Karan Arjun, bollywood की वो फिल्म है, जिसने हमें हँसाया भी है और रूलाया भी है। कभी इसके गानों के साथ झुमना, तो कभी ‘ये बंधन तो प्यार का बंधन है’ गाने पर Durga के साथ emotional होना, ये सब करने का मौका हमें Karan Arjun फिल्म से मिला है।
अब इस फिल्म के अगले पार्ट यानी Karan Arjun 2 में हमें क्या देखने को मिलेगा, ये तो फिल्म आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन तब तक के लिए आप जुडे रहिए हमारे साथ और सुनते रहिए फिल्मों की नई नई कहानियाँ।
जैसे Karan Arjun फिल्म की कहानी की शुरूआत होती है, जब करण अपने boss Rajnath Thakur के एक कदम पिछे चलता है। Rajnath Thakur Thakur groups का मालिक है, जिसमें हथियारों की trading की जाती है। Rajnath Thakur एक Army retired officer है, जो आज भी उतना ही strict है, जितना कि वो army में था। Karan Rajnath का सबसे विश्वसनीय bodyguard है, जिसने पिछले एक साल में उसका दिल जीत लिया है। गाडी के सामने खडा उसका नया driver,जिसकी driving skills से impress होकर rajnath ने उसे ये नौकरी दी थी। Arjun अपने नए boss Rajnath के लिए दरवाजा खोलता है और करण passenger seat पर बैठ जाता है। Arjun Thakur groups की तरफ उन्हें लेकर जाता है।
Car में बिल्कुल शांति होती है, जो Arjun को खटकती है और वो कहता है,” तो boss क्या चल रहा है, आजकल देश में?” राजनाथ, newspaper से अपनी नजरे उठाता है और Arjun को घूरता है। इससे पहले की rajnath कुछ कहे, करण अर्जुन को कहता है,” Sir को interruptions पसंद नही है।” तो Arjun Rajnath से नजर हटाकर karan से पुछता है,” कोई नही तो तुम ही अपना हाल चाल बता दो।”
जब करण जवाब नही देता तो Arjun हंसकर कहता है,” चलो मैं ही शुरूआत करता हूँ। मेरा नाम Arjun है, मेरी hobby है गाडी चलाना, गाडी ताड़ना और गाडी भगाना।”
Red light पर रोकने के बाद Arjun, करन को देखता है कि वो अब तो कुछ बोले। तो करन एक शब्द में अपना नाम बताकर खुद को introduce करता है। जिंदगी का सबसे Shortest intro सुनकर arjun मन ही मन बडबडाता है,” जैसा मालिक, वैसा नौकर!”
लेकिन करन उसकी बात सुन लेता है और उसे घूरने लगता है। गाडी में फिर से सन्नाटा छा जाता है और तब अचानक Rajnath का phone बजता है।
Rajnath calmly बाते सुनकर, गाडी जल्दी घुमाने को कहता है। Arjun गाडी घुमाता है और वो लोग एक अलग location की तरफ जाते है। करन को idea है कि, राजनाथ के बेटे ने फिर कुछ कर दिया होगा, वरना strict rajnath अपने schedule को किसी के लिए change नही करता।
करण ने पिछले एक साल में ये notice किया है, कि जब भी बात राजनाथ के बिगडे बेटों पर आती है, तो राजनाथ उन्हे personally संभालता है।
एक farmhouse के सामने उनकी गाडी रूकती है और Rajnath के कदम जल्दी जल्दी अंदर जाते है। Karan उसके पिछे जाता है और Arjun वही रूकता है।
अंदर Veeran Thakur वहां नशे में चूर पडा है। ये कोई नई बात नही थी। लेकिन जो बात Rajnath को यहां तक ले आई, करण उसे जानना चाहता था। राजनाथ सीधा एक कमरे में जाता है जहां पर एक लडकी chair पर बंधी हुई थी। उसके गले में camera है, आंखो पर पट्टी और मुंह पर टेप लगी हुई है।
करण समझ जाता है कि इस reporter की वजह से rajnath यहा आया है। क्योंकी चाहे कुछ भी हो जाए, राजनाथ ने कभी अपने नाम और काम पर एक काला धब्बा नही लगने दिया है। उसकी reputation अंदर से चाहे कितनी भी काली हो, लेकिन बाहर से एकदम दूध जैसी सफेद है।
Rajnath उसका camera उठाता है और करण को पकडा देता है। वो reporter लडकी कुछ कहने की कोशिश करती है, लेकिन खुद को chair पर हिलाने के अलावा वह और कुछ नही कर पाती। करण हर बार की तरह camera को बिल्कुल खाली करके वापस उस लडकी के गले में डाल देता है। और तब Rajnath उन सारे evidences को उसके secretary Ashok यानी Sampath Raj को देता है और दोनों अलग बात करने चले जाते है।
करन की नजर उसके सामने बैठी लडकी पर पडती है, उसके चेहरे पर आंसू या डर का नामोनिशान नही था। करण जानता है कि उसे ही इस लडकी को यहां से ले जाना होगा। करण अपना पूरा focus अपने मिशन पर रखता है और उस लडकी को बेहोश करके उसे गाडी में डाल देता है। Arjun उसे shock से देखता है जब करन उसे गाडी चलाने का order देता है।