सभी को ये लग रहा है कि, इस बार फिल्म गदर 2 में मेल लीड रोल में एक्टर सनी देओल और फीमेल लीड रोल में एक्ट्रेस अमीषा पटेल निभाते हुए नजर आएंगी, तो ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है, क्योंकि खुद फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने फिल्म के बारे में ऐसा कहा था। अनिल ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि, गदर एक प्रेम कथा सनी और अमीषा पर बेस्ड थी लेकिन गदर 2 एक्टर उत्कर्ष शर्मा और एक्ट्रेस सिमरत कौर पर बेस्ड होंगी। अनिल ने बताया था कि, बस फिल्म में इतना ही फर्क होगा कि गदर 2 में उत्कर्ष और सिमरत की लव स्टोरी को हाईलाइट किया जाएगा। Audience को जैसे ही ये बात पता चला था तो उन्होंने कहा था कि, अगर फिल्म में उत्कर्ष को ज्यादा हाइलाइट किया गया तो फिल्म को डूबने से कोई भी नहीं बचा पाएगा क्योंकि अभी तक उत्कर्ष शर्मा की एक्टिंग को audience से hates ही मिल रहा है। तो वही audience को ये भी लग रहा है कि,अनिल audience को गुमराह करना चाहते हैं ये न्यूज़ बता कर।
आए दिन कमाल राशिद खान कुछ ना कुछ कमेंट कर ही रहे हैं फिल्म गदर 2 के ऊपर अब तो उन्होंने डायरेक्टर अनिल शर्मा पर उंगली उठाते हुए कहा था कि, अगर गदर 2 को हिट होना होता तो वो 22 साल के बाद नहीं आ रहा होता। कोई तो वजह रही होगी जो अनिल 22 साल के बाद फिल्म को रिलीज कर रहे है। पता नहीं क्यों केआरके हाथ धोकर पीछे पड़े हुए हैं गदर 2 के इसलिए आए दिन कुछ ना कुछ कमेंट करते ही रहते हैं फिल्म को लेकर। लेकिन मेकर्स को इन सभी बातों का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, क्योंकि अगर अनिल चाहें तो उल्टा सीधा कहने के जुर्म में वो केआरके को जेल की हवा भी खिलावा सकते हैं। लेकिन अनिल अभी पूरी तरह से खुद को फिल्म के प्रमोशन में बिजी रखना चाहते हैं। अब फिल्म को रिलीज होने में काफी काम समय बचा है क्योंकि आखिरकार 22 साल के बाद जो आ रही है फिल्म थिएटर में।
डायरेक्टर अनिल शर्मा फिल्म गदर 2 को लेकर लगता है कोई प्लानिंग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ दिन पहले ये खबर सामने आया था कि फिल्म में एक्टर उत्कर्ष शर्मा ने अपनी स्क्रीन टाइमिंग बढ़ाने के लिए अपने पिताजी अनिल से कहा था और उत्कर्ष भी फिल्म में हाइलाइट हो सके इसलिए अनिल ने उत्कर्ष की स्क्रीन टाइमिंग को बढ़ाने के लिए तैयार हो गए थे । जब इस खबर के बारे में अनिल से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि, “ये सब अफ़वा है फिल्म की हाइप को गिराने के लिए”। अगर ऐसा कुछ होता तो अनिल खुद बता देते और अगर फिर भी audience को उनकी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है तो उन्हें फिल्म को देखना चाहिए ताकि उनकी सारी कन्फ्यूजन दूर हो सके। अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि audience का ये दावा सही होता है या अनिल जो बोल रहे हैं वो सही होता है फिल्म के बारे में।
Chandan Pandit