हमारे देश में निडर IPS Officer की कमी नहीं है। और आज हम ऐसी ही एक बहादुर महिला आईपीएस ऑफिसर सोनिया नारंग के बारे में बात करने वाले है।
सोनिया नारंग कर्नाटक कैडर में 2002 बैच की आईपीएस हैं। नौकरी के दौरान सोनिया नारंग की पोस्टिंग कर्नाटक के कई बड़े शहरों में हुई। ये उसकी ईमानदारी और हिम्मत का ही नतीजा है, कि वो जहां भी जाती है, अपराधी भागने पर मजबूर हो जाते है। सोनिया नारंग साल 2006 में तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को थप्पड़ मार दिया था। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के दो बड़े नेता आपस में भिड़ गए थे। तब IPS officer सोनिया नारंग ने एक बीजेपी नेता रेणुकाचार्य को सरेआम थप्पड़ मार दिया था।
जहां ज्यादातर लोगों ने उनकी Bravery की तारीफ की, वहीं political masters बिल्कुल भी खुश नहीं थे। भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने Sonia Narang अपने area से transfer कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन कभी सफल नहीं हुए।
और Sonia Narang ने अपना सर ऊचाँ कर कहा कि, “Governance में ईमानदारी और साहस शक्तिशाली हथियार हैं। अगर हमारे पास ये दोनों हैं, तो कोई भी आपको effect नहीं कर सकता, चाहे वो कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो”।
इस incident के तीन साल बाद ही Sonia narang फिर controversy में आ गई। वो उस वक्त बेलगाम में तैनात थीं, एक ऐसा शहर जो काफी समय से कन्नड़-मराठी clashes के बीच रहा है।
ये 2009 की शुरुआत थी और border को लेकर बहुत पूरा शहर काफी परेशानी में था। पूरे जिले में Section 144 लागू कर दिया गया। लेकिन फिर भी कुछ बदमाशों ने झगडा किया तो सोनिया नारंग नाराज हो गई।
उन्होने inspector-incharge से पूछताछ की, लेकिन satisfactory जवाब नहीं मिला। तो Officer को गुस्सा आया और उसे kick मार दी। ऐसी अफवाह थी कि embarrassed पुलिस वाले ने बाद में खुद को मारने की कोशिश की, लेकिन वो बच गया।
हालाकी अपने defense में, नारंग का कहना है कि उसने केवल ड्यूटी नहीं करने के लिए उस पुलिस वाले को suspend किया था।
Sonia Narang का कहना है कि वो अच्छी तरह जानती थी कि पुलिस profession का मतलब 24X7 काम है; वो भी अलग अलग Challenges के साथ। और उसने उसी के अनुसार खुद को तैयार किया। कानून को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है और वो इसे ईमानदारी से निभा रही है।
चंडीगढ़ में जन्मी और पली-बढ़ी और पंजाब यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडल जीतने वाली सोनिया नारंग कई लोगों के लिए inspiration हैं।
इतना ही नहीं, जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने आईपीएस officer सोनिया नारंग का नाम 16 करोड़ रुपये के mining scam में आया था। उस वक्त खुद CM ने विधानसभा घोटाले में शामिल officers के नाम का खुलासा किया था, जिसमें उन्होंने सोनिया नारंग का भी नाम लिया था, लेकिन सोनिया नारंग ने CM से भी पंगा ले लिया।
लेकिन उस वक्त सोनिया नारंग ने बिना डरे कहा कि “बेल्लारी हो, चित्रदुर्ग हो या ऐसी कोई जगह, जहां पर illegal mining हो रही थी, वहां मैंने कभी काम नहीं किया। ऐसे में illegal miners की मदद या उनका साथ देने का तो सवाल ही नही पैदा होता है। ना ही मैंने कभी mining department में काम किया है। मैं हमेशा कानून के लिए खड़ी रही हूं। इसलिए Illegal खुदाई के काम को support देने का सवाल ही नहीं उठता। मैं इस मामले की गहरी investigation चाहती हूँ, ताकि सच्चाई सामने आए। मेरी अंतरात्मा साफ है, आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा सकते हैं, मैं ना सिर्फ इस आरोप से याफ साफ मना करती हूं, बल्कि हर level पर इसका कानूनी तौर पर लडूंगी।”
एक बार पहले साल 2004 में जब सोनिया नारंग गुलबर्ग जिले में आई थीं, तो वहां elections को सही तरीके से कराने की जिम्मेदारी उन पर थी। दरअसल उस समय उस इलाके में criminal activities काफी तेज थीं। सोनिया नारंग ने उस समय भी बेहतरीन काम किया था।
सोनिया नारंग बचपन से ही सिविल सर्विस join करना चाहती थीं। यही वजह है कि उन्होंने हाई स्कूल पास करते ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। इनके पिता AN Narang retired Deputy Superintendent of police हैं और Sonia Narang के Role model भी रहे हैं।
जैसे Sonia Narang ने criminals को सबक बिना किसी डर के सिखाया है, ऐसा ही कोई Character जो इतना fearless हो, हमें Baaghi 4 में female lead के रूप में देखने को मिल सकता है।
जिसका सामना एक खतरनाक Politician से होगा, और उससे लडने में Tiger shroff का साथ उसे मिलेगा।