जय मां काली! आया गोरखा! यह नारा है भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बहादुर गोरखा regiment ka। १971 का भारत और पाकिस्तान के बीच घमासान युद्ध चल रहा था। उस समय Major Ian, 5 gorkha rifles मे training ले रहे थे। पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सबसे पहली भेजिए टुकड़ियों में से एक पकड़ी गोरखा regiment की भी थी।
युद्ध के दौरान जब पाकिस्तानी सेना से लड़ते हुए उनके एक अफसर शहीद हो गए उनकी जगह लेने के लिए Major Ian को युद्ध में भेजा गया । उनके सभी साथी उन्हें cardo साहब कहा करते थे क्युकी उन्हें उनके नाम का उच्चारण करना नहीं आता था । उन्होंने भारतीय सेना के पहले helidrome operation में part लिया था। Silhat की जंग में Major Ian और उनकी team को भारी गोलाबारी का सामना करना पड़ा। सामने पाकिस्तान के बहुत बड़ी सेना थी और भारत के पास एक छोटी बटालियन थी। वह लगातार पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे थे पर खाना और गोला-बारूद दोनों ही खत्म हो रहे थे ।
फिर भी वह लड़ते रहे और reinforcement का इंतजार करते रहे। उन्हें बताया गया कि 48 घंटों में बड़ी पलटन आ जाएगी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और 10 दिन तक लड़ाई चलती रही । इस बीच पाकिस्तान और भारत के लोग radio पर खबर सुनते हैं कि Silhat में गोरखा की पूरी brigade पहुंच चुकी है। Major Ian ने अपनी बटालियन को कहा कि अगर लोगों को ऐसा लगता है कि Silhat में पूरी brigade पहुंच चुकी है तो हम उसी तरीके से लड़ाई करेंगे।
धुआंदार गोलियां चलती रही और पाकिस्तान की पूरे 1000 सैनिक सफेद झंडा लहराने लगे और समर्पण कर दिया। जबकि दूसरी तरफ भारत के पास केवल 532 जवान और तीन ब्रिगेडियर थी। विजेता गोरखा बटालियन अब शहर की तरफ आ रही थी तभी Major Ian का पैर बारूद की सुरंग को पढ़ा और एक जोरदार धमाका हुआ । Major Ian बहुत दूर जाकर गिरते हैं उनका पूरा शरीर लहूलुहान हो चुका था उनका एक पैर पूरी तरह से घवस्त हो चुका था। उसके बाद तुरंत ही सेना ने उन्हें अपने camp तक लेजाया।
लेकिन काmp में उनका इलाज करने के लिए कोई doctor नहीं था। भारतीय सेना की ओर से मदद पहुंचने में अभी वक्त था। Major Ian थोड़े बहुत होश में थे उन्होंने वहा के local doctor से पूछा कि क्या वे उनका पैर अभी निकाल सकते हैं ,क्योंकि अगर देर की गई तो infection फैल सकता है जिससे उनका पूरा पहर ही काटना पड़ेगा। तब doctor ने कहा कि उनके पास अभी पूरे equipments नहीं है। यह सुनने के बाद Ian ने अपने साथी से कहा कि उन्हें उनकी खुकरी लाकर दे।
उन्होंने अपने साथी से कहा कि खुकरी से उनका पैर काट दे। जिस पर उनके साथ ही ने मना कर दिया । इसके बाद में Major Ian ने खुद ही अपनी खुखरी को मोमबत्ती से खूब गर्म किया और अपने पैर का पूरा घायल हिस्सा काट दिया। अपना कटा हुआ पैर उन्होंने अपने साथी को दिया और कहा इसे बाहर जाकर गाड़ दो। किसी तरह जल्द से जल्द helicopter बुलाया गया और Major Ian को पास के शहर के hospital में admit करा। उनके पैर का इलाज करवाया गया। Major Ian ने अपना पैर तो खो दिया पर भारत के वीर पुत्रों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवा दिया।
ऐसे ही जाबाज जवान की कहानी होगी shahrukh khan starrer Jawan!
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Apoorva