Drishyam 3
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इंसानियत hui शर्मसार
25 नवंबर की तारीख बीत जाती है लेकिन वह काली रात खत्म नहीं होती क्योंकि रात 12:00 बजे के बाद 26 नवंबर 1988 की तारीख आ जाती है। 26 नवंबर की सुबह करीब 3:00 बजे के आसपास मायनों, Junko को लेकर एक पार्क में पहुंचता है, जहां पर पहले से ही उसके तीनों दोस्त jo Ogura, nobuharu Minato, और yasushi Watanabe उसका इंतजार कर रहे थे। जब junko वहां पहुंची तब उन्होंने Junko की नोटबुक से उसके घर का एड्रेस निकाल लिया और फिर उसे डराया धमकाया और कहा कि हमें पता है तुम्हारा घर कहां है, अगर तुमने हमारी बात नहीं मानी और भागने की कोशिश की तो हमारे गैंग के मेंबर तुम्हारी पूरी फैमिली को मार देंगे। यह बात सुनकर junko उन चारों लड़कों के आगे और बेबस हो गईं, इसके बाद वह चारों उसे लेकर minato के घर पहुंचे और वहां ले जाकर उन चारों ने फिर एक बार उसके साथ गैंग रेप किया। इधर junko के मां-बाप परेशान थे कि अभी तक वह वापस घर क्यों नहीं लौटी। उन्होंने उसे हर जगह ढूंढने की कोशिश की मगर उसका कोई सुराग नहीं मिला और इन्हीं सब में 26 नवंबर की भी तारीख बीत गई मगर junko वापस नहीं आई। 27th November 1988 junko के मां-बाप पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हैं, जिसके बाद पुलिस ने junko को ढूंढना शुरू किया। उधर मियानो और उसके दोस्तों को जैसे ही पता चला पुलिस वाले junko को ढूंढ रहे हैं, तो उन्होंने junko को डरा धमका कर अपने घर फोन करने को कहा और उससे बुलवाया की वह अपने दोस्तों के साथ बाहर है और वह बिल्कुल ठीक है और सुरक्षित है इसलिए वह पुलिस कंप्लेंट वापस लेले।
Junko की यह बात सुनकर उसके मां-बाप को भी तसल्ली हुई कि चलो हमारी बेटी ठीक है, इसलिए उन्होंने वह पुलिस कंप्लेंट वापस ले ली।
अब miyano और उसके दोस्तों को खुली छूट मिल गई और Minato का वो घर जिसमें उन्होंने junko को रखा हुआ था, वह घर उनकी अय्याशी का अड्डा बन गया, इस घर में अब याकूजा गैंग के मेंबर के लोग भी आ रहे थे। जब तब जो मर्जी आता और junko के साथ बलात्कार करता, जब मिनाटो के मां बाप घर पर होते तब वह junko को मिनाटो की गर्लफ्रेंड की तरह पेश आने को कहते हैं। डरी सेमी junko वही करती जो उसे कहा जाता मगर कुछ वक्त के बाद ही मिनाटो के मां-बाप को सच्चाई का पता चल जाता है। बावजूद इसके बावजूद उन्होंने कुछ नहीं किया क्योंकि उन्हें भी यह पता था कि मायनों, याकूजा गैंग से जुड़ा है और दूसरा कि उनका खुद का बेटा मिनाटो भी इस जुर्म में शामिल था, इसीलिए उन्होंने पुलिस के पास जाने की बजाय चुप रहना चुना, और फिर धीरे-धीरे यह गर्लफ्रेंड- बॉयफ्रेंड का नाटक भी खत्म हो गया।
अब जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था वैसे वैसे junko के ऊपर अत्याचार बढ़ रहे थे, 7 दिन बीत गए और शुरुआत के साथ दिन में ही junko के साथ 100 से भी जादा बार बलात्कार हो चुका था, ना तो वह लोग उसे ढंग का खाना दे रहे थे और ना ही पानी। उसे पूरे दिन नंगा रखा जाता और याकूजा गैंग के जितने भी मेंबर आते उसे उनके सामने ऐसे ही लाया जाता, फिर नचवाया जाता और फिर गैंगरेप किया जाता। उसे बुरी तरह पीटा जाता, जबरदस्ती उसे बहुत सारी शराब पिलाई जाती, एक साथ दो दो तीन तीन सीक्रेट पिलाई जाती, दिसंबर की जमा देने वाली ठंड में भी उसे बिना कपड़ों के बालकनी में सुला दिया जाता, मगर इतना जुल्म करने के बाद भी उन्होंने junko को नहीं छोड़ा। इसी बीच नौवें दिन junko किसी तरह फोन के पास पहुंच जाती है और पुलिस को कॉल लगा देती है, कॉल लग भी जाता है मगर इससे पहले वह कुछ बोलती, miyano वहां आ जाता है और कॉल को कट कर देता है।
इसके बाद पुलिस का कॉल बैक भी आता है, तब मियानो फोन उठाकर बोलता है गलती से लग गया, junko के ऐसे फोन करने से miyano को गुस्सा आता है और वह उसे बहुत मारते हैं मगर उसका मन नहीं भरता तो, वह सिगरेट जलाने वाला लाइटर का तेल उसके पैरों में डालता है और थोड़ा-थोड़ा करके उसके पैर जला देता है ताकि वो वहां से कहीं जा ना सके। इसके बाद आता है 16 वा दिन। 16वे दिन minato के घर पर दो लड़के आते हैं, वह भी junko का रेप करते हैं। मगर उनमें से एक लड़का वहां से जाने के बाद यह बात अपने भाई को बता देता है और उसका भाई यह बात अपने मां बाप को बता देता है। जब उनके मां-बाप यह बात सुनते हैं तो वह उसकी कंप्लेंट पुलिस में कर देते हैं। उनकी इस कंप्लेंट पर 2 पुलिस वाले मिनाटो के घर के दरवाजे तक पहुंच जाते हैं पर इतफाक से उस दिन minato के मां-बाप वही मौजूद थे और जब पुलिस इस बारे में पूछती है, तब वह साफ मना कर देते हैं और कहते हैं कि यहां ऐसी कोई लड़की नहीं है। उनकी ये बात सुनकर पुलिस वालों को तसल्ली हो जाती है और वहां से चले जाते हैं। अगर उस दिन पुलिस वालों ने मिनाटो के मां बाप की नहीं सुनी होती और घर की तलाशी ले ली होती तो, junko पर हो रहे अत्याचार हमेशा के लिए बंद हो जाते और उसे इस नर्क से आजादी मिल जाती, पर अफसोस ऐसा हुआ नहीं।
Divanshu