Senior IPS officer, SRP Kalluri छत्तीसगढ़ cadre के देश के recent पुलिस इतिहास में सबसे controversially शख्सियतों में से एक हैं। जब से राज्य में उसकी service शुरू हुई, उन पर rape, murders, extra judicial killings और fake surrenders की साजिश का आरोप लगाए गए है।
और सबसे ताजुब वाली बात ये है कि allegations की वजह से जब भी उन्हे transfer किया जाता है को surprisingly जब वो वापसी करते है तो एक पद और उपर अपने नाम करके आते है।एक तरह सो हर हार उनकी post promote हो जाती है।
इसी same situation, पर same allegations के साथ अगर कोई और officer होता, तो वो या तो suspended, या terminated हो जाता। और कुछ नही तो at least उसे कही और की दुसरी posting तो नही मिलती। लेकिन यहां छत्तीसगढ़ के economic offences wing और Anti-Corruption bureau के head के रूप में SRP कल्लूरी को appoint किया गया है।
कल्लूरी की कहानी उस समय की है जब छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग कर बनाया गया था। वो बिलासपुर के superintendent बने और बिना किसी देरी के orders का पालन करने और सही ढंग से करने की वजह से वो जोगी के करीबी बन गए।
2007 में लेधाबाई gang tape case का मामला सुर्खियों में आया, जिसमें kalluri पर एक आदिवासी महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया।
उसके अलावा kalluri पर ‘special police officers’ के माध्यम से गोली मारने और हत्या करने का आरोप भी लगाया गया है। 2014 से, Bastar IG के रूप में उनका शासन शुरू हुआ, और 2017 की शुरुआत में, जब उन्हें छुट्टी पर भेजा गया था, तब से नक्सलियों की संख्या और surrenders के आंकड़ों में तेची से उछाल आया था।
किसी भी person की तरह, उन्होंने बस्तर में भी “शहरी नक्सलियों” का विरोध करने के लिए एक social organisation भी बनाई।
तो वही kullari कैसे वापस आ गया है – अब नई सरकार के साथ? एक अंदरूनी सूत्र से पता चला कि कल्लूरी की result देने की capability का मुख्यमंत्री चतुराई से use कर रहे हैं, जिन्होंने उसे specific targets दिए हैं। अब या तो kullari उन्हे perform करेगा या फिर उसका काम तमाम होगा।
दो cases ऐसे हैं, जिनकी फाइलें बघेल सरकार ने दोबारा खोली हैं। एक है 2013 में कांग्रेस नेताओं का Jheeram Mass Massacre case है और दुसरा अन्य बहुत अधिक confuse करने वाला NAN case है। दोनों ही मामलों में कल्लूरी अहम हो सकता है। इनके अलावा एक तीसरा भी है जिसे अंतागढ़ CD केस के नाम से जाना जाता है।
ये एक दूर दूर तक फेैली हुई rumour थी कि नक्सलियों के झीरम में कांग्रेस नेताओं महेद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल, विद्या चरण शुक्ला और 34 अन्य लोगों की हत्या के पीछे एक ulterior motive था। भाजपा ने सुझाव दिया कि यह जोगी हो सकता है जो एक public meeting के तुरंत बाद एक हेलिकॉप्टर में venue से बाहर निकल गया था।
कुछ भी कहो लेकिन कल्लूरी के छत्तीसगढ़ के economic offences wing और Anti-Corruption bureau के head बनने से कई तरह के मुद्दे उठाए जा रहे हैं, क्योंकि Anti corruption bureau के नए head का अतीत कई विवादों में उलझा हुआ था।
सबसे recent घटना 2017 की शुरुआत में हुई थी, जब कल्लूरी को एक private ceremony, अपने seniors की permission के बिना ही attend की। जिसके बाद उसे discipline के warning letters मिले थे। फरवरी 2017 में जब social activist बेला भाटिया पर बस्तर में भीड़ द्वारा हमला किया गया था, तो इस घटना से पहले ही कल्लूरी मुश्किल में था। इस घटना के बाद, उन्हें बस्तर में पुलिस superintendent के पद से हटा दिया गया था।
2011 में, ये सबने अनुमान लगाया गया था कि दंतेवाड़ा के senior superintendent कल्लूरी, तीन आदिवासी गांवों को जलाने में शामिल थे।
Arson, जिसे पुलिस के द्वारा शुरू की गई , माना जाता है, ने ताड़मेटला में 300 घरों को नष्ट कर दिया, ताड़मेटला, मोरपल्ली और तिम्मापुरम के गांवों में तीन पुरुषों की मौत और तीन महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
और इस encounter के लिए जिम्मेदार officer के रूप में कल्लूरी का नाम दर्ज किया गया था। हालांकि, जांच की final रिपोर्ट से, details of incidents clearly नही लिखी थी।
SRP Kalluri, जिसे almost हर कोई villain समझता है। जिस पर इतने आरोप लगने के बाद भी हर बार evidences की कमी की वजह से वो बच जाता है और बदले मों जब उसकी वापसी होती है, तो वो एक big promotion के साथ होती है।