घर वाले और घर में आए रिश्तेदार टीवी पर दिखाई जाने वाली कारगिल वॉर की कुछ तस्वीरें देख रहे थे। तभी अंदर से कुछ महीनों पहले, बड़ी मुश्किल से 12th क्लास की exam पूरी कर चुका और आवारागर्दी करने वाला आदित्य बाहर आया। आदित्य को देखने के बाद रिश्तेदारों ने उसे आगे के प्लान के बारे में बहुत सारी सलाहे दी। पर आदित्य रिश्तेदारों का प्रेशर या सलाह लेने वालों में से नहीं था। उसे जो ठिक लगता था, वह सिर्फ वही करता था, बिल्कुल एकदम बागी की तरह।
फिर रिश्तेदारों को इग्नोर करते हुए उसने टीवी की न्यूज़ पर ध्यान दिया, जिसमें बताया जा रहा था कि, साल 1999 में कैप्टन सौरभ कालिया जो पाकिस्तान में फंसे थे, उनकी eyebrow को देखकर उनकी डेड बॉडी को पहचाना गया। और यह सुनकर आदित्य अपने दोस्तों के पास चला गया।
तो टीवी पर बताया जा रहा था कि, सौरभ कालिया कारगिल वॉर के पहले हीरो थे, जिन्हें बचपन से ही आर्मी मैन बनना था। साल 1999 में उनकी पोस्टिंग कारगिल रेजीमेंट में हुई। May महीने में ताशी नामग्याल नाम के गाय, भैंस चरानेवाले आदमी ने कारगिल की ऊंची चोटियों पर किसी पाकिस्तानी को हाथ में हथियार पकड़ते हुए देखा और उसने यह बात इंडियन आर्मी को बता दी। फिर 12 दिनों बाद कैप्टन सौरभ कालिया अपने पांच साथियों को लेकर बजरंग चोटी पर पहुंचे, जहां पर वो पाकिस्तानी मौजूद थे।
सौरभ और उनके जो 5 साथी थे, उनके पास ना इतने हथियार थे, ना ज्यादा गोला बारूद था, पर फिर भी कालिया ने हार नहीं मानी। उन्होंने मुकाबला किया, अपनी तरफ से जोरदार फायरिंग की, जिसकी वजह से पाकिस्तानी डर भी गए। पर पाकिस्तानियों ने यह भी देख लिया था कि, वह लोग उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उन्होंने अपना जाल बिछाया और इन छह लोगों को पकड़ लिया। इसी तरह वो सब पाकिस्तान के चंगुल में फंस गए।
Joining को सिर्फ 4 महीने हो चुके थे और तभी यह हमला हुआ। पाकिस्तान में जाने के बाद वही पर रहकर सौरभ ने चिट्ठी भी लिखी, पर उस ज़माने में चिट्ठी पहुंचने में टाइम लगता था। सौरभ की कोशिशें नाकामयाब हो रही थी और पाकिस्तान में उन पर जुल्म हो रहा था। Physically और mentally उन्हें परेशान किया जा रहा था। इसी के चलते ना उनकी आंखें बची, और ना ही कान। उनकी पूरी बॉडी पर सिगारेट से जलाने वाले निशान थे।
वैसे इंडियन आर्मी को यह पता था कि, वह पाकिस्तान के चंगुल में फंस चुके हैं, पर उस वक्त वो कुछ भी नहीं कर सके।
फिर पाकिस्तान ने 6 लोगों की डेड बॉडीज को इंडिया भेज दिया और तब “एक आइब्रो” की वजह से, “वो कैप्टन सौरभ कालिया ही है”, यह कहकर उन्हें पहचाना गया।
सौरभ को देखकर उनका पूरा परिवार टूट गया। सौरभ के पिता का यह कहना था कि, वह इंडियन गवर्नमेंट को letter लिखकर यही बताने की कोशिश कर रहे थे कि, उन्हें जस्टिस मिलना चाहिए। पर अभी तक उनकी रिक्वेस्ट का कोई जवाब नहीं आया, इसलिए उन्हें बहुत शर्मिंदगी होती है इंडियन गवर्नमेंट पर।
अब दूसरी ओर, घर से बाहर निकला हुआ आदित्य जब अपने दोस्तों के पास पहुंचा, तो वह लोग भी इन्हीं बातों को discuss कर रहे थे। तब एक दोस्त ने आदित्य से कहा,” तुम्हारा आगे का plan? कहां पर admission लोगे?”। आदित्य ने कहा,”कुछ तय नहीं किया, पर मुझे जो सही लगेगा वही मैं करूंगा”। जब दोस्तों ने मिलकर उसे कहा कि, “आर्मी में जाएं क्या?”, तो आदित्य के होश उड़ गए और उसने कहा,” आर्मी में? मैं अभी अभी टीवी पर कारगिल की न्यूज़ देख कर आया हूं। सब कुछ बहुत भयानक है”। और वो वहां से चला गया। पर पता नहीं क्यों, उसकी नज़रों के सामने सौरभ का चेहरा आ रहा था।
उसके घर लौटने के बाद भी टीवी पर वही बातें चल रही थी। तब आदित्य की मां ने कहा,”पाकिस्तानियों ने अच्छा नहीं किया। सौरभ को जस्टिस मिलना चाहिए था”। तब आदित्य ने मां से पूछा,” एक आर्मी मैन की मां बनोगी तो कैसा लगेगा?”। मां ने कहा,” यह भी कोई पूछने वाली बात है, मुझे अपने बेटे पर गर्व ही होगा”।
फिर आदित्य ने अंदर जाकर दोस्तों को फोन किया और बताया,”हम आर्मी में जाने की तैयारी करेंगे”।
अब बागी फिल्म में टाइगर श्रॉफ भी इसी अंदाज के साथ नजर आए थे, जिन्हें future की कोई परवाह नहीं थी। हो सकता है कि, आने वाली बागी 4 में टाइगर आदित्य जैसे बागी बने, जो without pre-planning आर्मी जॉइन करने का फैसला करें और पहले से ही पाकिस्तान के चंगुल में फंसे हुए अपने साथी को वापस लाने के लिए एक मिशन पर काम करें।
Trupti