Dabangg 4
(part 5 )
Thumbnail: पकड़ा गया nksalvadi!
नक्सलवादी इलाकों से भेजी गई इंफॉर्मेशन के दम पर पुलिस वाले नक्सलवादी के main अड्डे पर पहुंच जाते हैं, लेकिन तभी उन पर फायरिंग शुरू हो जाती है. असल में नक्सलवादियों के जासूसों ने पहले ही उन्हें बारे में चेतावनी दे दी थी कि पुलिस कुछ बड़ा करने वाली है लेकिन क्या करने वाली है यह नहीं पता था इसलिए नक्सलवादी पहले से ही तैयार थे। अब नक्सलियों और पुलिस के बीच फायरिंग शुरू हो जाती है, इस फायरिंग में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो जाते हैं और 15 घायल हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नक्सलियों को भी काफी नुकसान होता है, लेकिन इस फायरिंग के दौरान नक्सलियों का हेड उस इलाके से निकल जाने में सफल हो जाता है, जिसके कारण पोलिस वालों की यह रेड विफल हो जाती है।
जब इसकी खबर नक्सलियों के इलाके में रहने वाले पुलिसकर्मियों को मिलती है तो वे घबरा जाते हैं क्योंकि अब उन्हें डर है कि अब कभी भी उनके राज खुल सकते हैं, क्योंकि नक्सलियों के दिमाग में एक बात आ रही है और वो ये है की जिस जगह के बारे में उसके ग्रुप के अन्य लोग नहीं जानते, सिवाय आला प्रबंधन के, उस जगह पर पुलिसकर्मी कैसे पहुंचे? फिर एक नक्सली कहता है “हमारे बीच कोई पुलिस जासूस जरूर आया है”, तो नक्सली का मुखिया कहता है “हमारी टीम में कोई नया नहीं आया है, इसका मतलब कोई न कोई हमारे इलाके में जरूर आया है और उसी ने हमारे अड्डे की जानकारी police को दी है। नक्सली इलाके में रहने वाले पुलिसकर्मियों को भी इस बात का पता चल जाता है और वे इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को दे देते हैं.
जब यह सूचना पुलिस कमिश्नर को मिलती है तो पूरा थाना stress में आ जाता है, जिसके बाद पुलिस कमिश्नर अपने पुलिसकर्मियों को इलाका छोड़ने के लिए कहते हैं, तो चुलबुल पांडे कहते हैं “ऐसा करना बेवकूफी होगी क्योंकि अभी उन्हें सिर्फ शक हुआ है कि पुलिस उनके area में है लेकिन उनके पास कोई सबूत नहीं है और वे यह भी नहीं जानते कि वे जासूस कौन हैं और हमारे पुलिसकर्मी वहां चार-पांच महीने से रह रहे हैं, इसलिए अब उन्हें पहचानना मुश्किल होगा, इसलिए उन्हें वहीं रहना चाहिए और इस मिशन को पूरा करना चाहिए” जिसके लिए पुलिसकर्मियों भी तैयार हो जाते हैं।
दूसरी तरफ चुलबुल पांडे का नेटवर्क चुलबुल पांडे को नक्सलियों के बारे में बताता है, जिसके बाद चुलबुल पांडे उन सभी निवेशकों को गिरफ्तार कर लेता है।
जब नक्सलियों को इस बात का पता चलता है तो वे थाने पर हमला करने आते हैं, लेकिन इस बार चुलबुल पांडे तैयार हैं और इससे पहले कि नक्सली कुछ कर पाते, चुलबुल पांडे उन पर हमला कर देता है और नक्सलियों को संभलने का मौका नहीं देते, जिससे नक्सलियों को भारी नुकसान होता है और चुलबुल पांडे एक नक्सली को पकड़कर उसकी लोकेशन पूछते हैं। काफी torcher झेलने के बाद वह चुलबुल पांडे को लोकेशन बताता है, जिसके तुरंत बाद नक्सलियों के इलाके में रहने वाली पुलिस नक्सलियों पर हमला कर देती है।
लेकिन सिर्फ तीन लोग होने की वजह से ज्यादा देर तक नक्सलियों का मुकाबला नहीं कर पाती हैं, तब चुलबुल पांडे वहां पहुंच जाते हैं और वो नक्सलियों के हैड को गोली मार देते है और लखनऊ शहर को नक्सलियों से मुक्त करा देते हैं।
तो यह थी दबंग 4 की पूरी स्टोरी, we hope you like the story.
@divanshu