सालों पुरानी बात है गुंजन पुर नामक गांव में राजीव नाम का एक फौजी रहता था । राजीव indian army में leftinent के पद पर नौकरी करके देश की सेवा करता था। गांव मे उसकी बीवी सुनीता और माता-पिता रहते थे। होली का समय नजदीक आ रहा था। राजीव छुट्टी लेकर अपने घर पहुंच गया। जब राजीव को उसकी बीवी और माता-पिता ने घर पर आते देखा तो तीनों बहुत खुश हुए। समय इसी तरह चलता रहा । एक सुबह राजीव कुर्सी पर बैठकर चाय पीते पीते अखबार पढ़ रहा था तभी सुनीता ने उसे कहा की अब जब उसे छुट्टी मिली ही है तो उन दोनो दो जाकर Gorukhpur मे फूफाजी के पास हो ana चाइए।
अगले दिन राजीव और सुनीता तैयार होकर नई दिल्ली railway station पहुंच जाते हैं । राजीव और सुनीता दोनों train में जाकर अपनी seat पर बैठ जाते हैं । थोड़ी देर बाद train नई दिल्ली से गोरखपुर के लिए रवाना हो जाती है । राजीव सुनीता आपस में बात कर रहे होते हैं। तभी चार लोग आकर उनकी seat के पास खड़े हो जाते हैं । चारों लोग राजीव की पत्नी सुनीता को छेड़ने के इरादे से भद्दी टिप्पणियां करने लगते हैं।
राजीव को यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आता है। राजीव अपने गुस्से को पीते हुए उन लोगों से कुछ कहने वाला होता है कि तभी सुनीता उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेती है।
राजीव सुनीता की बात सुन कर चुपचाप बैठ जाता है पर उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता। पानी को सिर से ऊपर जाता देख राजीव उनसे कहता है की दूसरी seat खाली है वह लोग वहां जाकर बैठ जाए पर वह लोग उल्टा राजीव से ही बदतमीजी करने लगते हैं।
राजीव उनकी बात का कोई जवाब दे पाता उससे पहले सुनीता कहती है कि यह लोग तो यहां से जाने वाले हैं नहीं हम ही खाली sear पर जाकर बैठ जाते हैं । राजीव सुनीता seat से उठकर जा रहे होते तभी चौथा वाला आदमी उनका रास्ता रोकता है और सुनीता पर फिर से comment pass करने लगता है।
यह बात सुनकर राजीव का खून खोल जाता है और वह चौथे आदमी का गिरेबान पकड़कर उसे खूब मारता है । इसके साथ ही उसके साथ ही राजीव पर हमला बोल देते हैं । Train में यह सब लोग देख रहे होते हैं लेकिन कोई भी राजीव की मदद के लिए आगे नहीं आता । राजीव गुंडों से बड़ी बहादुरी से लड़ता है इसके बाद इनमें से पास में पड़ी rod को उठाता और राजीव के सर दे मारता है जिससे राजीव बेहोश होकर नीचे गिर जाता है।
सुनीता को अकेले देख कर चारों लोग सुनीता को पकड़कर train के ऐसे हिस्से में ले जाते हैं जहां पर कोई भी नहीं था।
इसी बीच सुनीता train में बैठे लोगों से मदद मांगती है लेकिन सभी लोग उसे देखकर अपना मुंह मोड़ लेते है। कोई मदद के लिए कोई सामने नहीं आता। सुनीता उनसे बचने के लिए हाथ पैर चलाती है। पर उनके से एक उसका मुंह और दूसरा उसके हाथ पकड़ लेता है।
वहीं दूसरी तरफ राजीव को होश आ जाता है। वह सुनीता को अपने पास ना पाकर और परेशान हो जाता है । राजीव को सुनीता के चिल्लाने की आवाज आती है ।वह side मे पड़ी rod उठाता है और जहां से सुनीता की आवाज आ रही होती है उस और बढ़ने लगता है ।।वह लोग सुनीता के साथ बलात्कार करने की कोशिश कर रहे होते हैं । यह देखकर राजीव आग बबूला हो जाते हैं और पहले आदमी के सर पर जोर से rod मारता है । दूसरा आदमी उस पर हमला करने के लिए आगे बढ़ता है लेकिन राजीव उसे चलती train से बाहर फेंक देता है । इसके बाद एक-एक करके बदमाशों की पिटाई करता है।
Train अगले station पर रूकती है और तभी कुछ पुलिसवाले train के अंदर चढ़ते हैं। Train की हालत देखकर लगता है कि राजीव ने चारों को मारा है।
इसलिए वह राजीव को ले जाकर जेल में बंद कर देते हैं । सुनीता चिल्लाती रहती हैकी उन्होंने कुछ नहीं किया है छोड़ दो । राजीव ने उन्हें अपनी पूरी कहानी बताइ। और यह भी बताया कि वह एक सिपाही है और उसने तभी अपना हाथ उठाया जब बात सर से बहुत ऊपर निकल गई थी। पुलिस वालों ने उनकी बात सुनी और सही मुजरिमों को पकड़कर जेल में डाल दिया।
ऐसे ही वीर जवान की कहानी होने वाली है shahrukh khan starrer Jawan
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