Jawan

5 दिसंबर 1971, आसमान में indian fighter plain काबू से बाहर हो गया। Plane को नीचे गिरता देख pilot ने अपनी seat, spring की मदद से उछाल दी और parachute की मदद से landings की।

अल्लाह हू अकबर! के नारे लगाते हुए लोगों की भीड़ उनकी तरफ बढ़ी और उनके कपड़े फाड़ने लगी। किसी ने उनकी घड़ी चुरा ली तो किसी ने उनकी जूतों पर हाथ साफ कर दिया। तभी वहा पाकिस्तानी सैनिक आए और उन्होंने अपनी पूछताछ शुरू की पता चला कि इस हिंदुस्तान के सैनिक की रीढ़ की हड्डी अपनी जगह से खिसक चुकी थी। और वह किसी भी तरह से अपने आप को हिला नहीं पा रहा था। इसके अलावा भीड़ में भी किसी ने उसकी service revolver भी छीन ली थी।

यहां से वह उन्हें एक tent में ले गए और उनका इलाज भी किया। उनकी रीढ़ की हड्डी में plaster भी लगाया और जेल में बंद कर दिया। उनसे कई दिनों तक सवाल जवाब होते रहे और अगर toilet भी जाना होता तो उनके मुंह पर काला कपड़ा बांध दिया जाता है। एक दिन उन्हें जेल के दूसरे कमरे में ले जाया गया तो उन्होंने अपने जैसे 10 और बंधी pilots को देखा। कितने दिनों बाद भारतीय चेहरा देख pilot jafa की आंखों से आंसू बह निकले । जैसे ही सारे जवान एक साथ बैठे उन्होंने तभी भागने का plan बनाना शुरू कर दिया था। Plan यह था कि 21/6 का एक लंबा छेद जेल की पीछे वाली दीवार में किया जाएगा, जो सीधा पाकिस्तानी सेना के head constable के कमरे में खुलेगा । इसके बाद वह 6 फीट लंबी दीवार फांद के माल रोड तक पहुंचेंगे।

कुछ दिनों के समय में ही सपने electrician और बाकी जगहों से छोटे-मोटे हथियार जमा कर लिए और दीवार तोड़ने की शुरुआत की।

धीरे-धीरे दिन बीते गए और 14 अगस्त का दिन पास आ गया 14 अगस्त पाकिस्तान का independence day था। उसी दिन सारे guards छुट्टी के mood में होते हैं इसीलिए यह एक perfect दिन था वहां से भागने के लिए ।

13 अगस्त की रात को बिजली कड़कने लगी। जोर जोर से बारिश होने लगी। यह बिल्कुल सही समय था क्योंकि बारिश की आवाज से और कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। उन्होंने अपनी खुदाई बढ़ा दी और उसी रात वहां से निकल गए। जैसे ही वह जेल की दीवार फांद कर निकले तो वहां एक guard सो रहा था । दीवार फांद कर तीनों जवान सिनेमा देख कर लौटते हुए लोगों की भीड़ में घुल मिलने की कोशिश की।

वहा से border पार करना आसान नहीं था। Border पर भी पाकिस्तानी सैनिक पहरा देते है। उन्होंने वाला से श्री अनंतपुर साहिब जाने का फैसला किया जहा पाकिस्तानी और हिंदुस्तानी एक दूर की सरहद मे घुस सकते है पर कड़ी निगरानी मे।

वहा पहुंचकर तीनों ने पास के हिंदुस्तानी base camp को इकतीला किया। और भारतीय सरकार ने अपने तीन सैनिकों को पहचाना और सम्मान के साथ वापस लिया। इसके अलावा पाकिस्तान मे फंसे बाकी सैंको को भी Geneva treaty के तहत बा इज्जत रिहा किया जाता है।

ऐसे ही daring jawan की कहानी होने वाली है Shahrukh Khan starrer jawan

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apoorva

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