यह कहानी है Alex Cooper की। कहानी की शुरुआत होती है 1986 से Alex की उम्र 65 साल थी। Alex की वाइफ Margret अपने 5 बच्चों के साथ एक बड़े से घर में रहा करते थे सभी बच्चों की शादियां हो चुकी थी और दोनों के आठ पोता पोती भी थे । यह 15 लोग एक बड़ा परिवार बनाते थे। Alex का Canada में Cleaning business था। 20 साल तक उसने काम किया से पैसे कमाए और अब उसने घरों तक grocery पहुंचाने का भी काम शुरू कर दिया था।
Alex ki बेटी लीला अपने पति के साथ 4 अप्रैल 1987 को british Columbia के एक शहर में shopping करने जा रही थी जब उन्हें अपने पिता की car एक parking lot में दिखाई दी। leela ने उतर के देखा तो उनके पिता की jacket और कुछ fishing का सामान car के अंदर रखा था पर पिता उस car में नहीं थे। वह कुछ देर रूकी पर वहां कोई नहीं आया । जब उन्होंने आसपास के लोगों से बातचीत की उन्हें पता चला कि car काफी देर से वहीं पर खड़ी है । उन्होंने अपनी मां को phone किया तो पता चला कि उसके पिता 1 दिन पहले के निकले हुए हैं। दोनों ने परेशान होकर पुलिस ने missing की report file कर दी।
कोई भी सबूत कार के अंदर से भी ना मिलने पर पुलिस ने अगले दिन Alex की फोटो अखबार में निकाल दी। एक शख्स ने बताया कि उसने alex को देखा था और वह कहीं lift मांग रहे थे जो जगह शख्स ने बताई वह car से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर थी। पर Alex की car भी बिल्कुल ठीक पाई गई थी । तो alex lift क्यों मांग रहे थे वह भी ब्रिटिश कोलंबिया के दूसरे शहर जाने के लिए।
पुलिस को यह तो समझ आ गया था कि alex जहां भी गया है अपनी मर्जी से गया है। पर family के मुताबिक उसके पास यूं ही सब कुछ छोड़कर जाने की कोई भी वजह नहीं थी । 1 साल बीत गया। अब तक alex के परिवार वाले भी मान चुके थे कि वह दुनिया में नहीं रहे। Alex Cooper का death certificate और pension निकलने के लिए उनके birth certificate को ढूंढा जाने लगा । पर उनकी पत्नी और बच्चों को वह मिला ही नहीं। इसके बाद से अपने इलाके के authorities के पास गए और वहां से birth certificate की copy निकलवाने की कोशिश की तो पता चला कि इस नाम का कोई शख्स कभी था ही नहीं। Alex के पूरे परिवार का data वहा मौजूद था पर उसका नहीं। Alex के जिंदा होने का केवल एक ही परिवार के पास था जो था उसका और margret का marriage certificate इससे पहले एलेक्स को ऊपर के जिंदा होने का कोई भी प्रमाण था ही नहीं।
5 साल और बीत गए। 21 अप्रैल 1991 की तारीख आती है। R
Toronto पुलिस को call आती है कि उनके पड़ोसी David Cooper कई दिनों से घर नहीं आए हैं जिसकी वजह से उनके पड़ोसी उनकी missing report लिखवा रहे हैं। पुलिस उस घर में पहुंचती है और घर की तलाशी लेती है तो वहां से david की फ़ोटो मिलती है जिसमें उन्होंने एक छोटे से बच्चे को पकड़ रखा है। पुलिस इस फोटो को पुलिस स्टेशन लाती है और अपने database में डालती हैं। David का वहां कोई record नहीं बनता। लेकिन वह तस्वीर 5 साल पहले गुम हुए Alex Cooper की तस्वीर से हूबहू मिल गई।
जब Toronto पुलिस ने ब्रिटिश कोलंबिया पुलिस से बात की तो दोनों ने साथ आगे बढ़ाने की ठानी । दूसरी तरफ 2 दिन बाद David Cooper अपने घर लौट आया और घर आते ही उसे समझ आ गया कि यहां कोई आया था तो उसने अपने पड़ोसियों से पूछा। पड़ोसियों ने उसे सारा मामला बताया । यह सुनते ही पुलिस david हड़बड़ा जाता है और वहां से जितना सामान हो सके उठा कर भाग जाता है । वहां परपड़ोसी उसी पुलिस को inform कर देते हैं david फिर गायब हो चुका था।
10 जनवरी 1992 पुलिस को एक call आया जिसमें 1 आदम ने बताता है कि उसने missing persons की report में एक आदमी को देखा है जो उसके apartment के पास ही रहता है। पुलिस की team apartment पहुंचती है और david को पर उन्हें मिल जाता है।
फिर उसने अपनी कहानी बताने शुरू करी। इसने बताया कि उसका असली नाम Alben था और अनाथालय में बढ़ा हुआ था । टोरंटो में एक बैंक में उसकी नौकरी लग गई थी। एक दफा बैंक में चोरी हो गई जिसका इल्जाम Alben पर लग जबकि उसने कोई चोरी नहीं करी थी । बेगुना होंके पकड़े जाने के डर से Alben तुरंत वहां से भाग गया और ब्रिटिश कोलंबिया में आकर रहने लगा । यहां उसने कुछ फर्जी कागज बनवाएं और वहां एक नई जिंदगी शुरू करी। पर 65 साल की उम्र आने तक Alben को समझ आ गया था कि उसे अपना birth certificate दिखाना पड़ेगा क्योंकि उसे जल्दी rerirement मिल जाएगी। इसी कारण उसने वहां से भागना ठीक समझा।
35 साल तक Alex ने एक झूठे नाम से जिंदगी जी।
ऐसे ही ठग की कहानी होने वाली है bade miyan chote miyan 2
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Apoorva