किसी प्रड्यूसर का बैकग्राउंड स्मगलिंग से भरा पड़ा हो तो? हैरानी की बात है ना? पर यह सच है। अब हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उसका नाम है अजीत साटम। पहले हम जानते हैं कि यह जीत है कौन। अजीत बचपन से ही एक अमीर बनने का ख्वाब देखने वाला इंसान था। इसी के चक्कर में उसने अपना स्कूल भी छोड़ दिया, पढ़ाई भी छोड दी और एक एजेंट के तौर पर उसने अपना करियर शुरू किया। उसका मकसद सिर्फ यही था कि उसे देश का सबसे बड़ा अमीर बनना था और इसके चलते उसने क्या-क्या किया इसकी लंबी लिस्ट है।
वैसे तो उसके नाम पर दो हजार से ज्यादा केसेस फाइल हो चुकी है, पर उसका नाम सामने आया 2011 में और वह बस सुर्खियों में छा गया।
दरअसल उसके पास से जब मर्सिडीज जैसी महंगी cars और 30 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी सामने आई तभी ईडी (Enforcement Directorate) ने छापा डाला और उनकी सारी प्रॉपर्टी seil की गई, हिरासत में ले ली गई। यह सब तो 2011 की बात है, पर इसका मतलब यह नहीं कि इससे पहले वह कुछ कर ही नहीं रहा था। कितनी प्रॉपर्टी इकट्ठा करने के पीछे उसका बहुत बड़ी मेहनत थी। साल 1999 से 2000 तक वो illegal काम ही कर रहा था।
जब अजित को arrest किया गया था, तब वो लकड़ियों की स्मगलिंग भी कर रहा था। जब इस अजीत के पीछे बहुत सारी एजेंसी ने अपना जाल बिछाया तो उसमें उन्हें अच्छी खासी प्रॉपर्टी मिली जो लगभग 5 करोड़ से ऊपर थी। इसमें अच्छा खासा कार कलेक्शन था, आलीशान flats थे और बैंक अकाउंट में 14 करोड़ से ज्यादा अमाउंट थी। Cars में दो Bentley’, तीन Mercedes Benz, एक Ferrari 430, एक BMW X5 SUV और एक Volkswagen Passat शामिल हैं।
सितंबर 2011 के आसपास खुलासा हो गया कि साटम इस तरह की इल्लीगल काम कर रहा है। उसमें यह भी पता चला कि वह अकेला नहीं है बल्कि मुंबई,कोल्हापुर, दुबई, वडगांव और बाकी जगह पर रहने वाले कुछ लोग भी उसके साथ शामिल थे। जाहिर सी बात है कि इतना बड़ा स्मगलर है तो उसका अच्छा खासा कनेक्शन और gang तो होगा ही। और यह वह लोग हैं जो रेड सेंडलवुड यानी लाल चंदन की स्मगलिंग करने के लिए अजित के साथ जुटे हुए थे।
इसमें पता चला कि, अजित ने दुबई में 40 containers export किए थे और इसके लिए उसे 40 करोड़ मिले थे। मतलब अगर एक कंटेनर की बात करें तो उसके लिए एक करोड रुपए लिए जाते थे, यह अंदाजा हम लगा ही सकते हैं।
अजीत सिर्फ लाल चंदन स्मगलिंग में ही माहिर नहीं था बल्कि उस पर जो 2000 cases file हुउ थी वह अलग-अलग crimes की थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की केस भी हुई थी। अब मनी लॉन्ड्रिंग क्या है यह तो आपको पता ही होगा। चलिए अगर पता भी नहीं है, तो आपको जैकलिन फर्नांडिस, नोरा फतेही की जिस केस को लेकर पूछताछ हो रही है वह 200 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग केस तो याद ही होगा? जिसमें fraud सुकेश चंद्रशेखर शामिल है। यह वही case हैं जहां पर illegal sources के जरिए इकट्ठा किए पैसे छुपाए जाते हैं और ऐसे लोगों के पीछे भागती है ED, जो कि अजीत के पीछे भी भाग रही थी।
अजीत का इन्वेस्टिगेशन चल ही रहा था। DRI(Directorate of Revenue Intelligence) से यह मामला ED ने अपने हाथ में ले लिया और पता चला कि जो कुछ प्रॉपर्टी रेड सेंडलवुड स्मगलिंग के जरिए अजीत ने इकट्ठा की थी, वो उसके जरिए बाकी की प्रॉपर्टी खरीद रहा था। Foreign Trade (Development and Regulation) Act, 1992 ) की धारा 11 के तहत India से लाल चंदन Smuggling को सपोर्ट करना illegal था, पर फिर भी अजीत ने यह सब कुछ किया और उसके ऊपर इतनी सारी प्रॉपर्टी इकट्ठा की।
इतना करके भी वो चुप नहीं बैठा बल्कि जब अजीत ने स्मगलिंग से प्रड्यूसर बनने की दुनिया में कदम रखा था, उसके बाद ED उसके पीछे पड़ गई और उन्होंने उसके film finance business में उसकी मुश्किलें बढ़ा दी। वैसे producer के तौर पर अजीत ने 2015 में एक Marathi मूवी produce कि इसका नाम था वेलकम ज़िंदगी।
अब जिस मनी लॉन्ड्रिंग की हम बात कर रहे हैं तो 2015 में इसके चलते अजीत को जमानत भी मिलने वाली थी, पर ईडी ने इन्वेस्टिगेशन पूरा करके यह जमानत cancel करवाने की पूरी कोशिश की। दरअसल उरण Police station में लाल चंदन तस्करी के बारे में एक मामला था उसमें मुंबई हाई कोर्ट के जरिए अजीत को जमानत मिलने वाली थी, उसे ही ईडी ने cancel कर दिया।
अजीत भी चुप नहीं बैठा बल्कि उसने भी कोर्ट में अपनी दरख्वास्त पेश की थी, पर ED के इन्वेस्टिगेशन के बलबूते पर अजीत की एक भी बात नहीं सुनी गई। कोर्ट ने तो अजीत को ही सुना दिया कि, लाल चंदन के illegal international racket जेएनपीटी पोर्ट ट्रस्ट पर चल रहा था और इसे racket को तोड़ने के लिए उसका अच्छे से इन्वेस्टिगेशन होना जरूरी है, तो साटम की बात पर को Court सपोर्ट नहीं कर सकता”।
साटम ने special PMLA court (Prevention of Money Laundering Act) का दरवाजा खटखटाया और जांच एजेंसी के जरिए ले लिया गए अपने पासपोर्ट को वापस करने और किसी भी time छह महीने के लिए foreign trip करने की permission मांगी। वह अपने import-export business को बढ़ाने के लिए United States of Emirates जाना चाहता था, जिसके लिए उसे दुबई में एक event के लिए एक कंपनी से invitation मिला था। हालांकि, central agency ने एक रिपोर्ट present किया, जिसमें कहा गया था कि अजित को जिस कंपनी से invitation मिला था, वह fraud थी और वह investigation से बचने के लिए India से भागने की कोशिश कर रहा था।
अब अजित के साथ कौन-कौन लोग मिले हुए थे यह जानना भी जरूरी है। उसमें से एक नाम है दीपक जो की smuggling racket का बहुत अहम हिस्सा है और जिसका investigation पुलिस ने अच्छे खासे तरीके से किया और इसके बारे में हम अगले blog में जरूर जानेंगे।
खैर अजीत और उसके साथियों जैसे कई सारे characters हमें आने वाली पुष्मा 2 फिल्म में भी देखने को मिल सकते हैं। अब रियल लाइफ में इतने जांबाज bluffmasters हो सकते हैं, तो जाहिर सी बात है कि फिल्म में तो दिखाई दे ही सकते हैं। पर इनके जैसे characters पुष्पा के दुश्मन ही बनेंगे क्योंकि पुष्पा को रूल करना है, वो किसी के under नहीं रह सकता। देखते हैं क्या होता है।
Bye!