बेंगलुरू के एक Infamous Rowdy-sheeter जोसेफ बबली की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई ।
19 जुलाई को एक बैंक के अंदर खुलेआम, जोसेफ बबली को गुंडो ने हथियार से काट डाला था, और उसकी पत्नी और पांच साल का बच्चा वहां बस ये scene देखते के देखते रह गए थे।
बबली के murder के 75 दिनों के अंदर, बेंगलुरु पुलिस ने चार्जशीट दायर की, जिसमें 12 आरोपी और 113 witnesses का नाम था।
पुलिस का दावा था कि बेंगलुरु के ज्यादातर Rowdies की तरह बबली ने भी खुद को Reformed यानी सुधारा हुआ व्यक्ति माना था, लेकिन उसकी past rivalry उस पर भारी पड गई थी। वो कहते है ना ‘ A Rowdy never retires’.
बबली के murder के कुछ ही हफ्तों बाद, एक और rowdy, अरविंद , को एक फुटबॉल स्टेडियम के अंदर rival gang के लोगो द्वारा मार डाला गया था, फिर से public view में खुलेआम!
12 सितंबर को हुआ ये murder इस साल अकेले बेंगलुरु में 10वा murder था।
11 अक्टूबर को बेंगलुरु पुलिस ने एक हत्या के मामले में 2,189 पन्नों की चार्जशीट दायर की।
ये नंबर खतरनाक लगते है, लेकिन बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि यह trend पिछले सालों से कुछ अलग नहीं है।
बेंगलुरु के Rowdies आज 1980 और 1990s के अंडरवर्ल्ड और साल 2000 के बड़े Gangs और Gang leader द्वारा operated crimes से बहुत अलग हैं। क्योकी अब Bengaluru rowdies छोटे, local gangs में काम करते हैं।
1960 और 1980s के बीच, rowdies Prostitution, नकली शराब और illegal शराब, drugs इन सब कामों में involved हुआ करते थे। फिर, 1980s से 2000s तक, इनका business real estate deals, जबरन वसूली, dance Bar, gambling और ‘माफिया’ में बदल गया – जो command of chain का इस्तेमाल करके criminal activities को control करने लगे।
और अब, Bengaluru rowdies फिर से बदल गए हैं, properties disputes,और money lending से कमीशन कमा रहे हैं, जब वो किसी criminal activity के लिए hired और contractual crimes नही कर रहे होते, तो वो अपने front cover के legal business के माध्यम से funds collect कर रहे होते हैं।
आज बेंगलुरु में जो rowdies मौजूद हैं, वो उन लोगो के groups हैं, जो per deal पैसा वसूलते हैं। Gangs के लिए loyalty का concept अब मौजूद नहीं होता है।
बेंगलुरू में total राउडी-शीटर्स को गिना जाए तो लगभग 3,000 है।
बेंगलुरु में crime branch के officers अक्सर हर पुलिस स्टेशन में सभी राउडी की एक परेड कराते है – जिसमें शामिल होते है, ‘Silent’ सुनील, ‘Onte’ रोहित, अजित ‘मलयाली’, इश्तियाक अहमद ‘पहलवान’।
और ये Rowdies, अनपढ़ गवार नही बल्कि अंग्रेजी बोलने वाले, अच्छे जीवन जीने वाले, और publicity के भूखे होते हैं।
जैसे, शिवाजीनगर की नगरसेवक फरीदा अहमद के पति इश्तियाक ‘पहलवान’ ने अपने सोशल मीडिया पर telecast करने के लिए उनकी हर activities को ड्रोन से कैप्चर किया था। पहलवान करोड़ों रुपये के घोटाले में आरोपी था, जिसकी CBI जांच कर रही है।
‘साइलेंट’ सुनील – जो अपने खुद के साथियों को बिना पता लगाए silently अपने operations को अंजाम देने के लिए famous है, ने तो 2017 में अपने जीवन पर एक फिल्म का ट्रेलर भी release किया था, जिसमें उन्होंने main lead role भी किया।
रोहित का नाम ‘ओंटे’ यानी ऊंट उसकी लंबी height की वजह से रखा गया। वो सभी परेडों में सबसे लंबा आदमी है।
एक senior police officer ने कहा कि अजीत केरल से हैं और इसलिए उसका nickname ‘मलयाली’ रखा गया।
अौर rowdies अपने नाम के साथ नया नाम जोड़ते हैं जो उनके द्वारा operated इलाके, उनके unique features, या उनके द्वारा किए जाने वाले business के basis पर ये होता है।
Infamous rowdy sheeters के पास हमेशा एक Legal business की ढाल होती है। क्योकी कुछ rowdies फिल्मी सितारे या politicians है, तो कोई businessmen है, और यहां तक कि influential BBMP यानी ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिके के ठेकेदार भी हैं।
साइलेंट’ सुनील ने BBMP से garbage management का टेंडर लिया है, ‘ओंटे’ रोहित का भी BBMP के साथ contact है। ओर ये उनका Legal business है। उन्हें BBMP से टेंडर लेने से कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि ऐसा कोई rule नहीं है जो इन Rowdies को काम लेने से रोक सकता हो। गुंडे अक्सर एक साथी के साथ contract करते हैं और private finance institution शुरू करते हैं, पैसे उधार देते हैं, क्लबों आदि में invest करते हैं, और पैसा पूरे interest के साथ वसूल भी करते है।
Bengaluru के Rowdies जिस तरह से पहले के वक्त से बदल गए है और देखे तो एक तरह से educated गुंडे है, जिन्हें legal illegal दोनो तरह के businesses की knowledge है, इसलिए अब illegal business खुलेआम ना करके, उन्हें legal business के पिछे छुपाकर करते है, कुछ ऐसा ही बदलाव या Bengaluru rowdies जैसे गुंडे हमें KGF chapter 3 में देखने को मिल सकते है।