Rambo

कौन बना पहला disabled army officer?

 

Major General Ian Cardozo, एक indian Army soldier जो पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध में 5 गोरखा राइफल्स में सबसे young Major थे।  एक swift Military attack में, भारत ने 13 दिनों के अंदर पाकिस्तान को हरा दिया, एक region को मुक्त करा दिया और बांग्लादेश की creation को बढावा दिया।

 

लेकिन इस war में अगर आप, Major Ian cardozo के बलिदान और बहादुरी की कहानी सुनोगे, तो सुनते ही रह जाओगे। Major Cardozo की कहानी, देश के लिए उनके प्यार, बलिदान के साथ साथ उनके passion को follow करने की जिद्द भी आपको दिखाई देगी।

 

उस battle में, मेजर कार्डोजो ने एक land mine पर पैर रख दिया, जिससे उनका एक पैर पूरी तरह से damage हो गया था। तो उन्हें अपनी ही खुखरी यानी गोरखा soldiers का चाकू, से बुरी तरह घायल पैर को काटना पड़ा।

फिर भी, अपनी will power और determination के साथ, उन्होंने अपनी disability को एक पक्के soldier होने के नाते अपने कर्तव्य के आगे नहीं आने दिया और एक infantry बटालियन और एक ब्रिगेड की कमान संभालने वाले Indian Army के पहले disabled officer बन गए।

 

उनकी इस बहादुरी को देखकर, उनका एक brief interview लिया गया। जिसमें उनसे उस battle में हुई serious injuries के बारे में पुछा गया। तो Major Cardozo उस वक्त को याद करते हुए बताते है, कि उस वक्त वो पहले injured नही हुए थे। वहां BSF का एक कमांडर था, जो इन सभी कैदियों को देखकर घबरा गया था और उसने वहां किसी को मदद के लिए भेजने को कहा। Major Cardozo ने CO से कहा कि वो चला जाएगा। 

 

लेकिन Major Cardozo को नहीं पता था कि वो एक माइनफ़ील्ड पर चल रहा था और एक mine पर उसका कदम रखा गया, जिससे उसका पैर injured हो गया। एक बांग्लादेशी ने ये धमाका होते हुए देखा तो वो उसे उठाकर बटालियन headquarter तक ले गया। Major Cardozo की हालत देखकर सबको बुरा लग रहा था।

 

लेकिन Cardozo उस वक्त भी बिल्कुल calm थे और उन्होने डॉक्टर से कहा, ‘मुझे कुछ मॉर्फिन दे दो।’ लेकिन उस वक्त उनके पास #8800 नहीं था, क्योंकी ऑपरेशन के दौरान सब कुछ destroyed हो गया था। तो Cardozo ने doctor से Pethidine मांगी, लेकिन वो भी available नही थी। हारकर  Major cardozo ने उससे पैर को काट देने के लिए कहा। लेकिन उसके लिए भी doctor मना कर दिया क्योकी उसके पास जरूरी instruments नही थे। ये सुनकर Major Cardozo ने अपने बैटमैन से पूछा,”‘मेरी खुखरी कहाँ है?”। उसने Major Cardozo की खुखरी निकाली और सामने रख दी। Cardozo ने एक बार खुखरी की तरफ देखा और फिर अपने साथी को देखकर कहा,” इससे मेरा पैर काट दो।” Cardozo की बात सुनकर, उनका साथी घबराकर गोरखाली Language में बोला कि, वो ये नही कर सकता। तो आखिर में सबसे थककर Major Cardozo ने उससे अपनी खुखरी ली और खुद ही अपना पैर काट दिया। फिर cardozo ने उसे मिट्टी में कही गाड देने का order दिया और सब लोग बस उन्हे देखते ही रह गए। Obviously Interviewer भी shock में था। लेकिन उसने अपना अगला सवाल पुछा, कि लोग कहते है कि Major Cardozo अपनी इस कहानी से embarrass होते है, क्यों? तो Cardozo ने एक मुस्कान को साथ कहा कि जब mine उनके पैर पर फटी, तो उनके दिमाग में पहला thought उनकी wife priscilla का था और embarrassing कुछ इसलिए था क्योंकी उस वक्त वो जब भी अपने पैर को देखते तो बस यही सोचते कि, ये मेरे साथ क्या बेवकूफी भरी बात हुई है, जो बिल्कुल मेरे नियंत्रण से बाहर थी और अब ये तो बस हो गया था, इसे change करने के लिए कोई कुछ नही कर सकता था।

 

पैर काटने के बाद, डॉक्टर ने आकर उसे बांध दिया। उनके CO भी आए, लेकिन अकेले नही।

CO अपने साथ एक Pakistani Surgeon को लेकर आए, ताकी वो उनके पैर का operation कर सके। 

 

लेकिन Major cardozo ने साफ साफ मना कर दिया कि, वो pakistani surgeon से operation नही कराएंगे। उन्होंने Co से उन्हे वापस India ले जाने के लिए कहा। लेकिन उस समय तक ढाका गिर चुका था और कोई हेलिकॉप्टर भी available नहीं था। तो Major ने दो शर्तें रखी। लेकिन CO ने तुरंत कहा कि,” तुम शर्तें लगाने की position में नहीं हो।”

तो Cardozo ने अपने words बदलकर कहा,” ‘ठीक है, दो requests।  एक, मुझे पाकिस्तानी खून नहीं चाहिए।’ CO ने बीच में ही उनका बात काटते हुए कहा कि वो पागलों जैसी request कर रहा है। Cardozo ने कहा,” और वो ऐसी पागलपंती के साथ  मरने के लिए तैयार है और दूसरी request, कि जब उसका ऑपरेशन हो तब CO वहा मौजूद रहें।”

 

CO ने बात मानी और तब cardozo का treatment हुआ। Cardozo अब याद करते हुए कहते है कि वैसे भी पाकिस्तानी सर्जन ने अच्छा काम किया। उसका नाम मेजर मोहम्मद बशीर था, लेकिन वो कभी भी  ‘धन्यवाद’ नहीं कह पाए। इसलिए वो अब उन्हें धन्यवाद देना चाहते है। 

 

Major cardozo ने कहा कि, हालांकि लोग उसे जरूरत से ज्यादा credit दे रहे हैं।  वास्तव में उन्हे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई क्योंकि उनका पैर भयानक condition में था और वो इसे और दूसरों को इसे दिखाना नहीं चाहते थे। वो बस जल्दी से इससे छुटकारा पाना चाहते थे, जो उस वक्त कोई नहीं करने को तैयार नही था, इसलिए उसे खुद ही मामला हाथों में लेना पडा।

 

Interviewer ने अगला और सबसे main सवाल पुछा कि, disable होने के बाद उन्हे promotion कैसे मिला?। Cardozo ने बिना किसी hesitation के जवाब दिया कि Army physical फिटनेस पर काफी जोर देती है। किसी भी level पर कमांडर बनने के लिए फिट होना जरूरी है। लेकिन cardozo को हमेशा लगता था कि, डॉक्टरों का ये कहना unfair था कि अब वो बाकी सब की तरह perform नहीं कर सकता। इसलिए Cardozo अपने एक लकड़ी के पैर के साथ, Army के साथ-साथ दुनिया भर में ये साबित करने के लिए determined था, कि लकड़ी के पैर वाला व्यक्ति दो पैरों वाले व्यक्ति की तुलना में बेहतर नहीं तो, At least उसके जैसे तो कर सकता है और उसने खुद को physically फिट रखने की कसम खाई ।

 

वो सुबह जल्दी उठता, exercise करता और दौड़ने लगाने जाता। उसके बीद उसने बैटल फिजिकल टेस्ट किया।  लेकिन officer in charge ने उसे test देने के लिए allow नही किया।  उसने कहा कि वो उसे test नही देने देगा क्योंकि एक साल पहले एक disable person, इस physical test को देते वक्त ही मर गया था। 

 

Cardozo ने हार नही मानी और उनसे कहा कि लो फिट है, लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि अगर वो ये टेस्ट करता है तो, उन्हे उसे arrest करना होगा।

 

Cardozo ने confidence के साथ कहा,” मेरे offense commit करने के बाद ही आप मुझे arrest कर सकते हैं।  इसलिए मुझे test करने दीजिए और आप मुझे बाद में गिरफ्तार कर सकते हैं।”

 

तब जाकर cardozo ने test दिया और सात officers जो disabled नही थे, उनको पिछे छोड दिया। Officer भी impress हो गया था, उसने cardozo के कंधे पर हाथ रखते हुए शाबाशी दी।

 

Fitness test पार करने के बाद वो vice-chief के पास गए और उन्होंने Cardozo को उनके साथ जम्मू-कश्मीर आने को कहा।

 वो हेलिकॉप्टर से 6,000 फीट की ऊंचाई पर आए थे और Cardozo सड़क से हेलीपैड पर चढ़कर गए।  जब vice chief वहा पहुंचे, तो उन्होंने cardozo से पूछा कि वो यहां कैसे आया?

 

Vice chief को लगा कि cardozo ने connections का इस्तेमाल हेलिकॉप्टर से उड़ान भरने के लिए किया होगा। लेकिन cardozo ने एक जवाब से ही उसके होश उडा दिए, क्योंकी वो road से चढ कर गया था। 

वो हैरान थे और पुछा कि वो चढ़ सकता है?

तो Cardozo ने straight forward जवाब दिया कि वो क्या कर सकता है और क्या नही ये उसके senior officers के जानने की बाते है। 

Vice chief ने उसके बाद कुछ नही कहा और उनका case army chief, जनरल T N रैना के सामने रखा, जिन्होंने उसे उनके साथ लद्दाख चलने को कहा।  

 

Cardozo बर्फ और बर्फ में पहाड़ों में चए गए।  जनरल रैना ने ये देखा और जब वो दिल्ली लौटे, तो उन्होंने cardozo की फाइल मांगी और लिखा, कि उन्हें एक बटालियन दें और साथ मे बाकी सभी officers को जो अपने injuries के पीछे नहीं छुप रहे हैं और इस तरह से Major Cardozo बटालियन की कमान संभालने वाला पहला disabled officer बना था। लेकिन उनके सफर में रूकावटे हर कदम पर थी। जब उन्हे एक ब्रिगेड की कमान संभालनी थी, तब भी ऐसा ही हुआ था। Bureaucracy ने कहा कि वो एक ब्रिगेड को कमांड नहीं कर सकते।

तो Major Cardozo ने army chief को लिखा कि उसने ये साबित किया है कि वो एक बटालियन को कमांड कर सकता है, और ऐसा कोई कारण नहीं बचा है, तो उसे स्टाफ की नौकरी में demoted क्यों किया जा रहा है।

Army chief ने cardozo की बात को सुना और बाकी सबको कहा कि वो लोग क्यो Cardozo को harras कर रहे है और उन्हें Cardozo को Brigade की कमान देने को कहा।

 

उसके बाद में तीन disables officer, army commanders बने।  एक vice- chief भी बना, उसके पहले दोनों पैर कटे हुए थे।

 

Major Ian Cardozo ने कहा कि उनके पास देश के youth को कहने के लिए बहुत सी बातें हैं। एक तो आपके पास जीने के लिए केवल एक ही जीवन है, इसे पूरी तरह से जिएं। दुसरी, आपके पास एक दिन में 24 घंटे होते हैं, dont waste it! तीसरी बात है ‘कभी हार मत मानो।’

अगर आप किसी चीज में विश्वास करते हैं, तो उसे सही समय पर सही तरीके से करें।

Interview के end में Majir cardozo ने कहा कि उन्होने अपने जीवन में जो कुछ भी किया, उसके लिए उन्हे हमेशा उनकी पत्नी का support मिला है और तभी आज वो यहां तक पहुंच पाए है।

 

Jai Hind!

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