अगर रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल violence की डेफिनेशन बदलने वाली है, तो वही विजय थलपती की फिल्म लियो वायलेंस की नई डेफिनेशन ही लिखने वाली है। मतलब महात्मा गांधी जी ने कहा था कि violence नहीं करना चाहिए, पर इन लोगों ने अपनी फिल्मों में इसका बिल्कुल उल्टा किया है। हालांकि यह सब फिल्मो में हो रहा है।
वैसे लियो अपने violent और हटके कैरेक्टर्स की वजह से इतना buzz क्रिएट कर चुकी की है, की फैंस ट्रेलर देखने के बाद ही theatres में तोड़फोड़ करने लगे। और ऐसे violence में बच्चे भी होते हैं, जिनपर इसका असर होता है। तो बच्चों पर असर ना हो, इसलिए सेंसर बोर्ड ने कुछ सीन्स कट या replace करने के लिए भी कहा है।
वैसे इंडिया में फिल्म की क्या सिचुएशन होगी पता नहीं, पर Ahimsa Entertainment जो यूके में बेस्ड एक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है, उन्होंने तय किया है कि यह लोकेश कनागराज की फिल्म है इसलिए इसमें कोई कट्स नहीं लगाए जाएंगे। और यह फिल्म जब ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस तक पहुंचेगी, उसके बाद वो यह भी तय कर सकते हैं कि 12 साल और उसके नीचे के बच्चों को यह फिल्म दिखाई जाए या नही। पर अभी के लिए तो फिल्म 15 और 15 से ऊपर के बच्चे देख सकते हैं।
वैसे violent हरकतों की वजह से थोड़ा संभलकर decisions लेने पड़ते है। अब यह जबरदस्त फिल्म जरूर होगी, पर इसमें जो कैरेक्टर्स है वह जानवर है। अब देखिए ना, जैसे की अर्जुन सरजा का जो कैरेक्टर है Harold das, उसका अंदाज बिल्कुल रोलेक्स की तरह नजर आ रहा था। वही रोलेक्स जो हमें विक्रम के क्लाइमेक्स में नजर आया। Harold ने उसी की तरह कार से एंट्री ली, उसकी फैक्ट्री में सारे लोग इकट्ठा हुए, और Harold ने अपना गुस्सा निकालते हुए एक बंदे का हाथ काटा। पर वही रोलेक्स ने पूरे एक बंदे को ही मार दिया। मतलब Harold और रोलेक्स में कौन खतरनाक दिख रहा है?
खैर, पर इसी वजह से सेंसर बोर्ड भी डर जाता है। पर uk में तो no cuts के साथ फिल्म देखेंगे, मतलब उन्हें डर नहीं लग रहा।
तो देखते हैं अब आने वाले दिनों में लियो लेकर और क्या-क्या अब सुनने को मिलता है।