Bhola
दुनिया मेँ कई सारे jails हैं पर cellular jail जिसे Kalapani भी कहा जाता है सिर्फ़ एकलौता ऐसा jail हैं जिसको भारतीयों के साथ साथ दुनिया भर नें भी याद रखा है l लोगों के रोंगटे khade हो jaate थे और वह डर से काँपने लगते थे l और माना जाता है की वहां की सजाओं के अलावा जो दूसरा टॉर्चर था वह था वहां का खाना l सोचो अगर आपको जंगली घास-फूस से बनी हुई सब्जी या जंगली घास-फूस का पानी औऱ चावल खाने को दिया तो कैसा रहेगा? पर यहां पर सवाल उठता है की यह लोग इतना सब क्यों सह रहे थे l after all ये लोग तो freedom fighters थे l उन्हें लड़ना और धरती पर लगाव बहुत ज्यादा था, यानी वह लोग वहां से आसानी से आजाद हो सकते थे l पर क्यों वहां से किसी ने भागने के बारे में सोचा तक नही l इसी काले पानी की सज़ा के बारे में होगी आज की चर्चा l
यह कहानी है देश के महान freedom fighter Veer Savarkar कीl सन 1909 में Savarkar के मित्र Ajay Dhingra ने आजादी की क्रांति के दौरान एक British officer को गोली मार दी l अंग्रेज सरकार ने Dhingra को मौत की सज़ा सुना दी जिससे London में रहने वाले सभी भारतीय छात्र बहुत भड़क गए l इस पर Savarkar ने Dhingra को एक क्रांतिकारी बताकर इस movement को और भी आग डेडिl इस पर British government ने Savarkar को murder में शामिल होने और guns और ammunition की trafficking के जुर्म मे गिरफ्तार कर दिया l जिसके बाद उन्हें भारत लाकर उन्हें टॉर्चर करने के लिए jail में रखा गया l उन्हें Nashik के एक jail में रखा गया l जब वह jail में थे उसी समय Nasik ज़िले के collector Jackson ki हत्या कर दी गई l Nashik ज़िले के collector के Murder के charge पर Savarkar को काला पानी की सज़ा सुना दी गईं l
इस जगह के अंतर्गत कैदी को अंधेरी कोठारी में रखा जाता था l और उसे जगह पर अकेला भूखा प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया जाता था l हर कोठरी 15 फीट लंबी और 8 फीट चौड़ी हुआ करती थी l जिसमें केवल 3 meter की ऊंचाई पर एक छोटा सा रोशन दान होता था l cellular jail का हर jail khana ऐसे बनाया गया था की कोइ भी एक दूसरे कैदी से बात Na Kar पाए l,जेल में बंद स्वतन्त्रता सेनानियों को कोड़ों से बाँधा जाता था और इन्हे लोगों को खुल के बैल की जगह बांधकर सरसों और नारियल का तेल निकलवाया जाता था l हर कैदी को प्रतिदिन 30 pound नारियल का तेल निकालना होता था l यदि ऐसा नहीं कर पाता था तो उसे कोड़ों से मारा जाता था l इसके अलावा इन्हे jail की सफाई आसपास के इलाक़ों की सफाई, jail के construction आदि कामों में भी लगाया jata था l रुकने पर इनको मारा जाता था l यहां physically इतने challenging काम करने के बावजूद उनको भर पेट खाना तक नही दिया जाता था l इस सज़ा के अंतर्गत इस बात का खास ध्यान रखा जाता था की कोइ भी इक दूसरे कैदी से बात ना कर पाए l jail के अंदर कौन क्या कर रहा है यह किसी भी कैदी को पता नही होता था l
शायद यही कालापानी कि सज़ा की सबसे torturing चीज थी, human contact को एकदम cut कर दिया जाता था l क्यूंकि कालापानी की सज़ा में ज़्यादातर कैदी स्वतन्त्रता सेनानी थे तो इस बात का ध्यान रखा जाता था की किसी भी तरह उनका मनोबल तोडा जाये l cellular jail Andaman aur Nicobar islands के Port Blair शहर में बनाया गया था l यह खास इसलिए बनाया गया था क्यूंकि पुराने समय में माना जाता था की जो भी व्यक्ती Ocean को पार karta है वह अछूत हो जाता है l और उसका नाता धर्म और उसके परिवार से टूट जाता है l और जब भी कोई कैदी कालापानी कि सज़ा के लिए जाता था तो उसे एहसास हो जाता था की उसका लौटाना या ना लौटाना अब सब एक बराबर है l
कालापानी की सज़ा की दौरान Veer savarkar तकरीबन 10 साल Port Blair की कालापानी की jail में रहे l सन 1921 में बाल गंगाधर तिलक के कहने पर British government ने उन्हें इस शर्त पर आजाद किया कि वह किसी भी तरह से विद्रोह नही करेंगे l Savarkar Jante थे की सालों jail में रहने से बेहतर हैं बाहर आकर किसी तरह आजादी में हाथ बंटाना l इसीलिए कहने को उन्होने British सरकार की यह सब शर्तें मान ली l 1926 मे sarvakar की लिखीं हुए articles पर लगा Ban भी British सरकार ने हटा दिया l Savarkar ने अपने देश की Azadi के लिए अपना पूरा जीवन लुटा दिया l
Aise hi inspiring carry ki kahani ho sakti hai Ajay Devgan ki Aane Wali movie bola kya aap is movie ke liye excited Hai Hamen Jarur bataiyega
Ab jaate jaate aapko aapki fayda ki baat btaana chahti hu , toh agar aap bhi cinema ki duniya se judna chahte hai aur kaam karna chahte hai toh description box mei diye gye job link par click kare aur iss opportunity ka zarur fayda uthaye.
Apoorva.