Christian-Muslim couple ने जीते दिल!
कहानी एक Christian लडके और मुस्लिम लडकी की जो आज happily ever after वाली जिंदगी जी रहे है तो उनके सिर्फ इस motto की वजह से –
“कभी भी अपनी relationship को तीन चीजों से Affect नही होने देना चाहिए- समाज, धर्म और पैसा।”
राजकुमार का जन्म पुणे के एक महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ था, पर एक दुर्घटना ऐसी हुई की Rajkumar इस दुनिया में अकेला रह गया। और उसके मा-बाप की मौत हो गई। अनाथ होने के बाद उसे एक ईसाई परिवार ने गोद ले लिया।
अंजुम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ।
राजकुमार एक corporate communication के senior officer है, और Anjum एक multinational company की Administration head है।
Rajkumar , Anjum से कॉलेज के पहले साल में मिला था। और शुरूआत मे दोनो बहुत ही casual friends थे जो दोस्तो के बडे group के अंदर आते थे।
लेकिन शुरूआत में भी दोनो की दोस्ती काफी अच्छी थी।
लेकिन उनकी दोस्ती में कोई gender असग होने का difference या कोई crush और romantic feelings वगहरा नही थी। एक pure innocent friendship, जिसमे राजकुमार और अंजुम दोनो एक दुसरे को हँसाके तो कभी sarcastic remarks से एक दुसरे को चिढाते थे।
और अगर दोनो ने कभी team बना ली तो, समझो पुरे group की श्यामत ही आ जाती थी।
Rajkumar को Anjum की यही बात सबसे ज्यादा पसंद थी कि वो हमेशा उसके sense of humor को समझ लेती थी और उसके जवाब हमेशा interesting होते थे। इसलिए कभी कभी तो दोनो आपस मेम बात करते करते ही बाकी सबको भुल जाते थे।
हालांकी उनकी chemistry बाकी के दोस्तो को दिख रही थी, लेकिन तब भी दोनो में से किसी ने उनकी chemistry को notice नही किया था।
लेकिन धीरे धीरे, धीमी हवा की तरह दोनो के चेहरे पर एक दुसरे को देखते ही एक बडी smile आने लगी। और भीड में भी दोनो बस एक दुसरे की नजरो तो ही ढुंढने लगे। और तब उन्हे अहसास हुआ कि उनकी feelings pure friendship से, अब किसी और feelings में बदल रही थी।
ऐसे ही वक्त बीतने लगा और जब राजकुमार को पुरा विश्वास हो गया की Anjum के लिए feelings अब कही नही जाने वाली तो उसने एक दिन हिम्मत करके propose कर दिया।
लेकिन Anjum पर उनके अलग अलग religion होने का pressure था, इसलिए उसने तीन साल तक राजकुमार का proposal accept नही किया।
क्योंकि अंजुम तभी शादी करना चाहती थी, जब उसे भरोसा था कि वो दोनों अपना भरण-पोषण कर सकते हैं और अपने होने वाले बच्चों को एक अच्छा पारिवारिक जीवन दे सकते हैं।
और जब Anjum ने पढाई पुरी करी और अच्छी job करने लगी तब उसने Rajkumar से शादी करने के लिए हाँ बोला।
उनकी शादी से पहले, राजकुमार क्रिसमस के लिए अंजुम को घर लेकर गया था। उस वक्त राजकुमार के घर पर करीब 200 मेहमान थे। और दिक्कत ये थी उस वक्त राजकुमार की माँ वहां मौजुद नही थी। लेकिन अंजुम ने सुबह से शाम तक सभी मेहमानों को ऐसे handle किया, जैसे वो उसका अपना ही घर हो।
और शायद यही बात राजकुमार के पिता को अच्छी लग गई, तभी उन्होने अंजुम को अपनी बहू के रूप में accept कर लिया था।
हालांकि अंजुम के पिता भी राजकुमार को बहुत प्यार करते थे, लेकिन उन्होंने कभी उसे अपने दामाद के रूप में स्वीकार नहीं किया।
क्योकी Christians के खिलाफ उनके अपनी कुछ सोच थी, जैसे उन्हे लगता था कि christian बहुत शराब पीते हैं और पार्टी करते हैं, etc.
Rajkumar ने उन्हे विश्वास दिलाया कि वो ऐसा बिल्कुल भी नही है, लेकिन फिर भी उन्होने rajkumar और Anjum के रिश्ते को accept नहि किया।
हालाँकि उन्हे rajkumar का anjum से शादी करने के लिए पहले उनसे बात करना बहुत अच्छा लगा था।
इसके अलावा, अंजुम की दो छोटी बहनें थीं और उनके पिता चिंतित थे कि अगर एक बेटी ने परिवार के community के बाहर शादी की तो बाकी दो बहनों के लिए शादी ख़तरे में पड़ सकती है। अंत में अंजुम के पिता ने एक शर्त पर हमारी शादी की अनुमति दे दी, लेकिन वो और उनका परिवार का कोई सदस्य शादी का हिस्सा नहीं होगा। इसलिए अंजुम के परिवार से बहुत दुश्मनी के माहौल में, उन दोनो ने कोर्ट मैरिज की।
अंजुम के परिवार से acceptance के लिए उनके जीवन में एक मोड़ तब आया, जब anjum के पिता का निधन हो गया और उनके बाकी भाई-बहनों और उनके पतियों में से केवल वो ही थे, जिन्होंने अपनी इच्छा से अमजुम की माँ को उनके साथ उनके घर में shift होने के लिए कहा। और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी ली। तब सभी लोग जिन्होंने पहले उनके अपने-अपने धर्मों के बाहर शादी करने पर criticise किया था, आज वही लोग उनकी तारिफ करने लगे थे।
एक ऐसी ही कहानी से inspire होकर, उसमें कुछ happy तो कुछ heartbreaks को mix करके एक lovestory gadar 2 में देखने को मिल सकती है.