प्रकाश पांडे रानीखेत गांव का मूल निवासी है। उसके पिता फौजी थे,और मां housewife । मां के निधन के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां की वजह से प्रकाश और उसके पिता लक्ष्मी दत्त पांडे के बीच अनबन रहने लगी। जिसका गुस्सा वह स्कूल में निकालने लगा। एक बार उसने अपने स्कूल के दो सीनियरों को बेरहमी से पीट दिया। जिसके बाद वह कुछ शातिर किस्म के छात्रों के contact में आ गया। दुस्साहस बढ़ा तो कुछ समय बाद उसने कुछ बदमाश किस्म के लोगों के साथ मिलकर अपनी गैंग बना ली।
जरायम की दुनिया में कदम रखने का यह पहला कदम था। धीरेधीरे प्रकाश ने illegal शराब और लीसा की रानीखेत, नैनीताल, हल्द्वानी, अल्मोड़ा में स्मगलिंग शुरू की। illegal कामों से उसकी कमाई बढ़ी तो उसका दुस्साहस भी बढ़ गया। चूंकि इन कामों से खूब मोटी कमाई होने लगी तो प्रकाश को इन कामों की जैसे लत ही लग गई। ऐसे में उसने मुंबाई जाकर डॉन बनने की ठानी। फिर नब्बे के दशक में उसने अकेले मुंबई का रुख कर लिया।
प्रकाश के मुंबई पहुंचने के दौरान देश बाबरी मस्जिद case के बाद फैली sectarian voilence की आग में जल रहा था। इसी दौरान हुए मुंबई ब्लास्ट को लेकर लोगों में रोष था। ब्लास्ट का जिम्मेदार दाउद को बताया गया। यही वह दौर था जब छोटा राजन ने दाऊद इब्राहिम से अलग होकर अपना अलग गैंग बना ली। छोटा राजन को अपनी गैंग के लिए कुछ दुस्साहसी shooters की जरूरत थी। ऐसे में एक दिन मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर प्रकाश की मुलाकात छोटा राजन गैंग के गैंगस्टर पुनीत तानाशाह और विक्की मल्होत्रा से हुई।
पुनीत और विक्की ने प्रकाश की मुलाकात छोटा राजन से करवाई थी। छोटा राजन गैंग में भर्ती करने से पहले सामने वाले का दुस्सहास और भरोसा परखता था। प्रकाश पांडे में कितना दमखम है, देखने के लिए उसने एक कॉन्ट्रेक्ट किलिंग का ठेका दिया। ये कांट्रैक्ट छोटे मोटे आदमी को मारने का नही था बल्कि राजनीति के दिग्गज एक नेता की हत्या का था। प्रकाश पांडे को तो मुंबई का डॉन बनना था सो उसने उस नेता के सुरक्षा घेरे को तोड़कर उसके माथे के बीचोबीच 9 एमएम की पिस्टल से गोली मार दी।
दिन दहाड़े हुई इस हत्या से महाराष्ट्र सरकार भी हिल गयी। उधर छोटा राजन प्रकाश का दुस्साहस देखकर उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। उसे ऐसे शूटरों की ज़रूरत थी। जल्द ही प्रकाश पांडे छोटा राजन के गैंग में उसका सबसे करीबी बन गया। इस बीच गैंग की सहाल पर प्रकाश पांडे ने अपना नाम बदलकर Bunty Pandey रख लिया।
मुंबई का बम धमाकों से दहलाने के बाद दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील सौंपकर पाकिस्तान में जा छुपा। जिसके बाद छोटा राजन बंटी पांडे, विक्की मल्होत्रा और पुनीत तानाशाह ने दाऊद क हत्या की प्लानिंग बनाई।
छोटा राजन चाहता था कि मुंबई से दाऊद का सूपड़ा साफ हो जाये और उसकी गैंग मुंबई में अपना खौफ पैदा कर राज कर सके। लेकिन पाकिस्तान कौन जाए, चला भी जाए तो हत्या कैसे हो और हत्या हो जाये तो वहाँ से जिंदा लौट आना मुमकिन नहीं था। इसी उलझन में छोटा राजन था। बंटी उर्फ प्रकाश ने छोटा राजन को कहा कि मैं जाऊंगा और प्लान को मैं ही लीड करूंगा।
साल 1998 में बंटी पुनीत और विक्की किसी तरह पाकिस्तान पहुंचे, जहां छोटा राजन के gang ने उन्हें हथियार provide करवाए और इनपुट दिया कि दाऊद के घर से कुछ दूरी पर स्थत एक मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता है। ये जानकारी मिलने के बाद तीनों ने सऊदी सिटीजन का भेष धरा और मस्जिद के आसपास घात लगाकर बैठ गए। लेकिन दाऊद छोटा राजन के साथ काम कर चुका था और उसे उसकी हरकतों के बारे में पता था, इसीलिए हत्या के प्लानिंग की भनक दाऊद को लग गयी और वो मस्जिद गया ही नहीं।
ये प्लान फेल हो गया तो साल 2000 में राजन गैंग ने फिर दाऊद की बेटी मारिया के death पर दाऊद की हत्या का प्लान बनाया। लेकिन ये प्लान भी फेल हुआ। इस बार दाऊद ने गुस्से में आकर उल्टा छोटा राजन पर ही गोलियां चलवा दी। इस गोलीबारी में राजन गैंग का रोहितवर्मा मारा गया।
तो ये कहानी थी Bunty की , ऐसे ही कहानी आपको देखने को मिल सकती है डॉन 3 में.
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Brief;
Don 2: The King Is Back, also known as Don 2, is a 2011 Indian Hindi-language action thriller film written, co-produced and directed by Farhan Akhtar. It is the second installment in the Don reboot series..The film’s story takes place 5 years after the previous film when Don (Shah Rukh Khan), a ruthless international drug lord, plans to take over the European drug cartel. Meanwhile, Roma (Priyanka Chopra) has joined the Interpol to hunt him down.
Rashika Patel