिर थॉमस उसे अपने घर लाता है। कुछ दिनों के बाद थॉमस माइकल से पूछता है कि,” बेटा अब आगे क्या करोगे?” तो वह कहता है कि,” मुझे डॉक्टर बनना है”। थॉमस कहता है कि,” डॉक्टर? तुम्हें तो sport में जाना था ना?” माइकल कहता है कि,” अगर मैं डॉक्टर होता तो, मैं मेरी मां को बचाता। इसीलिए अब डॉक्टर ही बनना है”। और एक बात यह है कि, माइकल को संदीप के वह शब्द याद आते हैं। उसे भी उसी की तरह एक humble डॉक्टर बनना है। फिर थॉमस उसे डॉक्टर की पढ़ाई के लिए अच्छे कॉलेज में admission दिलवाता है।
माइकल प्रैक्टिस के लिए डॉक्टर sinha के हॉस्पिटल में जाने का फैसला करता है क्योंकी वहां पर डॉक्टर संदीप है। वहा माइकल के साथ और दो-तीन लोग प्रैक्टिस करने आते हैं। डॉ सिन्हा की बेटी जेनिफर भी वहां पर प्रैक्टिस करती है। माइकल जेनिफर को पसंद करने लगता है।एक दिन Hospital में सारे Students को एक conference में involved किया जाता है, जहां शहर के famous doctors आते है उन्हें guide करने।
फिर एक दिन हॉस्पिटल में एक प्रेग्नेंट लेडी आती है और डॉक्टर सिन्हा कहते है कि, वह पैसे जमा करने के बाद ही operation करेंगे। इस सब की वजह से देरी होती है और operation के दौरान उस औरत की मौत जाती है। उसके घर वाले रोते रहते हैं, सिवाय उसके पती के। प्रेग्नेंट लेडी का पती doctor को गुस्से से घुरता रहता है, जैसे मानो वह उसे मार देगा। पर डॉक्टर सिन्हा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
फिर अगले दिन न्यूज़ मिलती है कि डॉक्टर सिन्हा का खून हो चुका है। डॉ सिन्हा की डेड बॉडी को देखकर पुलिस कहती है कि,”यह कैसा गजब का मर्डर हुआ है “। डॉक्टर सिन्हा के माथे पर लिखा होता है कि,” मैं फर्जी डॉक्टर हूं” और उसके हाथ पर चाकू के वार होते हैं और ऐसी हालत में उसकी डेड बॉडी देखने लायक नहीं होती। फिर केस की पूछताछ शुरू होती है।
चार दिन बाद एक और खबर सामने आती है। Police वहा चले जाते हैं और देखते हैं कि, वहा डॉक्टर दीक्षित की हत्या हुई है और उसके माथे पर भी “मैं फर्जी हूं” लिखा होता है और हाथ पर उसी तरह के वार है। पुलिस को शक है कि यह सब एक ही बंदा कर रहा है क्योंकि उसके कत्ल करने का स्टाइल एक ही है।
फिर दो दिन बाद एक और खबर सामने आती है। डॉक्टर खुराना नाम के एक डॉक्टर की मौत होती है। उसका भी उसी तरह से कत्ल किया जाता है।
तो कौन कर रहा है यह सब? क्या पुलिस को मिलेगा खूनी का पता? क्यों सिर्फ famous doctors को मार रहा है यह serial killer?
जानेंगे अगले blog में।
Good bye!