Jawan

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Siachen glacier पर कड़ाके की ठंड का अंदाजा तो हर किसी को है। पर क्या ऐसा मुमकिज है की कोई इस ठंड मैं खुद ही अपने कपड़े उतार कर किसी काम को अंजाम दे। अगर बात देश प्रेम की हो तो ऐसा मुमकिन है ये साबित किया मेजर अजय सूद ने।

 

अजय सूद बचपन से इंडियन आर्मी जॉइन करना चाहते थे उनका यह सपना जल्द पूरा भी हो गया कॉलेज से निकलने के बाद ही उन्होंने इंडियन आर्म्ड फोर्स जॉइन कर ली इसके बाद उनकी पोस्टिंग सियाचिन ग्लेशियर पर लगी। सियाचिन ग्लेशियर एक ऐसी जगह है जहां पर हर चीज जम जाती है खाना पानी तो बहुत छोटी बात है कई बार यहां इंसान भी जम जाते हैं कई दफा हमने न्यूज़ में जैसे सुना है कि कोई जवान कभी टुकड़ी से अलग होने के कारण बर्फ में दबा रहे गया और उसका पार्थक शरीर कई सालों बाद उसके परिवार वालों तक पहुंचा। ऐसे tough conditions में रहने के लिए जहां लोग अपना जल्दी transfer चाहते होंगे वही अजय सूद को सियाचिन पहुंचने की बहुत जल्दी थी वह कहते हैं ना कि जब आपकी डेस्टिनी में ही बड़ा बनना लिखा हो तो आपको हर रिश्ता अपनी मंजिल की ओर दिखाई देता है । अजय को भी सियाचिन ग्लेशियर का एक्सपीरियंस हमेशा से ही लेना था। जिस दिन आ जाने से आसन ग्लेशियर पर भी टुकड़ी को ज्वाइन किया उसी दिन से वहां रहने के तौर तरीके सीख लिया पर उसे नहीं पता था की जब सबसे ज्यादा जरूरत आएगी तब वह तौर-तरीकों को साइट हटाकर केवल देश प्रेम के बारे में सोचेगा। सन १९५९ में जब चीनी सेना भारत पर अटैक कर रही थी और बार बार लगातार पीछे से बार कर रहिंथी tab Indian Armed Forces ने ऑपरेशन मेघदूत चलाया।

 

ऑपरेशन मेघदूत के चलते एयरफोर्स और आर्मी की मदद से चीनी आर्मी को कई बार पीछे धकेलने मे कामयाब रही भारतीय सेना बाल खुद भी कमज़ोर पड़ गया था। सियाचिन ग्लेशियर pe भारतीय जवानों की कमी हो गई थी। जहा भारतीय जवानों ने इस बात का अंदाजा दुश्मन को नहीं लगने दिया वही चीनी सैनिक और भी बड़ा अटैक प्लान कर रहे थे। बॉर्डर pe अपनी नजरे गड़ाए अजय सूद ने जब चीनी बॉर्डर pe harkat deekhi तब तुरंत अपनी मशीन गन लोड की और अपनी टुकड़ी को inform किया । पर वहा से जवाब आया को तुम पीछे हट जाओ क्युकी हमारे पास सैन्य बल bht kam hai। और मदद आने मैं अभी वक्त लगेगा। अजय के पास मशीन गन fire करने के लिए भी केवल दो पूरे राउंड्स बचे थे। पर हलचल धीरे धीरे बढ़ रही थी। अजय ने रुककर सोचा। और चांद सेकंड्स बाद अपनी फायरिंग पोजीशन pe aa गया। उसने चीनी सेना की टुकड़ी को पास आने दिया। ताकि उन्हें लगे की बॉर्डर पर से सैनिक भाग गए है। और जब wr kaafi kareeb aa गए तब अपनी मशीन गन से लगातार वार करके उनकी सेना को bht nuksan pahucha ya। पर पहले राउंड के बाद अजय की मशीन गन का एक पुर्जा अलग हो गया। चीनी सेना और करीब आ रही थी। ऐसे में अजय ने सियाचिन की ठंड में अपने जूते मोजे उतार कर अपनी मशीन गन को ठीक किया अपने शरीर को भी अपनी जैकेट की मदद से मशीन गन से कुछ इस तरह बंधा की अगर उसको कुछ हो भी जाता है तो फायरिंग न रुके।

 

चीनी टुकड़ी इस अटैक से बहुत घायल हो गई जिसके कारण उन्होंने अपना आर्क delay करना पड़ा। तब तक सियाचिन पोस्ट पे मदद आ चुकी थी । ऑपरेशन मेघदूत पूरा हुआ। चीनी सेना को पीछे खदेड़ा गया। और मेजर अजय सूद का शरीर जो सियाचिन की स्नोफॉल मे बर्फ के अंदर जम चुका था उसे भर निकाला गया। उस दिन मा भारती के इस सपूत ने कई जाने बचा कर अपनी जान दे दी।

 

ऐसी ही जाबाज जवान की कहानी होने वाली ही शाहरुख खान स्टारर जवान।

 

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Apoorva

 

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